तू सर्व-व्यापी है मगर मैं खोजता-फिरता रहा।
हर शब्द से तू तो परे पर नाम मैं धरता रहा ।
तू सर्व ज्ञाता किन्तु इच्छा मैं प्रकट करता रहा।
मैं पाप यह करता रहा वह कष्ट तू हरता रहा।।
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इस शहर की शांति तो भंग है ...
Digamber Naswa
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रिश्ते ऐसे क्यों मै निभाऊँ....नादिर खान
yashoda Agrawal
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गुजरात की नब्ज है ग्राम्य विकास मॉडल
सुधीर राघव
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तुम में कही...!!!
Sushma Verma
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कविता का घ -----काव्य क्या है.... डा श्याम गुप्त ...
shyam gupta
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ट्रेन हादसा
देवेन्द्र पाण्डेय
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इस एटीएम से भी कुछ नहीं निकल रहा
Kirtish bhatt
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दोहे"जीव सभी अल्पज्ञ"(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') |
बेहतरीन इंसान की मिसाल भी थेडॉ विवेकी राय(एक श्रद्धांजलि)
एक बेहद दुखद सूचना अभी अभी मिली है कि प्रख्यात हिंदी साहित्यकार डॉ. विवेकी राय का आज सुबह पौने पांच बजे वाराणसी में निधन हो गया है। बीते 19 नवंबर को ही उन्होंने अपना 93वां जन्मदिन मनाया था. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यश भारती से भी सम्मानित विवेकी राय जी ने हिंदी में ललित निबंध, कथा साहित्य, उपन्यास के साथ साथ भोजपुरी साहित्य में भी एक आंचलिक उपन्यासकार के रूप में खूब ख्याति अर्जित की थी ...
shikha varshney
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बढ़िया रविकर चर्चा ।
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