मित्रों
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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सोचता हूँ तो है मुद्दआ कुछ नहीं
वस्ल का हिज़्र का सिलसिला कुछ नहीं
या के जी में तेरे था हुआ कुछ नहीं
लोग पाए हैं तुझसे बहुत कुछ अगर
तो मुझे भी मिला देख क्या कुछ नहीं ...
अंदाज़े ग़ाफ़िल पर
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
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अपने का सपना
वो २५ नवंबर १९८४ का दिन था , और आज थोड़ी देर में २५ नवंबर २०१६ हो जाएगा। .... हैप्पी एनिवर्सरी। ....... .(कोई दूसरी फोटो नहीं मिल रही यहां लगाने को :-( )- . तारीख वही रहती है बस साल बदलते-बदलते बहुत लंबा रास्ता तय कर लिया है अब तक ,करीब ३२ साल। ...... इन बत्तीस सालों में हमारा साथ रहा सिर्फ ९ सालों का। ....और २३ साल गुजारे तुम्हारे बिना। .. याद आ रहा है जब हमारी शादी हुई थी तो मेरी आयु २३ वर्ष थी ,और जब तुम गुजरे तब मेरी आयु थी ३२ वर्ष। ..... ये आंकड़ों का खेल भी बहुत निराला होता है न! अब जीवन में उस मुकाम तक आ पहुंची हूँ जहां से आगे का रास्ता सीधा है। ...
मेरे मन की पर अर्चना चावजी
Archana Chaoji
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यकीन बेच के आई है हुक्मरानों का
असर दिखा है जमाने में खास बातों का ।
मिटा है खूब खज़ाना रईश जादों का...
तीखी कलम से पर
Naveen Mani Tripathi
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काला धन
आज कल एक ही चर्चा है काला धन क्या है ये काला धन पैसे को कभी काला और सफ़ेद नहीं देखा है पर सब लोग कह रहे काला धन होता है धन का कोई रंग नहीं होता धन तो सबके काम आता है वो गरीब हो या अमीर कुछ लोग ऐसे है जो धन को दबा कर रखे है जो हमारे देश को खोखला कर रहा है जो हुआ अच्छा हुआ सरे गरीब और अमीर बराबर हो गए सबसे ज्यादा तो चोट महिलायो पर लगी उनका छुपा हुआ धन बहार आ गया पति सारे खुश हो गए...
सुप्रभात बहुत ही खुशगवार चर्चा
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा।
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