मित्रों
बृहस्पतिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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क्षणिकाएँ
|| जुनून ||1.
नाजुक़ हथेली
सपनों की इमारत
जुनून कहुँ
मंजिल को पाने की चाहत |
|| आहट ||
2.
दौड़ रही जिंदगी
क़दमों की हुई न आहट
कहने को सभी अपने
अपनेपन की हुई न सरसराहट...
गूँगी गुड़िया पर
Anita saini
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शुभ प्रभात..
जवाब देंहटाएंआभार..
सादर..
बहुत सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद, आदरणीय शास्त्री जी!
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात आदरणीय
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति 👌|सुन्दर लिंकों के साथ, सभी को हार्दिक शुभकामनायें |मुझे चर्चा में स्थान देने के लिए सह्रदय आभार आदरणीय |
सादर
धन्यवाद शास्त्रीजी.
जवाब देंहटाएंवैलेंटाइन सप्ताह में अलग-अलग दिन के भिन्न नाम होते हैं,ये अब तक पता ना था.
जाड़े में गुलाब तो खिले ही हैं. धूप निकल आये तो गरमा-गरम मूंगफली चुगते हुए चर्चा का मज़ा दोगुना हो जाए.
सभी को बधाई !