गीत "कैसे नूतन सृजन करूँ मैं?" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक)
रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
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बिखर गया मेरी हथेलियों में..........सीमा 'सदा' सिघल
yashoda Agrawal
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होले-होले बजती हो, बांसुरी कोई जैसे ...
Digamber Naswa
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नर्क का द्वार है यह तालाब, इसमें उबलता हैं खून
Vineet Verma
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लो कुंडलियां मान, निवेदन करता रविकर
रविकर
क्षरण छंद में हो रहा, साहित्यिक छलछंद।
किन्तु अभी भी कवि कई, नीति नियम पाबंद।
नीति नियम पाबंद, बंद में भाव कथ्य भर।
शिल्प सुगढ़ लय शुद्ध, मिलाये तुक भी बेह'तर।
लो कुंडलियां मान, निवेदन करता रविकर।
मिला आदि शब्दांश, अंत के दो दो अक्षर।।
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सीता ही नहीं इन स्त्रियों पर भी थी रावण की बुरी नज़र
Vineet Verma
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वो लड़की ~ 1
सु-मन (Suman Kapoor)
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कौन सा राज
Asha Saxena
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राजस्थान में डाक विभाग द्वारा आयोजित एम.टी.एस डायरेक्ट रिक्रूटमेंट परीक्षा सकुशल सम्पन्न
Krishna Kumar Yadav
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रवि श्रीवास्तव के व्यंग्य
noreply@blogger.com (संजीव तिवारी)
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राणा सांगा की गलती दोहराते राजनाथ
सुधीर राघव
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कार्टून :- नहीं जाउंगा, नहीं जाउंगा, नहीं जाउंगा |
सुन्दर। रविकर अन्दाज की निखरी हुई चर्चा।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार!
उम्दा चर्चा आज की |मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद सर |
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर