मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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लम्बी खींचने वालों की छोड़ ‘उलूक’
तुझे अपने कुर्ते को खुद ही खींच कर
खुद का खुद ही ढकना है
उलूक टाइम्स पर
सुशील कुमार जोशी
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शीर्षकहीन
क्यों नहीं हो रहा कश्मीर में जनमत? एक रिपोर्ट के अनुसार कमल हासन ने सरकार से यह पूछा है कि वह कश्मीर में जनमत कराने से क्यों डरती है? प्रश्न उचित है और हर उस व्यक्ति को ऐसा प्रश्न पूछने का अधिकार है जो राजनीति में स्थापित होना चाहता है. पर समस्या यह है कि कश्मीर पर ब्यान देने वाले अन्य बुद्धिजीवियों और राजनेताओं की तरह कमल हासन की जानकारी भी नगन्य है. यू एन के प्रस्ताव के अनुसार जनमत कराने की पहली शर्त है कि पाकिस्तान कश्मीर से अपने सारे नागरिक और सैनिक हटायेगा. आज तक पाकिस्तान ने यह शर्त पूरी नहीं की ....
आपका ब्लॉग पर
i b arora
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सफ़ेद नकाबपोश चेहरे...
दहशत का लिफाफा
हर दहलीज को चूमता रहा
और सुर्ख रंग से
सराबोर होता रहा हर चेहरा...
vandana gupta
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“पहले अंदर की सफ़ाई करो
फ़िर पाकिस्तान की ठुकाई करो ! !”
सिकंदर से लेकर हूणों तक , औऱ तुर्क, अफगानों, मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक ! !
हर लड़ाई में 10 फ़ीसदी गद्दार अपने ही बीच मौज़ूद थे ! !
आज गद्दारी का स्वरूप बदल गया है !
अब गद्दारों का हथियार सोशल मीडिया , न्यूज़ चैनल , कांफ्रेंस , सेमिनार हैं ! !
पहले गद्दारों का काम , सैन्य सहायता देना , ख़ुफ़िया जानकारी leak करना हॊता था !
अब इनका काम , राष्ट्रवाद की जड़ों पर मठ्ठा डालना है ! !
इनसे जूझने के लिए पोरस , राणा प्रताप , शिवा जी
औऱ लक्ष्मीबाई जैसे उन्नत भाल योद्धाओं की पुनः दरकार है ! !
गिरीश बिल्लोरे मुकुल
जवाब देंहटाएंबेनाम-सा ये दर्द ठहर क्यों नहीं जाता
जो बीत गया है वो गुज़र क्यों नहीं जाता..
जब शांतिवार्ता असफल रही, तो कृष्ण ने कहा था ,तब कि अब संग्राम होगा।
अतः ऐसे दर्द को दबाने नहीं,भड़काने का वक्त है।
जब शत्रु युद्ध चाहता है, तो शंखनाद भी होना चाहिए।
हाँ, एक छद्मयुद्ध हमें करना चाहिए।
भले ही रक्तपात हो।
प्रणाम।
शुभ प्रभात आदरणीय
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति | शानदार रचनाएँ |
मुझे चर्चा में स्थान देने के लिए सह्रदय आभर |
सादर
बहुत सुंदर चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति। आभार आदरणीय 'उलूक' के सूत्र को जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंउम्दा प्रस्तुति |
मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
सुन्दर चर्चा। मेरी रचना शामिल की. आभार
जवाब देंहटाएं