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गुरुवार, जुलाई 06, 2017

"सिमटकर जी रही दुनिया" (चर्चा अंक-2657)

मित्रों!
गुरूवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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ओ दाता मेरे 

ओ दाता मेरे दरकार है मुझे तेरी मेहर 
जानता हूँ मैं रखता तू खबर... 
Sudhinama पर sadhana vaid 
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अशोक आंद्रे 

शब्द खोज करते 
शब्द फिसल जाते हैं अक्सर... 
kathasrijan पर ashok andrey 
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अच्‍छी बात... गंदी बात 

बात* ज्यादा पुरानी नहीं है। राष्ट्रऋषि सात समंदर पार देश अमेरिका गए थे। अच्छी बात है। हाल-फिलहाल के वर्षों में दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के साथ हमारे देश के बेहतर राजनैयिक रिश्ते हो गए हैं। तभी तो हमारे देश के प्रधानमंत्री का इस देश में दौरा 'अक्सर' होता रहता है। अच्छी बात है... 
Atul Shrivastava 
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चार दिन ...  

क्या सच में ... 

तुम ये न समझना की ये कोई उलाहना है ... खुद से की हुई बातें दोहरानी पढ़ती हैं कई बार ... खुद के होने का  एहसास भी तो जरूरी है जीने के लिए ... हवा भर लेना ही तो नहीं ज़िंदगी ... किसी का एहसास न घुला हो तो साँसें, साँसें कहाँ ... 
स्वप्न मेरे ...पर Digamber Naswa 
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मोहभंग . 

एक युग से गूंज कर

लौटती रही मुझ तक ,
मेरी ही आवाज .
और मैं सोचती रही कि
पुकारा है मुझे पहाडों ने.
बड़ा अच्छा लगता था 
यह सोचकर कि 
पत्थर भी  दिल की सुनकर
देते हैं प्रत्युत्तर  .... 
Yeh Mera Jahaan पर 
गिरिजा कुलश्रेष्ठ 
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स्नेहिल धूप की, आहट है... 

हलकी सी, 
स्नेहिल धूप की, 
आहट है... 
ये जो थामे हुए है धरा को, 
तरुवरों का जीवट है...  
अनुशील पर अनुपमा पाठक 
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यकीन है मुझे...! 

 वादा था... 
 सिर्फ प्रेम लिखूंगा..! 
 लेकिन 
 कैसे लिख सकूँगा..? 
 जब 
 अपने कमरे में 
 रस्सी के फंदे पर 
 झूलता मिला हो 
 कोई पहरुआ..? 
 जब आँखों के सामने 
 टूटे पड़े हों कुछ सपने..  
डॉ0 अशोक कुमार शुक्ल 
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भींग आए मन तो निथार लेना 

*भींग आए मन तो निथार लेना * 
*गए पाँव लौट आएँ तो पखार लेना *... 
udaya veer singh 
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ग़ज़ल 

जहाज़ चाहिए’ तूफानी’ बेकराँ^ के लिए 
विशिष्ट गुण सभी, जी एस* इम्तिहाँ के लिए... 
कालीपद "प्रसाद"  

श्रद्धांजलि 

कमल जोशी 

उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जोशी 

12 टिप्‍पणियां:

  1. चर्चा मंच वाले बहुत मेहनत करते आ रहे है, अच्छे लेख चुननी, उनके लिंक लगाना, वो भी दिन प्रतिदिन, लगातार

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर प्रस्तुति । आभार 'उलूक' के सूत्र को जगह देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति ...

    जवाब देंहटाएं
  4. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत शानदार लिंक्स, आभार.
    रामराम
    #हिन्दी_ब्लॉगिंग

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर सार्थक सारगर्भित सूत्र ! मेरी रचना को आज की चर्चा में सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से आभार शास्त्री जी ! आपकी अन्वेषक प्रवृत्ति को नमन !

    जवाब देंहटाएं
  7. सुंद​​र चर्चा......बधाई|​​

    आप सभी का स्वागत है मेरे ब्लॉग "हिंदी कविता मंच" की नई रचना #वक्त पर, आपकी प्रतिक्रिया जरुर दे|

    http://hindikavitamanch.blogspot.in/2017/07/time.html




    जवाब देंहटाएं
  8. अच्छी चर्चा है आज की ...
    आभार मुझे शामिल करने का ...

    जवाब देंहटाएं

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