आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
चलते हैं चर्चा की ओर
अंधी भीड़
पालतू जानवर सिर्फ पालतू ही नहीं होता
वो मेरे पहलू में जलवागर है
लेकिन बोल गया सेक्स का सागर हूं
सुप्रभाती दोहे
कल की सोंच में
इश्क़ के मा'ने
वो समुंदर था उसमे समाती रही
यादों के साथ
रिश्तों का कर्ज़
अंधी भीड़
पालतू जानवर सिर्फ पालतू ही नहीं होता
वो मेरे पहलू में जलवागर है
लेकिन बोल गया सेक्स का सागर हूं
सुप्रभाती दोहे
कल की सोंच में
इश्क़ के मा'ने
वो समुंदर था उसमे समाती रही
यादों के साथ
रिश्तों का कर्ज़
शिक्षण काल का मेरा अनुभव
यादों के पिटारे से
फांसीघर
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी
जीवन और प्रकृति की अभिव्यक्ति
यादों के पिटारे से
फांसीघर
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी
जीवन और प्रकृति की अभिव्यक्ति
धन्यवाद
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