फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

रविवार, अक्तूबर 14, 2018

"जीवन से अनुबन्ध" (चर्चा अंक-3124)

मित्रों! 
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक। 

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

--
--
--

निमिया के डाढ़ी मैया 

शिवनाथ कुमार  
--
--
--
--

असमंजस 

तुम तो मेरे नयनों के हर आँसू में समाये हो
जिन्हें मैं पलकों के कपाटों के पीछे
बड़े जतन से छिपा कर रखती हूँ
कि कहीं तुम उन आँसुओं की धार के साथ
बह कर बाहर ना चले जाओ... 
Sudhinama पर 
sadhana vaid 
--
--

कठपुतली 

कहते हैं ज़िंदगी छोटी सी है,
दिल की सुनो,
फिर वही दिल फ़र्ज़ों में
ज़िंदगी उलझा देता है।
अपनी करो भी तो
अपनी कहाँ चलती है?... 
Anjana Dayal de Prewitt 
--

यदि पौराणिक काल में  

आज जैसी संस्थाएं होतीं तो ? 

असली बवाल मचता शूर्पणखा के नाक-कान काटने पर ! सारी गलती राक्षस कुमारी की होने पर भी पहले तो बिना कुछ कहे-सुने सारा दोष राम-लक्ष्मण पर ही मढ़ दिया जाता। बेगुनाही साबित करते-करते महीनों लग जाते ! और फिर कहते हैं ना कि विपदाएं एक साथ आती हैं, यह मामला ख़त्म भी नहीं होता कि बाली-सुग्रीव के प्रकरण का सामना हो जाता। उस समय शायद खून-खराबा ना हीं होता क्योंकि तारा को यह हक़ मिला होता कि वह अपनी मर्जी से किसीके साथ भी रह सकती थी.... 
गगन शर्मा 
--
--

जाने क्यों 

प्यार पर 
Rewa tibrewal  
--

----- ॥ हर्फ़े-शोशा 7॥ ----- 

मौज़ूदा वक़्त-ए-तंग तू होजा ख़बरदार |  
आने वालि नस्ल तिरी होगी फाँकेमार || १-क ||  
जमीं के ज़ेबे तन की दौलतें बेपनाह |  
जिसपे एक ज़माने से है बद तिरी निगाह... 
NEET-NEET पर 
Neetu Singhal  
--

समय की बेख्याली में 

समय की बेख्याली में,  
मन के भीतर उठती गिरती  
कई बातों के साथ  
कभी-कभी लगता है  
जैसे धँसता जा रहा हूँ  
किसी दलदल में... 
Yashwant Mathur  
--
--

इंदिरा , फिरोज और  

लखनऊ की दो औरतें 

इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के आपसी झगड़े जब बहुत बढ़ गए तो नेहरु ने फिरोज गांधी और इंदिरा को लखनऊ भेज दिया । लखनऊ में रहने के लिए फिरोज गांधी को नेशनल हेराल्ड का काम धाम थमा दिया । लखनऊ के शाहनज़फ़ रोड पर एक बंगले में फिरोज और इंदिरा गांधी रहने लगे थे। लेकिन झगड़े खत्म होने के बजे बढ़ने लगे । फिरोज इंदिरा गांधी को किक कर ज्यादा समय सरोजनी नायडू की बेटी के साथ राजभवन में बिताने लगे... 
Dayanand Pandey  
--

6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुन्दर संकलन
    सादर आभार 🙏

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभ प्रभात आदरणीय
    बहुत ही सुन्दर संकलन
    सभी रचना भावपूर्ण एवं सुन्दर
    सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई
    मेरी रचना को स्थान देने हेतु आपका अति आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर सार्थक सूत्रों से सुसज्जित आज का चर्चामंच ! मेरी रचना को आज के संकलन में सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।