मित्रों!
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
--
--
--
--
--
एक दिल ,
कई अफ़साने :
दिल धड़कता है तो समझो,
जीवन का संचार है।
दिल जोर से धड़कता है तो समझो,
किसी से हुआ प्यार है...
जीवन का संचार है।
दिल जोर से धड़कता है तो समझो,
किसी से हुआ प्यार है...
अंतर्मंथन पर डॉ टी एस दराल
--
सरकार ने तो पहले ही कर दिया,
इस साल श्रृष्टि ने भी किया
किसानों को निराश,
मालीगांव
मालीगांव पर
SURENDRA SINGH BHAMBOO
--
पथरों का शहर
पथरों का शहर हैं ऐ ज़नाब
मुर्दाघरों सा यहाँ सन्नाटा हैं
वियावान रात की क्या बात
दिन के उज्जाले में भी यहाँ
अस्मत आबरू शर्मसार हैं...
RAAGDEVRAN पर
MANOJ KAYAL
--
--
--
--
--
गोल
ईश्वर ने दुनिया गोल बनाई
उन्होंने सूरज को भी गोल बनाया
चाँद भी गोल है
और जिसदिन दिखता है
पूरा गोल लगता है...
सरोकार पर
Arun Roy -
--
--
--
जवाब देंहटाएंअसली गाँधी ने किए, खूब कमाल-धमाल।
अब का गाँघी देश में, करता खूब बबाल।।
तब के गाँधी ने किया, देश दासता मुक्त।
अब का गाँधी है नहीं, शासन के उपयुक्त।।
तब के गाँधी को मिला, बापू का सम्मान।
अब गाँधी पप्पू बना, सहता है अपमान।।
बनकर उभरा देश में, जब भी तानाशाह।
किया प्रजा के तन्त्र ने, उसको सदा तबाह।।
प्रजा अगर अनुकूल हो, रहे सलामत राज।
सारे शासक पहनते, काँटों के ही ताज।।
नौकरशाहों पर यहाँ, कभी न करना नाज।
एक जरा सी चूक से, छिन जाते हैं ताज।।
मनमानी से शासकों, अब आ जाओ बाज।
लील लिए महँगाई ने, बड़े-बड़ों के राज।।
कहते जिस को श्री मान अब का गांधी आप ,
नेहरू का अवशेष है मान लीजिये आप।
करमचंद था महात्मा ,छद्म है ये अवशेष ,
माँ बेटों ने छल लिया सारा अभि -निवेश।
भोले को भी हांकता बम बम ये अवशेष
समझे बैठा है अभी खुद को ये अखि -लेश।
शास्त्री जी के दोहे नै परवाज़ भर रहें हैं ,सतसैया के पार ,इनका रूप अपार।
satshariakaljio.blogspot.com
veerubhai1947.blogspot.com
veeruji005.blogspot.com
veerujialami.blogspot.com
kabirakhadabazarmein.blogspot.com
blog.scientificworld.in
kabeerjio.blogspot.com
वक़्त को देता हूँ मौक़ा कि तोड़ डाले मुझे
जवाब देंहटाएंसीखना चाहता हूँ, टूटकर जुड़ने का हुनर।
सीख लो अभी से चलना चिलचिलाती धूप में
ग़म की वीरान राहों पर, मिलते नहीं शजर।
साहित्य सुरभि में दिल बाग़ सिंह विर्क की ग़ज़ल नै परवाज़ भर रही है समय के आकाश पर :
गम के वीराने सफर में और भी हैं तल्खियां ,
और भी रातें बकाया हौसला न हारो बशर।
veerubhai1947.blogspot.com
blog.scientificworld.in
veerujianand.blogspot.com
vigyanchakshu.blogspot.com
veeruji005.blogspot.com
अरे भई डॉ दराल ,
जवाब देंहटाएंदिल अगर टूटा तो फिर बेकार है ,
जुल्फ बिगड़ेगी ,बना ली जाएगी। बढ़िया किताब पढ़ी है आपने दिल की :
दिल धड़कता है तो समझो,
जीवन का संचार है।
दिल जोर से धड़कता है तो समझो,
किसी से हुआ प्यार है।
दिल फड़फड़ाता है तो समझो,
बंदा दिल का बीमार है।
दिल धड़कना बंद कर दे तो
बाय बाय नश्वर संसार है।
दिल बड़ा नाज़ुक होता है ,
ये सदा टूटने को तैयार है।
दिल का रखो पूरा ध्यान,
यही तो जीवन का आधार है।
वीरू भाई
veerusahab2017.blogspot.com
veerujialami.blogspot.com
veerujichiththa.blogspot.com
veerujianand.blogspot.com
veerubhai1947.blogspot.com
blog.scientificworld.in
veerujianand.blogspot.com
vigyanchakshu.blogspot.com
veeruji005.blogspot.com
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
बेहतरीन रचनाओं का संकल
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंपठनीय संकलन, सार्थक सूत्र ! मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंतब के गांधी ने किया देश दासता-मुक्त , लाजवाब और सटीक
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए ह्रदय से धन्यवाद आदरणीय श्री
सुप्रभात! सभी रचनाये उत्कृष्ट।
जवाब देंहटाएंनमस्कार, आदरणीय शास्त्री जी जरा मेरा ये प्रयास देखें अच्छा लगे तो आप इसे इस्तेमाल कर लें..
जवाब देंहटाएंअब और बाद में
नया कवर
आप इतने एडमिन हो कमेन्ट शायद कोई नही पढ़ता
जवाब देंहटाएंबेहतरीन मंच ,मेरी पोस्ट को मंच पर शामिल करने के लिए आभार
जवाब देंहटाएं