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मंगलवार, नवंबर 15, 2016

चौथा खंभा नोचता, खुद को जब खिसियाय ; चर्चामंच 2527

नानक नाम चढ़दी कला..... 

udaya veer singh

दोहे- 

रविकर 
सहो प्रसव-पीड़ा तनिक, पुनर्जन्म के वक्त। 
मांगे मोदी धैर्य कुछ, कहाँ मांगता रक्त।। 

चौथा खंभा नोचता, खुद को जब खिसियाय। 
ब्लैकमेल का धन दिखे, जन गण मन मुस्काय।। 

उत्तराखंड गीत 

Manoj Nautiyal 

कोई तो रास्ता होगा 

जो तुम्हें मंजिल तक ले जाएगा। 

haresh Kumar 

भीड़ में सबसे पीछे खड़े का कौन सहारा 

गगन शर्मा, 
जिस दिन लाल जवाहर ने था,
जन्म जगत में पाया।
उसका जन्मदिवस भारत में
बाल दिवस कहलाया।।

मोती लाल पिता बैरिस्टर,
माता थी स्वरूप रानी।
छोड़ सभी आराम-ऐश को,
राह चुनी थी बेगानी।।
त्याग वकालत को नेहरू ने,
गांधी का पथ अपनाया।
उसका जन्मदिवस भारत में
बाल दिवस कहलाया... 

बालदिवस विशेष 

अर्चना चावजी 

आओ कुछ देर बच्चे बन जाएं  

१ - मायरा और बॉल २- मायरा का कोकिल गान ३- मायरा का पाउट ४ - म्यूज़िक बजा नाचूंगी ५ - नानी तेरी मोरनी ६ -फिसलपट्टी ७ - पढ़ाई ८ - साड़ी की शौकीन मायरा 
मेरे मन की पर अर्चना चावजी 
Archana Chaoji 

3 टिप्‍पणियां:

  1. अद्यतन लिंकों के साथ बढ़िया चर्चा।
    आपका आभार आदरणीय रविकर जी।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर चर्चा आज की ! मेरी प्रस्तुति को सम्मिलित कारन के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार रविकर जी ! कुछ समय से रचना के सम्मिलित किये जाने की पूर्व सूचना मुझे नहीं मिल रही है ! यह नीतिगत निर्णय है या किसी तकनीकी समस्या के कारण है कृपया देख लें !

    जवाब देंहटाएं

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