मित्रों
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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एक आदमी के दो एड्रेस प्रूफ दीजिए
यह ‘बाबू राज’ का श्रेष्ठ उदाहरण है। इसकी शिकायत भी नहीं की जा सकती क्योंकि सुननेवाला कोई नहीं है। मामला भारत सरकार के एक उपक्रम के कार्यालय का है। इसके एक आवेदन में, आवेदक को दो पते देने की व्यावहारिक सुविधा उपलब्ध कराई गई है - एक पता पत्राचार का और दूसरा पता स्थायी या आवासीय पता...
एकोऽहम् पर विष्णु बैरागी
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जवाब देंहटाएंज़िंदगी तेरे नख़रे भी हजार है
क्यों तुम्हे दर्द से इतना प्यार है..
सुंदर और विचारों से भरा मंच। सभी को सुबह का प्रणाम।
सही कहा भाई ,
पर अपने दर्द से ही प्यार है और दूसरों की पीड़ा का उपहास है।
आदरणीय शास्त्री जी का बहुत बहुत आभार मेरी रचना 'जिंदगी तेरे नखरे भी हजार है ' अन्य पाठको का भी बहुत बहुत आभार , यूँ ही आशीर्वाद बनाये रखें
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद शास्त्रीजी.
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लॉग गली की सैर कराने के लिए.. प्रतिदिन.
गली आगे मुड़ती है और साहित्य की नदी तक ले जाती है.
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार ....आशीर्वाद बनाये रखें
बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति 👌
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत सुंदर प्रस्तुति , धन्यवाद
जवाब देंहटाएंउम्दा प्रस्तुति |
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