मित्रों
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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"कुहरे की मार"
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
कुहरे की फुहार से,ठहर गया जन-जीवन।शीत की मार से, काँप रहा मन और तन।
माता जी लेटी हैं,ओढ़कर रजाई।
काका ने तसले में,लकड़ियाँ सुलगाई।
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साप्ताहिक चयन: बहुत हैं मेरे प्रेमी/
अम्बर रंजना पाण्डेय'
आज की भाषिक लीपापोती के इस युग में ऐसे तथाकथित 'कविताकारों' की तादात बहुत बढ़ी है कि, कविता जिस भाषा में सम्भव होती है, उससे उनका सम्बन्ध बड़ा उथला है। भाषा को वे माँग-पूर्ति के नियमों की वस्तु समझते हैं, कविता के भाषिक सरोकार तो दूर की वस्तु है।* *दर्शन के विद्यार्थी 'अम्बर रंजना पाण्डेय' ने हिन्दी के अतिरिक्त, संस्कृत, उर्दू, अंग्रेजी और गुजराती भाषा में भी कविताएं लिखी हैं। अम्बर की कविताएं कविता के समकालीन परिदृश्य में अपनी सायास भिन्नता से न सिर्फ एक बहस आमन्त्रित करती हैं, बल्कि लोक और जीवन को नए ढंग से देखने का प्रस्ताव भी करती हैं...
नवोत्पल पर
नवोत्पल साहित्यिक मंच
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ज्यादा बाराती नहीं चलेंगे
हमें आपकी लड़की पसन्द है, विवाह की तिथि निश्चित कीजिये, लेकिन एक शर्त है विवाह हमारे शहर में ही होगा। वर पक्ष का स्वर सुनाई देता है। राम-कृष्ण-शिव को अपना आदर्श मानने वाले समाज में यह परिवर्तन कैसे आ गया! स्वंयवर की परम्परा रही है भारत में। कन्या स्वंयवर रचाती थी और अपनी पसन्द के वर को वरण कर जयमाल उसके गले में डालती थी। इसके बाद ही वर जयमाल वधु के गले में डालता था। यहीं से प्रारम्भ हुआ बारात का प्रचलन...
smt. Ajit Gupta
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statue
कब से बैठी हूँ यूँ ही मूर्तिवत
तुम स्टेचू कह कर पता नहीं कहाँ चले गए
अब आकर ओवर कहो तो उठू
लेकिन तुम तो शायद भूल गए
किसी को यूं बैठाकर भी आये हो...
Aparna Khare
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आज आते ही तोताराम ने बागी तेवर दिखाने शुरू कर दिए जैसे कि पार्टी का कोई अनुशासित सिपाही आत्मा की आवाज़ पर किसी दूसरी पार्टी में जाने से पहले कहा करता है- ऐसे नहीं चलेगा, रमेश जी भाई साहब |
हमने कहा- तोताराम, क्या नहीं चलेगा ? आतंकवादियों, कालेधन वालों और रिश्वतखोरों की कमर तोड़ने के लिए नरेन्द्र भाई ने जो कदम उठाया है वह तो बड़े मज़े से चल रहा है |देखा नहीं, शादियों में 'आज मेरे यार की शादी है ' वाले पारंपरिक कमर तोड़ने वाले गीत की जगह 'मोदीजी नै काळै धन की वाट लगा दी रै ' गा-गाकर लोग कमर तुड़वाए जा रहे हैं | इससे ज्यादा सुखद परिणति किसी क्रांतिकारी कदम की और क्या हो सकती है ? ...
हमने कहा- तोताराम, क्या नहीं चलेगा ? आतंकवादियों, कालेधन वालों और रिश्वतखोरों की कमर तोड़ने के लिए नरेन्द्र भाई ने जो कदम उठाया है वह तो बड़े मज़े से चल रहा है |देखा नहीं, शादियों में 'आज मेरे यार की शादी है ' वाले पारंपरिक कमर तोड़ने वाले गीत की जगह 'मोदीजी नै काळै धन की वाट लगा दी रै ' गा-गाकर लोग कमर तुड़वाए जा रहे हैं | इससे ज्यादा सुखद परिणति किसी क्रांतिकारी कदम की और क्या हो सकती है ? ...
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
जवाब देंहटाएंसुप्रभात ! बहुत सुन्दर लिंक्स से सुसज्जित आज का चर्चामंच ! मेरी प्रस्तुति 'शिक्षा और श्रम' को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से आभार शास्त्री जी !
सुन्दर शनिवारीय अंक।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति ..आभार!
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी ,
जवाब देंहटाएंआदरणीय डॉ साहब को "कबीर सम्मान" मिलने पर बहुत हर्ष सहित बधाई !
आपके आशीर्वाद के लिए फिर से आभार , चर्चामंच और सज्जनों , देवियों को अभिनन्दन शुभकामनाये !
सभी को गीता जयंती की हार्दिक शुभकामनाये !
जय श्री कृष्ण !
सुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी नमस्कार
जवाब देंहटाएंचर्चा में हमें शामिल करने के लिए धन्यवाद !
बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति , आभार!
शामिल करने हेतु बेहद धन्यवाद .....
जवाब देंहटाएंशामिल करने हेतु बेहद धन्यवाद .....
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