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Thursday, July 20, 2017

''क्या शब्द खो रहे अपनी धार'' (चर्चा अंक 2672)

मित्रों!
गुरूवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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विविध दोहे ' 

'सीधी-सच्ची बात''  

भारत माता के लिएहुए पुत्र बलिदान।
ऐसे बेटों पर सदामाता को अभिमान।१।

दिल से जो है निकलतीवो ही करे कमाल।
बेमन से लिक्खी हुईकविता बने बबाल।२।

राजनीति के खेल मेंकुटिल चला जो चाल।
उसकी जय-जयकार हैउसका ही सब माल।३।... 
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मै गलत नही 

डॉ. अपर्णा त्रिपाठी 
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ये तोपें हिन्द की गर खुल गईं दुश्मन का क्या होगा, 

मिटेगा हर निशाँ दुनियाँ के नक्शे से बयाँ होगा... 
Harash Mahajan 
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----- || दोहा-एकादश || ----- 

धरम अनादर मति करो होत होत जहाँ अवसान | 
ताहि कंधे पौढ़त सो पहुँचे रे समसान || १ ||...
NEET-NEET पर Neetu Singhal 
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749 

दूर जाते हुए
                       डा कविता भट्ट

दूर जाते हुए मन सीपी-सा उसकी यादों के समंदर में खोया था
जिसके सीने को मैंने कई बार अपने आँसुओं से भिगोया था

खोज रही थी आने वाले हर चेहरे में उसका निश्छल चेहरा
भोली आँखें- जिनकी नमी वो ज़माने से छिपाता ही रहा
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बरसो रे ! 

अर्चना चावजी Archana Chaoji 
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ललिता का बेटा 

बिना किसी अपेक्षा के, अपनी अंतरात्मा की आवाज पर, निस्वार्थ भाव से किसी के लिए किया गया कोई भी कर्म जिंदगी भर संतोष प्रदान करता रहता है। यह रचना काल्पनिक नहीं बल्कि सत्य पर आधारित है। श्रीमती जी शिक्षिका रह चुकी हैं। उनका एक अनुभव उन्हीं के शब्दों में .... 
कुछ अलग सा पर गगन शर्मा 
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रेप----- 

अंजली अग्रवाल 

आज मुझे एक बार फिर 
आदरणीय अंजली अग्रवाल जी की 
ये कविता याद आ गयी.... 
कविता मंच पर kuldeep thakur 
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थोड़ा रोमांच भर लायें..... 

निधि सक्सेना 

बहुत कड़वा हो गया है जिंदगी का स्वाद 
चलो किसी खूबसूरत वादी से 
थोड़ा रोमांच भर लायें.. 
मेरी धरोहर पर yashoda Agrawal 
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सेफू! तू भी अपनी माँ की बदौलत है 

 उत्तर भारतीय शादी में और इस कार्यक्रम में कुछ अन्तर नहीं था। हमारे यहाँ की शादी कैसी होती है? शादी का मुख्य बिन्दु है पाणिग्रहण संस्कार। लेकिन यह सबसे अधिक गौण बन गया है, सारे नाच-कूद हो जाते हैं उसके बाद समय मिलने पर या चुपके से यह संस्कार भी करा दिया जाता है। जितने भी फिल्मों के अवार्ड फंक्शन होते हैं, उनमें भी यही होता है। अवार्ड के लिये एक मिनट और हँसी-ठिठोली के लिये दस मिनट। शादी में सप्तपदी से अधिक महिला संगीत पर फोकस रहता है, यहाँ भी कलाकारों के नृत्य पर ध्यान लगा रहता है। आप किसी भी शादी में मेहमान बनकर जाइए, बस वहाँ सब...  

7 comments:

  1. शुभ प्रभात....
    बेहतरीन प्रस्तुति..
    आभार
    सादर

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  2. आनन्दमयी प्रस्तुति.....आभार

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  3. सुन्दर चर्चा।

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  4. बहुत सुंदर.
    रामराम
    #हिन्दी_ब्लॉगिंग

    ReplyDelete
  5. सुन्दर प्रस्तुती,
    मेरी रचना को स्थान देने हेतु आभार,

    https://meremankee.blogspot.in/2017/07/nainital-trip.html

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  6. बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति ...

    ReplyDelete

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