रविकर
खोटे सिक्के चल रहे, गजब तेज रफ़्तार |
गया जमाना यूँ बदल, इक्के भी बेकार ||
जाति ना पूछो साधु की, कहते राजा रंक |
मजहब भी पूछो नहीं, बढ़ने दो आतंक ||
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पिता के बाद ……mridula pradhan
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Misra Raahul
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कह दे कुछ भी कभी भी कहीं भी कुछ नहीं होता हैसुशील कुमार जोशी
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सुख-दुःख ...साथी हैं !Dr.pratibha sowaty
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चला बिहारी ब्लॉगर बनने
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SM
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भूटानी मुद्रा और टॉकिन : भूटान यात्रा 4ब्लॉ.ललित शर्मा
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"दोहेःचॉकलेट-डे" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
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दिल्ली में आई सुनामी के दिन की सुंदर मंगलवारीय चर्चा । आभार रविकर जी 'उलूक' का सूत्र 'कह दे कुछ भी कभी भी कहीं भी कुछ नहीं होता है" को आज की चर्चा में स्थान देने के लिये ।
ReplyDeletesunder charcha...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया चर्चा...
ReplyDeleteअच्छे लिंक्स... मुझे स्थान देकर आपने जो मान बढाया उसके लिये आभारी हूँ!!
ReplyDeleteउपयोगी लिंकों के साथ बढ़िया चर्चा।
ReplyDeleteआपका आभार रविकर जी।
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कल तक देहरादून में हूँ। परसों खटीमा पहुँच जाऊँगा।