सुधि पाठकों!
सोमवार की चर्चा में
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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उच्चारण
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क्षणिकाएँ
"पाँच शब्द चित्र"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
-ःक्षणिकाएँः-
(१)
सोने की चमक
चांदी की दमक
सिक्कों की खनक
किसे अच्छी नहीं लगती
सोने की चमक
चांदी की दमक
सिक्कों की खनक
किसे अच्छी नहीं लगती
(२)
खादी की ललक
श्यामल अलककुर्सी की झलक
किसे अच्छी नहीं लगती
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दोहे
"जीवन मृत्यु हाथ में,तेरे है भगवान "
( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
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दोस्तो बारगह-ए-क़त्ल सजाते जाओ....
मोहसिन भोपाली
मेरी धरोहर पर
yashoda Agrawal
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मिर्च का धुआँ लगा
जोर से छींक
नाक कान आँख
जरूरी है करना
जमाने के हिसाब की
अब ठीक
उलूक टाइम्स पर
सुशील कुमार जोशी
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शरर पूनम सुहानी
शरद का सुंदर नीलाकाश,
निशा निखरी, था निर्मल हास'
बह रही छाया पथ में स्वच्छ,
सुधा सरिता लेती उच्छ्वास...
Manjula Saxena
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परंपरा के नाम पर
अमृतसर जैसे हादसों को
न्योता कब तक...
खुशदीप
देशनामा पर
Khushdeep Sehgal
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चन्द माहिया :
क़िस्त 55
:1:
शिकवा न शिकायत
है जुल्म-ओ-सितम तेरा
क्या ये भी रवायत है
:2:
कैसा ये सितम तेरा
सीख रही हो क्या ?
निकला ही न दम मेरा...
आपका ब्लॉग पर
आनन्द पाठक
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रावण --
एक विचार ...
जलते हए रावण ने
जलाते हुए बन्दों से कहा ,
अरे आधुनिक भक्तों
हर साल मुझे जिलाते हो ,
फिर जिन्दा ही जलाते हो !
ऐसी क्या थी मेरी खता
जो इतने मुझसे हो खफा...
अंतर्मंथन पर
डॉ टी एस दराल
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अर्ध्य अश्रू -
अनुराग नमन
Vishwa Mohan
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श्याम बिहारी श्यामल की
ग़ज़ल - 110
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कहाँ कमी रह गई
कहाँ कमी रह गई
बच्चों के पालन पोषण में
संस्कार विहीन
पैदा हुए |
कभी कभी ऐसा लगता है
बदल तो न गए हों
मुझमें ही कोई
कमी रही हो
जो मैं ठीक ढंग से
उनके व्यवहार को
सही दिशा न दे पाई
पर अन्दर
झाँक कर देखा
आत्म विश्लेषण लिया
कहीं कोई कमी
न दिखाई दी...
Akanksha पर
Asha Saxena
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शेक्सपियर सही कहे थे
कि नाम में क्या धरा है?
अच्छा हुआ शेक्सपियर मौका देख कर १६१६ में ही निकल लिए. अगर आज होते और भारत में रह रहे होते तो देशद्रोही ठहरा दिये गये होते और कुछ लोग उन्हें बोरिया बिस्तर बाँध कर पाकिस्तान जाने की सलाह दे रहे होते. ये भी कोई बात हुई कि कह दिया ’नाम में क्या रखा है, गर गुलाब को हम किसी और नाम से भी पुकारें तो वो ऐसी ही खूबसूरत महक देगा’...
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Metoo मर्द भी आये सामने ,
पढ़िए पहला मामला
He grabbed my head
and started unbuttoning me,
Rahul Raj accuses
Mushtaq Sheikh of
sexual harassment
Virendra Kumar Sharma
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गठबंधन
purushottam kumar sinha
सुन्दर सोमवारीय अंक। आभार राधा जी 'उलूक' उसकी मिर्च और उसके धुऐं को आज की चर्चा में जगह देने के लिये आभार।
जवाब देंहटाएंराधा जी मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात आदरणीय
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर क्षणिकाएं
जवाब देंहटाएंवाहगुरुजी.ब्लागस्पाट.कॉम
vaahgurujio.blogspot.com
kabirakhadabazarmein.com
जवाब देंहटाएंकीट पतंगों को कभी, करना मत हलकान ।
उनको भी तो धरा का ,एक जीव तू जान ।।
कायनात से जुड़ी सार्थक अभियक्ति :राधे तिवारी जी की
सृष्टि के सब अंग हैं सब में वो ही जान ,
जो प्राणी ये जानता करता नहीं गुमान।
kabirakhadabazarmein.blogspot.com
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सुन्दर संकलन. आभार!
जवाब देंहटाएंठग्स ऑफ हिंदोस्तान दुनियाभर में इतनी स्क्रींस पर होगी रिलीज़, बन जाएगा नया रिकॉर्ड
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