सुंदर मंगलवारीय प्रस्तुति । 'उलूक' के सूत्र 'किसी दिन ना सही किसी शाम को ही सही कुछ ऐसा भी कर दीजिये' को भी चर्चा में स्थान देने के लिये आभार रविकर जी ।
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उपयोगी लिंकों के साथ स्तरीय चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार रविकर जी।
गुरूजी-
हटाएंचर्चा मंच की सूचना देने वाली टिप्पणी मेरे लिए बना दीजिये-आजकल मैं सूचना नहीं दे प् रहा हूँ ब्लॉग्स पर-सादर
बहुत अच्छा संकलन हमेशा की तरह्
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिंक्स दिए है, बहुत बहुत आभार आपका
जवाब देंहटाएंमुझे शामिल करने के लिए !
बहुत अच्छा संकलन...
जवाब देंहटाएंसुंदर मंगलवारीय प्रस्तुति । 'उलूक' के सूत्र 'किसी दिन ना सही किसी शाम को ही सही कुछ ऐसा भी कर दीजिये' को भी चर्चा में स्थान देने के लिये आभार रविकर जी ।
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक्स...चर्चा मंच बहुत बढ़िया सजाया आपने। मेरी रचना को शामिल करने के लिए धन्यवाद और आभार।
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