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मंगलवार, अक्तूबर 30, 2018

"दिन का आगाज़" (चर्चा अंक-3140)

मित्रों!   
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।   
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।   
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')  
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गीत  

"वो ही करीब है" 

( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )

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ट्विटर क्या है?  

इसके मुख्य फीचर्स क्या है?  

Dinesh Prajapati  
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बकना जरूरी है  

‘उलूक’ के लिये  

पढ़ ना पढ़  

बस क्या लिखा है  

ये मत पूछ 

सुशील कुमार जोशी  
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किताबों की दुनिया - 

201 


नीरज पर नीरज गोस्वामी  
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'क' से कविता  

एक सुंदर मीठी सुबह से  

Pratibha Katiyar  
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चाँद से फूल से या मेरी ज़ुबा से सुनिये 

sweta sinha 
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सभै घट रामु बोले , 

राम बोलै रामा बोलै ,  

राम बिना को बोलै रे। 

Virendra Kumar Sharma 
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क्यों हमारे के गीत गाए ...  

क्या हुआ ... 

नाप के नक़्शे बनाए ... क्या हुआ

क्या खज़ाना ढूंढ पाए ... क्या हुआ

नाव कागज़ की उतारी थी अभी

रुख हवा का मोड़ आए ... क्या हुआ... 
Digamber Naswa 
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मेघ-दूत :  

द बेल रिंगर :  

जॉन बर्नसाइड 

समालोचन पर arun dev 

7 टिप्‍पणियां:

  1. भावभीनी चर्चा आज मंच की
    आभार मेरी ग़ज़ल को जगह देने के लिए आज ...

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। आभार आदरणीय 'उलूक' के बकने को आज की चर्चा में स्थान देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहतरीन लिंक्स एवम प्रस्तुति ... आभार आपका

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति .. ..
    मेरी रचना को स्थान देने के लिये,बहुत बहुत आभार आदरणीय
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर प्रस्तुति। मेरी रचना को स्थान देने के लिए सादर आभार आदरणीय।

    जवाब देंहटाएं

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