भुगतान हो गया तो निकल कर चले गए
नारे लगाने वाले अधिकतर चले गए
माँ बाप को निकाल के घर, खेत बेच कर
बेटे हिसाब कर के बराबर चले गए...
Digamber Naswa
|
नारे लगाने वाले अधिकतर चले गए
माँ बाप को निकाल के घर, खेत बेच कर
बेटे हिसाब कर के बराबर चले गए...
Digamber Naswa
|
सार्थक चर्चा।
ReplyDeleteसुप्रभात,
आभार रविकर जी।
शुभ प्रभात रविकर भाई
ReplyDeleteआभार...
सादर
सुन्दर चर्चा ... कुछ नए सूत्र ..
ReplyDeleteआभार मेरी गजल को जगह देने के लिए ...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति राविकर जी।
ReplyDeleteDhanyawad
ReplyDeleteबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
ReplyDeleteपठनीय सूत्रों की जानकारी देती सार्थक चर्चा..मुझे भी इसमें शामिल करने के लिए आभार !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सार्थक सूत्रों का संकलन ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार रविकर जी !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति रविकर जी। आभार!
ReplyDelete