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मंगलवार, मई 17, 2016

"अबके बरस बरसात न बरसी" (चर्चा अंक-2345)

मित्रों
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

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अबके बरस बरसात न बरसी ... 

झरोख़ा पर निवेदिता श्रीवास्तव 
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तुझ जैसे लाडले हैं ....... 

झरोख़ा पर निवेदिता श्रीवास्तव 
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आँखों में रोज़ सपने सजाना नहीं भूलो ... 

रिश्ता नया बने तो पुराना नहीं भूलो 
तुम दोस्ती का फर्ज़ निभाना नहीं भूलो 
जो फूल आँधियों की शरारत से हैं टूटे 
उन को भी देवता पे चढ़ाना नहीं भूलो... 
स्वप्न मेरे ...पर Digamber Naswa 
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हिलाल है दिल का ... 

आजकल तंग हाल है दिल का उलझनों में सवाल है 
दिल का कुछ उन्हें भी ग़ुरूर है दिल पर कुछ हमें भी ख़्याल है 
दिल का चैन ख़ुद को न राह ख़्वाबों को इश्क़ क्या है बवाल है... 
साझा आसमान पर Suresh Swapnil 
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रक्तबीज,  

जो मार देने पर भी नहीं डरता.. 

(पत्रकारों की हत्या पे एक पत्रकार "अरुण साथी" की आवाज़ 
और शहीद साथी को विनम्र श्रद्धांजली) 🔥 
चौथाखंभा पर ARUN SATHI 
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joint indian family
भारत तेजी से बदल रहा है। हर क्षेत्र में बदलाव की इबारत लिखी जा रही है। आर्थिक-सामाजिक बदलाव का सबसे ज्यादा दबाव परिवारों पर है। परिवार नामक संस्था विखंडित ... 
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घटक द्रव्य- 
मेथी दाना -250 ग्राम ,
अजवाइन-100 ग्राम ,
काली जीरा-50 ग्राम ।
उपरोक्त तीनो चीज़ों को साफ़ करके हल्का सा सेंक लें ,फिर तीनों को मिलाकर मिक्सर में इसका पॉवडर बना लें और कांच की किसी शीशी में भर कर रख लें । रात को सोते समय 1/2 चम्मच पॉवडर एक गिलास कुनकुने पानी के साथ नित्य लें ,इसके बाद कुछ भी खाना या पीना नहीं है । 
इसे सभी उम्र के लोग ले सकते हैं... 
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"बातें ही बातें" 

(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 


रसना से मिलती सौगातें
अच्छी लगतीं प्यारी बातें

दो से चार नयन जब होते
आँखों में हो जाती बातें

दोपाये और चौपाये भी
करते न्यारी-न्यारी बातें... 

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