मित्रों!
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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गीत
"धान खेतों में लरजकर पक गया है"
आषाढ़ से आकाश अब तक रो रहा है।
बादलों को इस बरस क्या हो रहा है?...
उच्चारण
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बच्चों को बख्श दो मालिक
बच्चों के साथ और बच्चों के लिए काम करना बहुत जरूरी है उन्नत राष्ट्र, वर्तमान के समाज में मूल्य बनाएं रखने को और सुसंस्कृत राष्ट्र के भविष्य के लिए पर यह सेफ पैसेज है कामरेड्स , बहुत आसानी से कम्फर्ट ज़ोन्स में रह सकते हो और गुजर बसर बहुत ही सुलभ सरलता से हो सकता है ताउम्र असली चुनौती समाज के दीगर क्षेत्रों की है , इन दिनों रोज कॉलेज जाता हूँ तो उज्जड, भयानक बदतमीज और हर छोटी सी बात पर लड़ने और माँ - बहन करने पर उतारूँ युवाओं को देखता हूँ जो किसी की भी बात सुनने को तैयार नही और इतना ख़ौफ़ है इनका कि ना प्राचार्य, प्राध्यापक , प्रशासक और ना ही पुलिस कुछ भी करने में सक्षम है...
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह ! बहुत सुन्दर लिंक्स आज की चर्चा में ! मेरी प्रस्तुति को भी आज के मंच पर स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !
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