आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
चलते हैं चर्चा की ओर
जनता जपती मन्त्र
पम -पम दादा का यूं चले जाना
हाज़िर है तमाशा फिर से
सँभल सँभलकर चलना है
कर्णधार कैसे मिले
अनजानी इबारत
स्वप्नों सी वे झर जाती हैं
जनता जपती मन्त्र
पम -पम दादा का यूं चले जाना
हाज़िर है तमाशा फिर से
सँभल सँभलकर चलना है
कर्णधार कैसे मिले
अनजानी इबारत
स्वप्नों सी वे झर जाती हैं
शुभ प्रभात दिलबाग भाई
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुन्दर और पठनीय लिंक।
जवाब देंहटाएंआपका धन्यवाद आदरणीय दिलबाग विर्क जी।
सुन्दर गुरुवारीय अंक दिलबाग जी । आभार 'उलूक' के सूत्र 'गुंडा भी सत्य है' को जगह देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर मेरी रचना शामिल करने के लिए |
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआभार !
बहुत सुंदर प्रस्तुति, धन्यवाद मेरी आलेख शामिल करने के लिए।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति, धन्यवाद मेरी आलेख शामिल करने के लिए।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद दिलबाग जी ! आज की चर्चा में मेरी प्रस्तुति को स्थान देने के लिए आपका हृदय से आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंक, कुछ तक पहुँचने की पूरी कोशिश । रहेगी...
जवाब देंहटाएंचर्चा में मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए आपका धन्यवाद, सभी पोस्ट का बहुत अच्छा संकलन है चर्चामंच।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंक्स। उम्दा चर्चा।
जवाब देंहटाएंआभारी हूँ
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