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मंगलवार, मई 03, 2016

"लगन और मेहनत = सफलता" (चर्चा अंक-2331)

मित्रों
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

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मधुशाला 

है धरती का रंग मटमैला
और अम्बर का नीला
हो गया सपनों का रंग सुनहला
जब गोरी ने घूंघट खोला
साँसों की सरगम बजी
धड़कन ने तोडा ताला... 
Mera avyakta पर राम किशोर उपाध्याय 
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ये रिश्ते ,ये जिंदगी ........ 

ये रिश्ते ,ये जिंदगी 
सच  .... 
कितने रंग दिखाते 
और हाँ !
कभी न कभी 
रंग भर के भी सिखाते हैं... 
झरोख़ा पर निवेदिता श्रीवास्तव 
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511.  

कैसी ये तक़दीर... 

बित्ते भर का जीवन  
कैसी ये तक़दीर 
नन्ही-नन्ही हथेली पर 
भाग्य की लकीर .... 
लम्हों का सफ़र पर डॉ. जेन्नी शबनम 
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मुंसिफ 

ये है ज़रूरी आप में कोई अदा भी हो ,  
पर भूल जाना कि कोई फायदा भी हो  
ये ज़मीं के अजूबे , लगते हैँ कभी छोटे 
चाँद और सूरज सा कोई फासला भी हो... 
कविता-एक कोशिश पर नीलांश 
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रिश्ते 

प्यार पर Rewa tibrewal 
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हाशिये का नवगीत 

ये हाशिये का नवगीत है  
जो अक्सर बिना गाये ही  
गुनगुनाया जाता है... 
vandana gupta 
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तीन लघुकथाऐं 

मेरा फोटो
मसि-कागद पर दीपक 'मशाल' 
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छल... 

अम्मा मत रो ! 
अब मैं ठीक हूँ  
देख अब मुझे दर्द नहीं है ।  
देखो मैं कहाँ रो रहा हूँ.... 
udaya veer singh 
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पढ़े-लिखे अनपढ़ 

कल एक परिचित मोबाइल में अपनी कामवाली का मैसेज दिखा रहीं थीं,जो इंग्लिश में था..मैंने कहा "मोबाइल में ऐसी सेटिंग होती है जब फ़ोन ना लगने पर मेसेज अपने आप चला जाता है या हो सकता है आपकी कामवाली पढ़ी-लिखी हो।" ये बात उन्हें जले पर नमक जैसी लगीवो बिफरकर बोलीं-नहीं..कोई पढ़ी-लिखी नहीं हैं..कब से जानती हूँ उसको..पहले तो ठीक थी अब इंग्लिश बोलती रहती है... 
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