मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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गिरफ्तारी सजा जेल
बीमे की भी जरूरत
महसूस होने लगी है आज
फितूरी ‘उलूक’ की
एक और सुनिये बकवास
उलूक टाइम्स पर
सुशील कुमार जोशी
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लगा दो आग इस गुलशन में...!!
लगा दो आग इस गुलशन में
नही जिसकी तुमको ज़रूरत है।
शोलों की तपिश में देख ले दुनिया
असल में क्या हकीकत है...
kamlesh chander verma
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यूँ तो हैं अंगूर खट्टे
आग को पानी बुझा दे पानी में भी आग है
ऐ समन्दर! शोर तेरा पर छुपा इक राग है,,,
मनोरमा पर श्यामल सुमन
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अशोक आंद्रे
शब्द खोज करते शब्द फिसल जाते हैं अकसर
चादर ओढ़ तैरने की नाटकीय कोशिश
करते समय की लहरों पर लहराते
परों की लय पर संघर्षों का इतिहास
बाँधने लगते हैं सब
फिर कैसे डूबने लगते हैं शब्द ...
kathasrijan पर
ashok andrey
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुप्रभात,
जवाब देंहटाएंशनिवार की चर्चा का रस पान करके आनंद आ गया।
स्थान देने के लिए आभार।
कृष्णमय हो रहा है आज का चर्चामंच ! सभी मित्रों व पाठकों को जन्माष्टमी की अग्रिम शुभकामनाएं ! आज की चर्चा में मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कृष्णमय चर्चा। आभार आदरणीय 'उलूक' की बकबक को भी जन्माष्टमी त्यौहार के बीच में जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंआदरणीय सर -- सदर आभार मेरे रचना का मान अपने मंच पर बढाने के लिए | सभी एनी लिंक बहुत ही अछे और पठनीय हैं |सादर आभर |
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