मित्रों।
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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कुछ अलाहदा शे’र :
ख़ाली लिफ़ाफ़ा
1.
डूब तो जाऊँगा हरगिज़ है शर्त इतनी के,
मैं जहां हूँ वहां आँखों का समन्दर आए।
2.
उसमें इज़हारे मुहब्बत का असर तो कर दे,
ऐ ख़ुदा भेज दिया ख़ाली लिफ़ाफ़ा उसको।
3....
अंदाज़े ग़ाफ़िल पर
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल
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...और इस प्रकार
देश के फुटकर कोनों में
हुतात्मा नाथू राम गोडसे
अमर हुआ
Shabd Setu पर
RAJIV CHATURVEDI
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अच्छा कहा -
हमने हर नजर, हर शख्श हर बज़्म
हर नज्म को अच्छा कहा -
गुजर गया, जो जा रहा अपने सफर
हर मुसाफिर को अच्छा कहा -..
हर नज्म को अच्छा कहा -
गुजर गया, जो जा रहा अपने सफर
हर मुसाफिर को अच्छा कहा -..
उन्नयन पर udaya veer singh
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इंतज़ार को समझोगे...
उदासियों को समझोगे
समझ आएगा मन का अकेलापन
अंधकार को समझोगे समझ आएगा
दीपक का अकेलापन
इंतज़ार को समझोगे
समझ आएगा मेरा अकेलापन...
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आजकल अधिकांश लोग खुद को खूबसूरत बनाने के लिए ढेरो कॉस्मेटिक प्रोडक्ट यूज करते हैं। ऐसे में कई बार उन्हें इन प्रोडक्ट के रिएक्शन भी झेलने पड़ते हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए हमें अब अपनी जड़ों तक जाना होगा, यानी सदियों से चला आ रहा परंपरागत हर्बल ज्ञान अपनाना होगा। आज हम कुछ चुनिंदा हर्बल नुस्खों का जिक्र करेंगे, जिनका उपयोग करके सालों से महिलाएं अपना सौंदर्य निखारती आई हैं...
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गोरेपन की देवी को
एक सांवली लड़की का खत
मेरे जैसी सांवली लड़कियों के माता-पिता पर क्या गुजरती है यह आपने कभी सोचा है? इस देश में आज भी अधिकांश माता-पिता लड़की के जन्म लेते ही उसकी शादी और दहेज की चिंता में असमय बूढ़े हो जाते हैं. अगर लड़की सांवली या काली हुई तब तो वे उसे खुद के लिए कोई दैवीय प्रकोप ही मान लेते हैं. क्योंकि अखबारों या वेबसाइटों पर शादी के लिए दिये गये विज्ञापन इस बात के उदाहरण हैं...
अ-शब्द
एक सांवली लड़की का खत
मेरे जैसी सांवली लड़कियों के माता-पिता पर क्या गुजरती है यह आपने कभी सोचा है? इस देश में आज भी अधिकांश माता-पिता लड़की के जन्म लेते ही उसकी शादी और दहेज की चिंता में असमय बूढ़े हो जाते हैं. अगर लड़की सांवली या काली हुई तब तो वे उसे खुद के लिए कोई दैवीय प्रकोप ही मान लेते हैं. क्योंकि अखबारों या वेबसाइटों पर शादी के लिए दिये गये विज्ञापन इस बात के उदाहरण हैं...
अ-शब्द
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गांधीजी की हत्या,
आर.एस.एस. और मिठाईयां
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgDdj5Nx_W-7Ost4t4bRkFdOt4YwOzU8B3zSsJSTo-LpHTBpqrTS6tKDvKERlDk3rTqXEWtQhuanrrPrVGxwB-5xNWQ7CON3_cFyXl7AHaeIzE9SvzeTaAiN1Wz5ca-XlFIafwxPyy5dJVJ/s320/mahatma-gandhi.jpg)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके आनुषंगिक संगठनों के लिए महात्मा गांधी की हत्या हमेशा एक हर्ष,उन्माद और गौरव का प्रतीक रहा है। ऐसा होना बिल्कुल स्वाभाविक भी है। गांधी का जीवन हर उस चीज के खिलाफ था, जिसे आरएसएस सही समझता रहा है। जैसे धार्मिक दम्भ, अभिमान और अपने धर्म को सर्वश्रेष्ठ समझना और दूसरे धर्माें को नीचा मानना आरएसएस की धार्मिक सोच का एक स्थाई आधार है। यह सोच उनके लिए प्राण वायु के समान है। गांधी की सोच धर्म के मामले में इससे एकदम उलट है...
जनपक्ष
आर.एस.एस. और मिठाईयां
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgDdj5Nx_W-7Ost4t4bRkFdOt4YwOzU8B3zSsJSTo-LpHTBpqrTS6tKDvKERlDk3rTqXEWtQhuanrrPrVGxwB-5xNWQ7CON3_cFyXl7AHaeIzE9SvzeTaAiN1Wz5ca-XlFIafwxPyy5dJVJ/s320/mahatma-gandhi.jpg)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके आनुषंगिक संगठनों के लिए महात्मा गांधी की हत्या हमेशा एक हर्ष,उन्माद और गौरव का प्रतीक रहा है। ऐसा होना बिल्कुल स्वाभाविक भी है। गांधी का जीवन हर उस चीज के खिलाफ था, जिसे आरएसएस सही समझता रहा है। जैसे धार्मिक दम्भ, अभिमान और अपने धर्म को सर्वश्रेष्ठ समझना और दूसरे धर्माें को नीचा मानना आरएसएस की धार्मिक सोच का एक स्थाई आधार है। यह सोच उनके लिए प्राण वायु के समान है। गांधी की सोच धर्म के मामले में इससे एकदम उलट है...
जनपक्ष
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![Amrita Tanmay](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEigtkkUGHz3qD0U-JsckgMVgvksIV54Anyt_nMC2q_5R5o2aiPcn2dPFz1DaGLgxpzK1Sx2Pl04fbIzkdMpmQgK953i79bNq2p-h0MxbhjKuMmTazweC9uMtKENpZmPD34AeUnNySwbnks/s320/swefsdsfsadfsdfsa.jpg)
बसंत कियो जो हिय में बसेरा
आपुई मगन भयो मन मेरा
आओ पिय अब हमारे गाँव
बसंत को दियो अमरपुरी ठाँव
फिर कोंपलें फूट-फूट आई
फिर पत्तों ने पांजेब बजाई...
आपुई मगन भयो मन मेरा
आओ पिय अब हमारे गाँव
बसंत को दियो अमरपुरी ठाँव
फिर कोंपलें फूट-फूट आई
फिर पत्तों ने पांजेब बजाई...
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टूट गया नाता.....
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEji-r1XBl7m6Er1uuV0teMpgdPCOBVtLW7vH2aoCcRbm2kXG1KpyaeNFiDm3iMnwmSt2YXDgyBNjAIrYlpheHh30idJhhzwTvHW5C9MzwvyhjuXlLJbo7kjiIWARoUsV4cN-t0JsAM3thI/s320/ppppppppppp.jpg)
सांझ....
संकेत है कि छानेवाला है
अंधेरा....
ये किसी का षडयंत्र नहीं,
प्रकृति है....
नई सुबह के लिए...
रूप-अरूप
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEji-r1XBl7m6Er1uuV0teMpgdPCOBVtLW7vH2aoCcRbm2kXG1KpyaeNFiDm3iMnwmSt2YXDgyBNjAIrYlpheHh30idJhhzwTvHW5C9MzwvyhjuXlLJbo7kjiIWARoUsV4cN-t0JsAM3thI/s320/ppppppppppp.jpg)
सांझ....
संकेत है कि छानेवाला है
अंधेरा....
ये किसी का षडयंत्र नहीं,
प्रकृति है....
नई सुबह के लिए...
रूप-अरूप
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युवावस्था कब तक?
प्रायः लोगों की उत्कंठा होती है युवावस्था कब तक होती है?
बुजुर्ग लोग प्रायः सीधा उत्तर न देकर यह कह देते हैं कि जब तक उत्साह उमंग कायम है युवावस्था है? वैसे शारीरिक क्षमता और काम क्रिया की सक्रियता (उर्वरता नहीं) युवावस्था का प्रमुख मानदंड है।पुरुष के शुक्राणु तो जीवन के अंत तक सक्रिय रहते हैं। तो क्या वह मृत्युपर्यन्त युवा है? निश्चित ही नहीं? लेकिन पुरुषार्थ के सनातनी उद्देश्यों में 'काम' भी है।कहा गया है कि मनुष्य के सार्थक जीवन के चार उद्देश्यों में धर्म,अर्थ और मोक्ष के साथ काम भी है।...
प्रायः लोगों की उत्कंठा होती है युवावस्था कब तक होती है?
बुजुर्ग लोग प्रायः सीधा उत्तर न देकर यह कह देते हैं कि जब तक उत्साह उमंग कायम है युवावस्था है? वैसे शारीरिक क्षमता और काम क्रिया की सक्रियता (उर्वरता नहीं) युवावस्था का प्रमुख मानदंड है।पुरुष के शुक्राणु तो जीवन के अंत तक सक्रिय रहते हैं। तो क्या वह मृत्युपर्यन्त युवा है? निश्चित ही नहीं? लेकिन पुरुषार्थ के सनातनी उद्देश्यों में 'काम' भी है।कहा गया है कि मनुष्य के सार्थक जीवन के चार उद्देश्यों में धर्म,अर्थ और मोक्ष के साथ काम भी है।...
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"कुछ मुक्तक-
आग के बिन धुँआ नहीं होता"
दिल कभी सूखा कुआँ नहीं होता,
बिन लिखे मजमुआँ नहीं होता।
लोग पल-पल की ख़बर रखते हैं,
आग के बिन धुँआ नहीं होता।...
बहुत सुंदर रविवारीय चर्चा। सुंदर प्रस्तुति सुंदर सूत्र । आभार 'उलूक' का सूत्र 'बापू इस पुण्यतिथि पर
जवाब देंहटाएंआप ही कुछ नया कर लीजिये ' को आज की चर्चा में जगह देने के लिये ।
सुंदर सूत्र शास्त्री जी ! उम्दा चर्चा !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रविवारीय चर्चा सूत्र.
जवाब देंहटाएं'देहात' और 'यूँ ही कभी' को शामिल करने के लिए आभार.
खूबसूरत लिंक संयोजन ...........आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर रविवारीय चर्चा ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा...;मेरी रचना को स्थान देने का आभार..
जवाब देंहटाएंआदरणीय , अति सुन्दर सूत्रों का अति सुंदरता से किया गया चयन के लिए हार्दिक बधाई .
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंआभार
जवाब देंहटाएंvery nice presentation of links .thanks
जवाब देंहटाएंNice Article sir, Keep Going on... I am really impressed by read this. Thanks for sharing with us.. Happy Independence Day 2015, Latest Government Jobs.
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