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शनिवार, मई 04, 2019

"सुनो बटोही " (चर्चा अंक-3325)

स्नेहिल  अभिवादन  
शनिवारीय चर्चा में आप का हार्दिक स्वागत है| 
देखिये मेरी पसन्द की कुछ रचनाओं के लिंक | 
 - अनीता सैनी
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समीक्षा "नन्हे-मुन्ने"

 (समीक्षक-डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)

 

roopchandrashastri at उच्चारण
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पाकर तुमको ये जाना है

 मैंने ख़ुद को ढूंढ़ लिया..

My Photo.

 'मौन' at Amit Mishra 

फुरसत ए जिंदगी 

 मन की वीणा - कुसुम कोठारी। 

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चाहकर भी तुम 

 नही लौट सकती 

रवीन्द्र भारद्वाज at राग 
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अन्यत्र : मुम्बई : 

संदीप नाईक

 

arun dev at
 समालोचन 

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मेरी निष्ठा मेरी आराधना 

Sudhinama पर 
Sadhana Vaid  
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"त्रिवेणी" 

Meena Bhardwaj at
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सुनो बटोही 

Sudha Singh at
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आईना वक्त का 

Abhilasha at
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स्याही की परछाई 

Anuradha chauhan at
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गीत ऐसे लिखे जाते हैं... 

हमारी पीढ़ी का रेडियो से प्यार कुछ अनजाना नहीं है. यदि आजकल बच्चों को पता चले कि रेडियो सिलोन सुनने के लिए रेडियो को घर में सबसे ऊँची जगह रखकर उससे कान सटा कर भी सुना जाता था तो हँस हँस कर दोहरे हो जायें. मुझे याद है कि राह चलते सरगम फिल्म का डफलीवाले गाना कान में पड़ा तो हम ऐसी दौड़ लगाकर घर की ओर भागे कि अपने रेडियो पर पूरा गाना सुन सकें... 
ज्ञानवाणी पर वाणी गीत  
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मैंने पूछा -  

भवानीप्रसाद मिश्र 

मैंने पूछा तुम क्यों आ गई  
वह हँसी और बोली  
तुम्हें कुरूप से बचाने के लिए  
कुरूप है ज़रुरत से ज़्यादा धूप  
मैं छाया हूँ ज़रूरत से  
ज़्यादा धूप कुरूप है ना?... 
वीन्द्र भारद्वाज  
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कुछ लघुकथाएं |  

संग्रह: दो सौ ग्यारह लघु कथाएं |  

लेखिका उषा जैन शीरीं 

Chandresh  
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बचपन के दिन भी क्या दिन थेः  

लावण्या शाह 

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यादों का झोंका 

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11 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
    आपका आभार अनीता जी।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर रचनाओं से सजी आज की सुंदर प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी प्रिय अनीता।

    जवाब देंहटाएं
  3. मेरी रचना को "सुनो बटोही" (चर्चा अंक -3325) में शामिल कर के उत्साहवर्द्धन के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद। ऐसा लग रहा है ... मानो... स्वप्निल यात्रा' जैसे कंकड़ को आपने 'सुनो बटोही' जैसे क़ीमती धातु में जड़ कर उस कंकड़ की क़ीमत अनमोल कर दी है। बस "आ-हां" लग रहा है सुबह-सुबह ...

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर सुन्दर लिंक्स....., खूबसूरत प्रस्तुति । मुझे इस प्रस्तुति में स्थान देने के लिए हृदयतल से आभार प्रिय अनीता जी ।

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर प्रस्तुति....मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार आपका

    जवाब देंहटाएं
  6. बेहतरीन प्रस्तुति सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई मेरी रचना को चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए आपका आभार अनिता जी

    जवाब देंहटाएं
  7. शानदार लिंकोंं से सजा लाजवाब चर्चा मंच...।

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत ही शानदार चर्चा अंक बहुत शानदार लिंकों के बीच मुझे शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार अनिता जी सभी सामग्री उत्कृष्ट और आपकी मेहनत की सुंदर पेशकश ।
    बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  9. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार सखी

    जवाब देंहटाएं
  10. बेहतरीन अंक
    उम्दा रचनाएं
    मुझे यहाँ जगह देने के लिए आभार जी सादर
    🙏🙏🙏

    जवाब देंहटाएं

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