मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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कोशिश कर रहा हूँ
अपने चेहरे से वक़्त के
निशां मिटाने की,
ताकि, जब मिलें
तुम पहचान लो मुझे . . .
ताकि, जब मिलें
तुम पहचान लो मुझे . . .
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इन दिनों देश के कई राज्यों में
बाढ़ की स्थिति गंभीर है,
जिससे लाखों लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
बाढ़ ने बुरी तरह से कहर ढाया है.
दिनोदिन इसके और भयावह हो...
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ज़िंदगी
चलने को तो चल रही है ज़िंदगी
बेसबब सी टल रही है ज़िंदगी ।
बुझ गये उम्मीद के दीपक सभी
तीरगी में ही पल रही है ज़िंदगी ...
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पर्वत पिघल रहे हैं
घास,फूल, पत्तीयाँ बहकर
जमा हो गयीं हैं एक जगह
हाँ रेगिस्तान जम गया है
मेरे पीछे ऊँट काँप रहा है
बहुत से पक्षी आकर दुबक गये हैं
हुआ क्या ये अचानक सब बदल रहा ...
स्पर्श पर deepti sharma
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पहले कंजूस...
फिर सनकी
और अब.....
गए ढाई-तीन बरस से मुझसे मेरी पहचान कराई जा रही है। मैं मजे ले रहा हूँ। मुझे खबू सारे निमन्त्रण-पत्र मिलते रहते हैं। सारे निमन्त्रण-पत्र और उनके लिफाफे अच्छी गुणवत्तावाले वाले, सामान्य से तनिक मँहगे कागज पर छपे होते हैं। कुछ के तो लिफाफे भी आर्ट पेपर पर छपे होते हैं। इसके समानान्तर मेेरे पास एक तरफ छपे और एक तरफ कोरे कागज भी पर्याप्त संख्या में इकट्ठे हो जाते हैं। कागजों का उपयोग तो मैं अपने पत्रों की कार्यालय प्रति के लिए काम में ले लेता हूँ लेकिन फिर भी खूब सारे कागज बच जाते हैं। उन निमन्त्रण-पत्रों, उनके लिफाफों और कागजों को मैं रद्दी के रूप में फेंकता रहा...
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समय के पाँव ने ...
समय के राग ने..
समय की छांव ने
हँसाया भी बहुत है
समय की धूप ने
जलाया भी बहुत है...
udaya veer singh
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मन की बात
जानती हूँ मै साधन सम्पन्न नही न आपसी आवाज मेरी बात में किन्तु सोचती शायद पहुंचे आप तक मेरी बात ये सम्भव नही और न जरूरत कहूँ सभी से मन की बात पर जरूरी है कह ही दूँ उठती हदय में जो बात हूँ बहुत छोटी उम्र में भी अनुभवों में भी किन्तु सौ करोड में हूँ इक इकाई मै भी देश को संचार तकनीक से भी कुछ ज्यादा जरूरी खेत को समेटेने से उन्नति रहेगी अधूरी हो सके तो गाँव से गाँव न मिटने दीजिये किसान को शहरो में मजदूर न बनने दीजिये...
डॉ. अपर्णा त्रिपाठी
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वह साथ सबका निभाता है
क्यों आंख से जल छलकता है
सबका सुख दुख से नाता है ,
है इसी का नाम तो जीवन
कौन खुशियां सदा पाता है...
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
उत्कृष्ट रचनाओं का संकलन आज के अंक में,मेरी रचना को मान देने के लिए अत्यंत आभार आपका आदरणीय।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लेख आपकी कलम से.
जवाब देंहटाएंइन्टरनेट की जानकारी हिंदी में
सुन्दर चर्चा। आभार आदरणीय 'उलूक' की हवा को आज की चर्चा में स्थान देने के लिये ।
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