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शनिवार, नवंबर 05, 2016

"ज़िन्दगी के आईने से दो चार होना" (चर्चा मंच अकं-2517)

मित्रों 
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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ग़जल  

"पहाड़ी की यही असली कहानी है" 

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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बनाये नीड़ हैं हमने, पहाड़ों के मचानों पर
उगाते फसल अपनी हम, पहाड़ों के ढलानों पर... 

हमारे दिल के टुकड़े, होटलों में माँजते बर्तन
बने दरबान कुछ लड़के, सियासत के मुकामों पर... 

पहाड़ी "रूप" की अपने, यही असली कहानी है
हमारी तो नहीं गिनती, चमन के पायदानों पर... 
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दीपावली पर तकनीक का 

दिशा-बोध 

इस बरस की दीपावली अपने किसम की अलग ही दीपावली रही। तनिक अनूठी। तकनीक ने इसे अतिरिक्त रंगीन तो बनाया ही, रोचक भी बना दिया। कभी लगा, त्यौहार पर तकनीक भारी पड़ गई है तो कभी लगा, तकनीक ने त्यौहार को विस्तार, प्रगाढ़ता दे दी है... 
एकोऽहम् पर विष्णु बैरागी 
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आप टोकरा भर मित्र बना लेंगे 

कल बेटे से फोन पर बात हो रही थी, वह अपनी नौकरी बदल रहा है तो उसे अपना काम सौंपकर जाना है। कल तक वह कह रहा था कि मेरे पास कोई काम ही नहीं है इसलिये नौकरी बदलना जरूरी हो गया है लेकिन आज कहने लगा कि अपना काम जब दूसरों को सौंप रहा हूँ तब मुझे अपने काम का पता चल रहा है और मुझे ही नहीं सभी को पता चल रहा है कि अरे यह काम कितना जरूरी था। अब इसे कौन और कैसे किया जाएगा इसका चिंतन लाजिमी था। बंदा तो छोड़कर जा रहा है तो ऐसा करो कि इसके काम की रिकोर्डिंग कर लो जिससे कठिनाई नहीं आये। जब हम काम छोड़ते हैं तब पता चलता है कि 
कितना मूल्यवान काम हम कर रहे थे... 
smt. Ajit Gupta 
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भूसे में हिस्सा लेने वाले 

मीणा राजा का पतन 

बावन कोट छप्पन दरवाजा, 
मीणा मर्द नैण का राजा|
वडो राज नैण को भागो, 
जब भुस ही में वामतो मागो... 
Ratan singh shekhawat 
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अगर अपना लोकतंत्र बचा के रखना हो ―  

ओम थानवी  

अघोषित इमरजेंसी की पदचाप और मुखर― ओम थानवी एक रोज़ पहले ही रामनाथ गोयनका एवार्ड देते हुए *प्रधानमंत्री मोदी* ने कहा था कि हम इमरजेंसी की मीमांसा करते रहें, ताकि देश में कोई ऐसा नेता सामने न आए जो इमरजेंसी जैसा पाप करने की इच्छा भी मन में ला सके। और *भोपाल की संदिग्ध मुठभेड़*, दिल्ली में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस उपाध्यक्ष की बार-बार होने वाली हिरासतकारी को भूल जाइए, ताज़ा बुरी ख़बर यह है कि एनडीटीवी-इंडिया पर भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक रोज़ का प्रतिबंध घोषित किया है... 
Shabdankan पर Bharat Tiwari 
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"बीती बातें" 

कुछ कहना, कुछ सुनना; अब बीतें दिनों की बातें हैं । 
अनजानी सी, अनदेखी सी; डोर का धागा, 
अब टूट सा गया है ।। 
तेरे सपने, तेरे अपने; दुनियादारी 
और समझबूझ की बातें । 
तुम को 'तुम सा' बनने से दूर करती हैं... 
Meena Bhardwaj 
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ज़िंदगी तुझसे निभाना आ गया 

[आज इस 'ब्लॉग' के तीन वर्ष पूरे हो गए। 
इन तीन वर्षों में आप लोगों का जो स्नेह और सहयोग मिला, 
उसके लिए तहे दिल से शुक्रिया और आभार। 
यूँही आप सभी का स्नेह 
और मार्गदर्शन मिलता रहे यही चाह है। 
इस मौक़े पर एक ग़ज़ल आप सब के लिए। सादर, 
ज़िंदगी तुझसे निभाना आ गया 
हौसलों को आज़माना आ गया... 
Himkar Shyam 
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अगहन की अगवानी 

बादलों का घूँघट हौले से उतार कर 
चम्पई फूलों से , रूप का सिंगार कर 
अम्बर ने प्यार से , धरती का तन छुआ । 
मखमली ठंडक लिये ,महीना अगहन हुआ ॥ 
धूप गुनगुनाने लगी शीत मुस्कुराने लगी 
मौसम की ये खुमारी, मन को अकुलाने लगी 
गुड़ से भीना आग का जो मीठापन हुआ... 
PAWAN VIJAY 
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मेरे दिल में बहुत दर्द है 

यह दर्द है लोगों के मानवता भुलाने का, 
नहीं दुख में किसी के काम आने का। 
अपनी स्वार्थ परता के लिये नहीं लाना खयाल, 
किसी के दिल ना दुखाने का। 
मुझे लगती है ठेस उनसे, 
जो इंसानियत का भुलाये बैठे फर्ज हैं.... 
Jayanti Prasad Sharma  
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यह जीवन जीना आसान नहीं 

*है कौन यहाँ जो परेशान नहीं। 
वही भटकता रह जाए अक्सर 
होता जिसको कोई ज्ञान नहीं... 

4 टिप्‍पणियां:

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