मित्रों
सोमवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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वन्दना
"मंजु-माला में कंकड़ ही जड़ता रहा"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
राह सुनसान थी, आगे बढ़ता रहा।
वन्दना वीणा-पाणि की पढ़ता रहा।।
पीछे मुड़ के कभी मैंने देखा नही,
धन के आगे कभी माथा टेका नही,
शब्द कमजोर थे, शेर गढ़ता रहा।
वन्दना वीणा-पाणि की पढ़ता रहा।।
भावनाओं में जीता रहा रात-दिन,
वेदनाओं को पीता रहा रात-दिन,
ज़िन्दग़ी की सलीबों पे चढ़ता रहा।
वन्दना वीणा-पाणि की पढ़ता रहा।।
मैंने हँसकर लिया, आपने जो दिया,
मैंने अमृत समझकर, गरल को पिया,
बेसुरी फूटी ढपली को मढ़ता रहा।
वन्दना वीणा-पाणि की पढ़ता रहा।।
कुछ ने सनकी कहा, कुछ ने पागल कहा,
कुछ ने छागल कहा, कुछ ने बादल कहा,
रीतियों के रिवाजों से लड़ता रहा।
वन्दना वीणा-पाणि की पढ़ता रहा।।
आपने जो लिखाया, वही लिख दिया,
शब्द जो भी सुझाया, वही रख दिया,
मंजु-माला में कंकड़ ही जड़ता रहा।
वन्दना वीणा-पाणि की पढ़ता रहा।।
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अवमूल्यन
नहीं आये न तुम !
अच्छा ही किया !
जो आते तो शायद
निराश ही होते !
कौन जाने मैं पहले की तरह
तुम्हारी आवभगत
तुम्हारा स्वागत सत्कार
तुम्हारी अभ्यर्थना
कर भी पाती या नहीं...
Sudhinama पर
sadhana vaid
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जब हाईवे पर एक सफेद वर्दी वाले ने
हमें हाथ दिया
कल बैंगलोर में यातायात के सफेद वर्दीधारी कुछ ज्यादा ही मुस्तैद नजर आ रहे थे, पहले लगा कि कोई बड़ा अफसर या मंत्री आ रहा होगा। परंतु हर जगह दोपहिया वाहनों और टैक्सी वालों को रोककर उगाही करते देख समझ आ गया कि इनको दिसंबर का टार्गेट पूरा करना होगा, नोटबंदी के चलते इनको...
कल्पतरु पर Vivek
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सोणी गुरु ,
गुरु- पुत्रों की राह
ऐसी मरनी जो मरे ,बहुरि न मरना होए -
बाल अवस्था जिसमें सोचने समझने की ,
निर्णय लेने की अल्प सीमा ,
राजनीतिक , सामाजिक, आर्थिक सोपानों के
आरंभिक निर्माण का चरण ,
समान्यतः अविकसित व थोड़ा ही होता है...
udaya veer singh
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जो जलाने आ गए अपनों के ही साए मुझे
हुस्न के अरजाल में क्या वे फँसा पाए मुझे
गो के कबका हो चुका है इस तरफ़ आए मुझे...
अंदाज़े ग़ाफ़िल पर
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
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ग़ज़ल
प्यार का संगीत गाता जायगा
राज जीवन का सुनाता जायगा |
पल दो पल की जिंदगी होगी यहाँ
दोस्ती सबसे निभाता जायगा...
कालीपद "प्रसाद"
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मरियम
गिरजाघर की रौनक देखते ही बन रही थी| चारों तरफ क्रिसमस ट्री पर सजे रंग बिरंगे बल्ब जुगनू की तरह टिमटिमा रहे थे| दुधिया रौशनी से नहाया गिरजाघर का घंटा, अतिथियों के आने जाने का ताँता, हर्षपूर्ण वातावरण, तितलियों की तरह उड़ती फिरती परियों सी नन्हीं बच्चियाँ, इशारों ही इशारों में प्यार का इजहार करने वाले नौजवानों की टोलियों ने त्योहार में इंद्रधनुषी रंग बिखेर दिए थे| ‘मेरी क्रिसमस’ के उल्लसित स्वर बरबस ही बता रहे थे कि आज के पावन दिन पर किसी देवदूत ने अवतार लिया था जिसने अत्याचार और अन्याय के विरुद्ध जंग लड़ी और जनमानस के जीवन में छाए तम को हटाकर सूर्य की उज्जवलता भर दी...
मधुर गुंजन पर
ऋता शेखर 'मधु'
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गोविल्स ने जन्म लिया है
जर्*मनी *के बाद हिन्दुस्तानी गोवि*ल्स *नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सरकार के नोटबंदी के फैसले पर कहा कि उन्होंने अपने वादे के मुताबिक देश को बचाने का काम किया है। *यदि पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ कार्रवाई करतीं तो उन्हें नोटबंदी जैसा कठोर फैसला लेने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता। ‘अगर पिछले 40 वर्षों में देश की समस्याओं का समाधान समय पर किया गया होता तो मुझे ऐसा कठोर फैसला नहीं लेना पड़ता।’ देश की पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, 'हमारे देश में सरकारें कैसे चली हैं, यह मैं बुराई करने के लिए नहीं कह रहा। दिल में दर्द होता है, क्या करके रख दिया...
Randhir Singh Suman
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आज तोताराम आया तो बहुत खुश था |
हमें बड़ा सुखद आश्चर्य हुआ |
कल ही हमारी मुख्यमंत्री ने कहा था कि
हर चेहरे पर मुस्कराहट लाएँगे ...
हमें बड़ा सुखद आश्चर्य हुआ |
कल ही हमारी मुख्यमंत्री ने कहा था कि
हर चेहरे पर मुस्कराहट लाएँगे ...
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सरस्वती वन्दना के साथ आज की चर्चा का बहुत ही सुन्दर शुभारंभ ! सभी सार्थक सूत्रों के साथ मेरी रचना को भी सम्मिलित करने के लिए आपका आभार शास्त्री जी ! सभी पाठकों को क्रस्मस की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार!
सुन्दर सोमवारीय चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंsundar charcha meri rachna ko yaha sthana dene hetu haardik abhar :)
जवाब देंहटाएंयहाँ के लिये बहुत सारे ब्लाग देखने पडते होंगे।
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