गलती की परवाह कर, नहिं तो बंटाधार-
गलती की परवाह कर, नहिं तो बंटाधार |
स्वयं सुधारोगे अगर, होगा बेड़ापार |
होगा बेड़ापार, गलतिया हो ही जाती ।
करिये मत दो बार, नीति तो यही सिखाती।
होय कभी ना हार, हमेशा विपदा टलती |
जो लेते यह सीख, दाल उनकी ही गलती ।।
|
Ankit Joshi
|
अल्पना वर्मा
|
shikha kaushik
|
|
|
मानस प्रभावसुज्ञ
|
vijay kumar sappatti
|
HARSHVARDHAN
|
DrPratibha Sowaty
|
सुज्ञ
|
सदा
|
बन्द गले के सूट की, महिमा अपरम्पार।
भारत के प्रति हो गया, अमेरिका को प्यार।
|
Kajal Kumar
|
मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए मैं आप का तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ . मेरी कहानी " फ़रिश्ता " को जरुर पढ़िए . शुक्रिया
जवाब देंहटाएंआपका
विजय
आदरणीय रविकर जी आपका आभार।
जवाब देंहटाएं--
तीन दिनों के लिए बाहर जा रहा हूँ।
--
आशा है कि चर्चा मंच के हमारे सहयोगी 1-2 दिन की चर्चा लगा ही देंगे।
--
बुधवार, 4 फ़रवरी 2015
"जन्मदिन फिर आज आया" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
आ रहा मधुमास फिर से, साज मौसम ने बजाया।
प्रीत की सौगात लेकर, जन्मदिन फिर आज आया।।
साल बीता, माह बीते, बीतते दिन-पल गये,
बालपन-यौवन समय के साथ सारे ढल गये,
फिर दरकते पत्थरों ने, ज़िन्दग़ी का गीत गाया।
प्रीत की सौगात लेकर, जन्मदिन फिर आज आया।।
धार के विपरीत ही चलता रहा हूँ मैं हमेशा,
वक्त की रफ्तार को छलता रहा हूँ मैं हमेशा,
प्रतिकूल को अनुकूल करके, पथ अलग मैंने बनाया।
प्रीत की सौगात लेकर, जन्मदिन फिर आज आया।।
गान कर भँवरे रिझाते हैं हमेशा ही सुमन को,
सीख ली है देखकर मैंने परिन्दों की लगन को,
बीन कर तृण-पात मैंने, नीड़ सपनों का बनाया।
प्रीत की सौगात लेकर, जन्मदिन फिर आज आया।।
लोग मेरे जन्मदिन पर, रस्म की करते अदायी,
कम हुआ है साल पर, स्वीकार करता हूँ बधायी,
देखकर अपनत्व सबका, हर्ष है मन में समाया।
प्रीत की सौगात लेकर, जन्मदिन फिर आज आया।।
http://uchcharan.blogspot.in/2015/02/blog-post_4.html
हमेशा की तरह सुंदर चर्चा । बहुत लगन से लगाते हैं रविकर जी चर्चा । 'उलूक' का आभार सूत्र 'पकी पकाई खबर है बस धनिया काट कर ऊपर से सजाया है' को आज की चर्चा में स्थान देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार!
बढिया सूत्रचर्चा।
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति!! सम्मलित करने के लिए आभार!!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा...
जवाब देंहटाएंइस खुबसूरत श्रंखला में मुझे शामिल करने के लिए शुक्रिया :)
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंगोस्वामी तुलसीदास
sarthak links se saja charcha manch .aabhar .meri rachna ko yahan sthan pradan karne hetu hardik aabhar .
जवाब देंहटाएं