मित्रों।
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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अधूरे लम्हें ...
पता नही प्रेम है के नही ...
पर कुछ करने का मन करना
वो भी किसी एक की ख़ातिर ...
जो भी नाम देना चाहो दे देना ...
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तारबाबू
हमारे पूरे अंचल में ‘तारबाबू’के नाम से प्रसिद्ध हीरावल्लभ भट्ट अब अपनी उम्र के 95 बसंत देख चुके हैं. बुढ़ापा सबसे बड़ी बीमारी है, और उसमें भी अकेलापन बड़ी त्रासदी है. कभी कभी तो तारबाबू उन तमाम लोगों को गालियाँ देने लगते हैं, जो अब भी उनकी और लम्बी उम्र की दुआ करते हैं...
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झिनपिन - झिनपिन
झिनपिन - झिनपिन बूँदा - बाँदी ,
गल -गल टपक रही है चाँदी ;
लगता बूढ़ी बरखा माई ,
बेहद आज थकी औ ' मांदी...
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अब कहाँ जाएँ।
बाहरकी आवाजोंका शोर,
सड़क रौंदती गाड़ियों की चीख
जैसे मन कीपटरी पर
धड़धड़ाती हुई रेलगाड़ी...
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राजदार
खामोशियों का राजदार कौन है
मेरी तरह ही बेकरार कौन है
हो जाए रौशन ये मेरी दास्ताँ
वो खूबसूरत किरदार कौन है...
आप की रचना दिल की गहराइयों में जगह करती है आप को नमन -वंदन !
जवाब देंहटाएं-मेरे ठाँव आते वह पाषाण हो गया | मुखड़े पर उसके ठहराव आगया | मंगल मकाँ ऐसा बनाएं ज़नाब | कि छपर में पहले से रिसाव आगया ||
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स |बाल कथा मजेदार |
सार्थक चर्चा ,उपयोगी लिंक्स ,आभार शास्त्री जी मेरी क्षणिकाओं को स्थान दिया !!
जवाब देंहटाएंSAADAR VANDAN SHASTRI JI ! CHARCHAA KE SABHI LINK GYAANVARDHAK HAIN JO BADI HI MEHNAT SE LIKHE GAYE HAIN !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत ही मस्त हलचल ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स, सार्थक चर्चा शास्त्री जी ! मंच पर मेरी प्रस्तुति को भी स्थान दिया आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार !
जवाब देंहटाएंआप बहुत उपयोगी लिँको का सयोजन करते हैँ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा मंच सजाया ।
मेरे द्वारा क्लिक कुछ फोटोज् देखिये
Nice Article sir, Keep Going on... I am really impressed by read this. Thanks for sharing with us.. Happy Independence Day 2015, Latest Government Jobs.
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