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शुक्रवार, मई 17, 2019

"बदलाव की सुखद बयार" (चर्चा अंक- 3338)

मित्रों!
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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ये कानपुर है मेरी जान... 

काथम पर प्रेम गुप्ता `मानी' -  
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प्रेम और चुनाव  

चुनाव और प्रेम में भी अजीब घालमेल है,  
सिर्फ शब्दों, इशारों व भावनाओं का तालमेल है।  
वहाँ भी चुनाव था, यहाँ भी चुनाव है,  
वहाँ न कुछ प्रभाव था, यहाँ न कुछ प्रभाव है... 
विमल कुमार शुक्ल 'विमल' 
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दोहे  

" मिलता सदा सुकून।।"  

(राधा तिवारी "राधेगोपाल ") 

माँ  समझाती थी हमें, झूठ बोलना पाप।
 मोबाइल पर लोग अब, बढा रहे हैं ताप।। 
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10 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद।

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  2. बहुत उम्दा /बेहतरीन प्रस्तुति।
    सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  3. एक माँ का दर्द : Mother इस पोस्ट ने और इस पोस्ट के विडीओ ने दिल मे जगह बना ली

    मेरी पसंदीदा पोस्ट में शामिल हुई है एक माँ का दर्द : Mother

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर लिंक्स का संयोजन आज की चर्चा में ! मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन लिंक्स का सराहनीय संकलन । बहुत -बहुतधन्यवाद ।

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  6. सर विलम्ब से आने हेतु क्षमा प्रार्थी हूँ |मोबाईल से कमेंट्स नहीं हो पा रहा |घर आकर लैपटॉप से कर रहा हूँ |सादर प्रणाम

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुंदर लिंक्स |हृदय से आभार

    जवाब देंहटाएं

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