मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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रविकर के दोहे
(16 Oct 2018)
अच्छी बातें कह चुका, जग तो लाखों बार।
किन्तु करेगा कब अमल, कब होगा उद्धार।।
अच्छी आदत वक्त की, करता नहीं प्रलाप।
अच्छा हो चाहे बुरा, गुजर जाय चुपचाप...
रविकर
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सुप्रभात! सभी लिंक शानदार!
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
चला रहे जो माँग कर, अब तक अपना काम।
जवाब देंहटाएंदुनिया में होता नहीं, भिखारियों का नाम।।
बढ़िया दोहावली शास्त्रीजी की :
परिभाषित करती छंद मुक्तछंद ,
शास्त्र बद्ध या स्वच्छंद।
भाषण अब तक पढ़ रहे लिखवा कर श्री मान ,
इनमें अपना कछु नहीं न कोई पहचान।
veersa.blogspot.com
veerujan.blogspot.com
veerujibraj.blogspot.com
शुभ प्रभात आदरणीय
जवाब देंहटाएंसुन्दर सकलं
मेरी रचना को स्थान देने हेतु आभार
सादर
जवाब देंहटाएंदोहों में करता रहा रविकर अपनी बात ,
बात बात में बात से निकले है हर बात।
खूबसूरत मैराथन दोहावली रविकर जी की :
veersa.blogspot.com
veerujan.blogspot.com
veerujibraj.blogspot.com
उम्दा चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद,आदरणीय शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा ।
जवाब देंहटाएंसादर धन्यवाद, मयंक साब..
जवाब देंहटाएंठग्स ऑफ हिंदोस्तान दुनियाभर में इतनी स्क्रींस पर होगी रिलीज़, बन जाएगा नया रिकॉर्ड
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