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रविवार, सितंबर 02, 2018

"महापुरुष अवतार" (चर्चा अंक-3082)

मित्रों! 
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक। 

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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दोहे  

"महापुरुष अवतार"  

बादल नभ में छा रहे, बरस रहा है नीर।
हुआ देवकी-नन्द का, मन तब बहुत अधीर।।
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बन्दीघर में कंस की, पहरे थे संगीन।
खिसक रही वसुदेव के, पैरो तले जमीन।।
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बालकृष्ण ने जब रची, लीला स्वयं विराट।
प्रहरी सारे सो गये, सब खुल गये कपाट... 
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"जल की भोली मीन"  

( राधा तिवारी "राधेगोपाल " ) 


 सभी खोजते आज तो, वट पीपल की छांव l    

जिनमें शीतल छांव है, नहीं रहे वो गांव ll 
 रिश्तो में मिलता सदा   , हम को आदर प्यार l   

रिश्तो में करना नहीं, बिना वजह तकरार ...  
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भरे पेट भुखमरी के दर्द को  

कौन समझता है 

पहनने वाला ही जानता है जूता कहाँ काटता है
जिसे कांटा चुभे वही उसकी चुभन समझता है

पराये दिल का दर्द अक्सर काठ का लगता है
पर अपने दिल का दर्द पहाड़ सा लगता है... 
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इमरोज़ 

प्यार पर Rewa tibrewal  
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जनता तुम्हारा नोटा बना देगी 

हमने पिताजी और माँ के जीवन को देखा था, वे क्या करते थे, वह सब हमारे जीवन में संस्कार बनकर उतरता चला गया। लेकिन जिन बातों के लिये वे हमें टोकते थे वह प्रतिक्रिया बनकर हमारे जीवन में टंग गया। प्रतिक्रिया भी भांत-भांत की, कोई एकदम नकारात्मक और कोई प्रश्नचिह्न लगी हुई। जब हवा चलती है तब हम कहते हैं कि यह जीवन दायिनी है लेकिन जब यही हवा अंधड़ के रूप में विकराल रूप धर लेती है तो कई अर्थ निकल जाते हैं। ऐसी ही होती हैं स्वाभाविक क्रिया और प्रतिक्रिया... 
smt. Ajit Gupta  
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इशारे 

आँखों के इशारों से  
क्या खूब खत लिखें उन्होंने 
भाषा ख़त की परिभाषा  
मानों नयनों के रंगो में रंग गयी  
आँखे लबों के अल्फ़ाज़ और इशारें... 
RAAGDEVRAN पर 
MANOJ KAYAL 
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है आरज़ू हमारी 

*ज़ेहन -ओ -दिल से आज हम दुआ करते हैं 
दोस्त होने का आज अहल -ऐ -वफ़ा करते हैं ... 
कविता-एक कोशिश पर नीलांश  

5 टिप्‍पणियां:

  1. जन्माष्टमी की शुभकामनाएं। आभार आदरणीय 'उलूक' के सूत्र को भी जगह देने के लिये आज की चर्चा में।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर चर्चा, मेरी रचना को जगह देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
    जन्माष्टमी की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं!

    जवाब देंहटाएं

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