वो बस मुस्कुराता है .....
Dr.pratibha sowaty
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अरविंद केजरीवाल ने पंजाब चुनाव को देखते हुए सतलज-यमुना लिंक नहर मुद्दे पर फिर से यूटर्न लिया
haresh Kumar
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साक्ष्य समय का मौन रहा -
udaya veer singh
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जिसकी प्यास अधूरी रब की
Anita
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मेहनतकशों की व्यवस्था कैश पर चलती है लुटेरों की कैशलेस पर : सारा खेल बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के ‘राज’ को स्थापित करने का है ! ------ -मंजुल भारद्वाज
विजय राज बली माथुर
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भिंडी बाजार बनती राजनीति
pramod joshi
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दोहे
कालीपद "प्रसाद"
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दोहा गीत "उपवन का परिवेश" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
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सफल वक्त........... अनूप तिवारी
yashoda Agrawal
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अब तो मैं यहीं निपट लिया
दिनेशराय द्विवेदी
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दिल्ली प्रवास का दूसरा दिन और बहादुर शाह तृतीय से मुलाकात
Neeraj Kumar Neer
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यमकीन दोहे
रो रो के रोके प्रिया, फिर भी पिया अघाय।
इक किडनी भी ले लिया, मर्दानगी दिखाय।
भरो भरोसे हित वहाँ, चाहे तुम जल खूब।
चुल्लू भर भी यदि लिया, कह देगी जा डूब।।
चला कोहरा को हरा, कदम सटीक उठाय।
धीरे धीरे ही सही, मंजिल आती जाय।।
खा के नमक हराम का, रक्तचाप बढ़ जाय।
रविकर नमकहराम तो, लेता किन्तु पचाय।।
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आदरणीय रविकर जी।
जवाब देंहटाएंआपका बहुत-बहुत धन्यवाद और आभार।
आदरणीय रविकर जी।
जवाब देंहटाएंआपका बहुत-बहुत धन्यवाद और आभार।
बहुत बहुत बधाई शास्त्री जी के लिये। सुन्दर चर्चा रविकर जी ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...
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