मित्रों
गुरूवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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दोहे
"प्रेमदिवस का खेल"
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मन के पलाश....
निशा माथुर
yashoda Agrawal
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yashoda Agrawal
काश, ऐसी बेटियाँ
भगवान सबको दे...
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मेरा अस्तित्व
मेरा अस्तित्व
तू बरगद का पेड़
और मैं छाँव तेरी
है यदि तू जलस्त्रोत
मैं हूँ जलधार तेरी...
Akanksha पर
Asha Saxena
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Akanksha पर
Asha Saxena
तुलसी राम :
मुर्दहिया अमर है :
मोनिका कुमार
समालोचन पर arun dev
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समालोचन पर arun dev
मटमैला इल्म़ !
अंधड़ ! पर
पी.सी.गोदियाल "परचेत"
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अंधड़ ! पर
पी.सी.गोदियाल "परचेत"
मध्य
Nivedita Dinkar
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Nivedita Dinkar
पहाड़ पर क्राॅस
युवाम पर
GurpreetSingh Lecturer
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युवाम पर
GurpreetSingh Lecturer
मासूम शब्द
पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
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पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
605.
बसन्त
(क्षणिका)
डॉ. जेन्नी शबनम
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डॉ. जेन्नी शबनम
प्रेम....
भगवतीचरण वर्मा
मेरी धरोहर पर
yashoda Agrawal
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मेरी धरोहर पर
yashoda Agrawal
हर लम्हा तुहारी यादो का
हर लम्हा तुम्हारी यादो में गुजरता है,
तुम्हारे पास होने का अहसास दिलाता है...
aashaye पर garima
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aashaye पर garima
Kiss Day
Love Poem
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लघुकथा वीडियो:
दूसरी औरत |
लेखक: दुर्गादत्त जोशी |
वाचक: अर्जुन नैलवाल
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साझा संकल्प
तुम्हारे मेंहदी रचे हाथों में
रख दी थी मैंने अपनी भट्ट पड़ी हथेली
और तुमने महावर लगे अपने पांव
रख दिये थे मेरे खुरदुरे आंगन में ...
अमूमन इंसान दूसरों का दर्द कहाँ कोई समझ पाता है। उसे तो बस अपनी खुशहाली दिखती है।
जवाब देंहटाएंसच्चा मित्र वही है,जो मित्र के हृदय की वेदना को समझे। उसके निश्छल स्नेह को समझे।
सुंदर चर्चा अंक, सभी को प्रणाम।
उम्दा प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंआभार आपका।
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, आदरणीय शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंशुभ प्रेम दिवस
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
प्रेम दिवस की सभी को शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए आभार।
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसादर
सुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंसुप्रभात |
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
मेरी एक छोटी सी यात्रा 'पहाड़ पर क्रॉस' को शामिल करने के लिए धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएं- गुरप्रीत सिंह