मित्रों
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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ग़ज़ल
"करने मलाल निकले"
ये पात-पात निकले, वो डाल-डाल निकले
मुर्दार बस्तियों में, लेकर मशाल निकले
परदेशियों के आगे, घुटने वो टेकते हैं,
ईमान के शिकारी, गठरी खँगाल निकले ...
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तोता और उसकी पर्ची
सोशल मीडिया में यह खबर गरम है कि साहेब के पास एक पर्ची निकालने वाला तोता है. हमें पता चला है कि वो तोता उन्हें उनके एक खास दोस्त ने गिफ्ट किया था और तब से वो तोता साहेब के साथ उनके घर पर ही रहता है और साहेब उसी तोते से पर्ची निकलवा कर नित नई घोषणा करते हैं. आज सुबह जब साहेब जागे तब तोता बोला...’जिओ’ साहेब ने समझा कि तोता आशीष दे रहा है इतना अच्छा बहादुरीपूर्ण अथक काम करने के लिए ... साहेब भावुक हो उठे कि और कोई समझे न समझे, कम से कम यह पंछी तो समझ रहा है. आँख में नमी एवं अवरुद्ध कंठ लिए अनु्ग्रहित होने वाले ही थे कि तोता हँसा और बोला ...अब ३१ मार्च तक फ्री :) ...
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तुम क्या जानों आग ,
कभी जले हुए नहीं हो -
*दौर बीता सदियाँ बीतीं तुम वहीं पड़े हो
तुम जग नहीं सकते,सबब सोये हुए नहीं हो
जली हुई देह ही, बया करती है जलन को
तुम क्या जानों आग ,कभी जले हुए नहीं हो ...
udaya veer singh
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सर्दी ने दी दस्तक
पहला कोहरा देखने को मिला
सर्दी ने दी दस्तक इस साल का पहला कोहरा छाया
5-7 फिट से आगे का कुछ नही दे रहा है दिखाई।
सबसे अनुरोध है की इस कोहरे व सर्दी से
छोटे बच्चों बचा कर रखे और
साथ साथ अपने स्वास्थय का भी ध्यान रखे...
मालीगांव पर
Surendra Singh bhamboo
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For you Gaurav Pande,
IIT Indore
अनुज गौरव के लिए
दुष्यंत कुमार की एक महत्वपूर्ण रचना
हम पराजित हैं मगर लज्जित नहीं हैं
हमें खुद पर नहीं न पर हँसी आती है
हम निहत्थों को जिन्होंने हराया
अंधेरे व्यक्तिव को अन्धी गुफ़ाओं में
रोशनी का आसरा देकर
बड़ी आयोजना के साथ पहुँचाया...
ज़िन्दगीनामा पर
Sandip Naik
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ख़ुद में एक बच्चा जिन्दा रखिये :
डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने किया
बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा की
बाल पुस्तकों का लोकार्पण
बाल-दुनिया
डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने किया
बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा की
बाल पुस्तकों का लोकार्पण
बाल-दुनिया
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प्रार्थनाएं हमेशा एकांत मांगती हैं-
ब्रिटनी स्पियर्स
आज 2 दिसम्बर को ब्रिटनी स्पियर्स का जन्मदिन है. 1981 को जन्मी ब्रिटनी स्पीयर्स को हम एक पॉप सिंगर, अभिनेत्री और डांसर के रूप में तो जानते ही हैं. पिछले दिनों टाइम मैगजीन में प्रकाशित उनका एक ख़त मिला जो उन्होंने अपने बच्चों ज्यादे और प्रेस्टन को लिखा था. यह ख़त बहुत पुराना नहीं है, लेकिन इसमें कुछ है जो एक स्थापित व्यक्तित्व को अलग ढंग से देखने, महसूसने की सलाहियत देता है...
Pratibha Katiyar
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ढाई लाख ले लो
ढाई लाख ले लो – ढाई लाख ले लो, की आवाजें घर-घर से आ रही हैं। कुछ दिन पहले इन्हीं घरों से आवाजें आ रही थी – मेरे 15 लाख कहाँ है – 15 लाख कहाँ हैं? अब बाजी उलट गयी है, 15 लाख की मांग की जगह ढाई लाख देने की आवाज लगायी जा रही है। महिलाओं को लुभाया जा रहा है, अरे तुम तो गृहिणी हो तुम्हें तो ढाई लाख की छूट है तो हमारे ढाई लाख ले लो। जो लोग नौकरी करते हैं, जब ये आवाजें उनके घर से भी आना शुरू हो जाए तो मन कसैला सा हो जाता है...
smt. Ajit Gupta
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भक्तों का नोटों का कारोबार है
उत्तर प्रदेश विधान सभा के सामने किसान अपना आलू बांटते हुए नोट बंदी के कारण कोई खरीददार नही है 8 नवम्बर को विमुद्रीकरण की घोषणा कि जाती है लेकिन सत्तारूढ़ दल के लोगों को पहले से ही मालूम था कि एक हज़ार वा पांच सौ के नोट सरकार बंद करने जा रही है जिसके चलते उन लोगों ने अपने हज़ार व पांच सौ के नोटों को सौ, पचास, बीस व दस के नोटों के रूप में परिवर्तित कर लिया था और घोषणा होने के बाद इन लोगों ने गाँव से लेकर शहर तक एक हज़ार रुपये की नोट 600 रुपये में व 500 की नोट 300 रुपये में खरीदने का काम ज़ारी कर दिया. आज उस कड़ी में भारतीय जनता पार्टी का एक नेता 20 लाख रुपये की करेंसी के साथ पकड़ा गया ...
Randhir Singh Suman
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Posts of 1 Dec 16
वित्त_मंत्रालय की गाइड लाईंन के अनुसार
कल से फेस बुक पर कमेंट
और लाईक की सीमा तय की गयी है
विवाहित पुरुष 2 कमेंट और 5 लाईक
विवाहित महिला 5 कमेंट 50 लाईक
अविवाहित पुरुष 5 कमेंट और 100 लाईक
अविवाहित महिला 25 कमेंट और 150 लाईक
युवा सिंगल पुरुष 50 कमेंट और 300 लाईक
युवा सिंगल महिला 100 कमेंट और 1000 लाईक
बेरोजगार लोग 24X7 कमेंट और लाईक ना करने पर फेसबुक से ब्लॉक।
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पुरुष कवि मात्र 2 कविता पेलेंगे
महिला कवि अधिकतम 25 कविता
और सभी को महिला कवियों पर लाईक कमेंट अनिवार्य
अन्यथा देशद्रोह में अंदर किया किया जा सकता है।
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ज्ञानी और विद्वान मात्र 4 ब्लॉग के लिंक
और अखबार की कतरनें या लिंक लगा सकते है
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बुद्धिजीवी ज्यादा से ज्यादा 3 पोस्ट में ज्ञान बघारेंगे
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सनद रहे...
ज़िन्दगीनामा पर
Sandip Naik
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अपना भी ज़माना होगा अब
है उम्मीदें दामन में ,
दर्द का न अब कोई फ़साना होगा
न होगा इतेफाक ही कोई ,
न अब कोई बहाना होगा...
नीलांश
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नागफ़नी
तपते रेगिस्तान में कैक्टस सीना ताने खड़ा था। गुलाब-केतकी-गेंदे की तरह उसे कभी किसी माली ने खाद-पानी नहीं दिया था, कभी उसकी कटिंग-प्रूनिंग भी नहीं हुई थी। किसी ने कभी जड़ में पानी तक नहीं दिया। वक़्त के साथ कैक्टस के कांटे तीखे हो गए थे। एकदम दरांती की तरह तेज़। और कैक्टस उर्फ नागफनी का फन नाग की तरह ज़हरीला हो गया। तेज़ धूप, गरम हवा के थपेड़े, अपने ही कांटों से छिला बदन ...
गुस्ताख़ पर
Manjit Thakur
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सुन्दर शनिवारीय अंक।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह एक ही प्लेट फार्म पर कई सारे लिंक एक साथ देखने को और पढ़ने को मिलते है बहुत ही सुन्दर प्रयास है जी आपका आभार
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