चर्चा मंच (अंक - 109) |
चर्चाकार : रावेंद्रकुमार रवि |
आइए आज कुछ गुनगुनाते हुए "चर्चा मंच" को कुछ इस तरह से सजाते हैं कि इसे देखकर गर्मी के इस मौसम में आपके मन-मस्तिष्क पर ख़ुशियों की बरसात हो जाए और आपका मन ठंडी-ठंडी आइसक्रीम खाने के लिए मचल उठे! |
आज की चर्चित पोस्ट्स के लिंक चित्रों पर और संबंधित ब्लॉग्स के लिंक उनके नाम पर लगाए गए हैं! |
सबसे पहले आपको मिलवाते हैं ब्लॉग-जगत में फुदक-फुदककर सबसे ज़्यादा धूम मचानेवाली नन्ही चिड़िया पाखी से, जिसने सबसे पहले छतरी लगाकर अंडमान में बरखा का आनंद लिया, फिर सरस पायस के साथ अख़बार पढ़ने का अभ्यास किया और इसके बाद नन्हा मन के साथ आइसक्रीम का मज़ा लिया - |
पाखी की दुनिया | सरस पायस | नन्हा मन |
अब आपको मिलवाते हैं एक और पाखी से! ज़रा देखिए तो इसकी मस्ती - |
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और ये रहीं चुलबुली, जो अभी से बहुत अच्छी चित्रकारी करने लगी हैं और चाहती हैं कि तुम सब भी अपने-अपने ड्राइंग इनके ब्लॉग पे भेजो - |
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अब चलते हैं राजस्थान की सैर करने, जहाँ टाबर टोली यानि कि बच्चों का समूह सुंदर-सुंदर मुस्कानों के साथ हमारी प्रतीक्षा कर रहा है - |
![]() टाबर टोली |
और ये हैं नन्हे आदित्य, जिन्होंने अपने ब्लॉग पर अपने दोस्तों द्वारा बनाए गए मनभावन चित्र सजा रखे हैं और एक प्रतियोगिता का भी आयोजन किया है - |
"बच्चों की दुनिया" |
और अब देखिए आदित्य यानि कि सूरज की एक सुंदर झाँकी, जो हमें डॉ. रूपचंद्र शास्त्री मयंक द्वारा नन्हे सुमनों के लिए रची गई एक कविता पढ़ने के लिए कह रही है - |
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ये हैं वो नन्ही परी, जिन्होंने कल अपनी प्यारी दादी माँ का जन्म-दिन मनाते हुए पांडा के एक बच्चे को ख़ूब हँसाया - |
![]() नन्ही परी |
और अंत में आपको एक ऐसी जगह ले चलते हैं, जहाँ इस रंग बदलती दुनिया की कुछ तस्वीरों को सब के सामने एक अनोखे अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया है - |
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वाह रवि जी इस मासूम चर्चा पर कौन जा कुर्बान जाए ...बहुत ही सुंदर संकलन ..सच में खुशियों की बरसात रही ये तो
ReplyDeleteअजय कुमार झा
nice
ReplyDeletebacho ke photo dekh man khus ho gaya
ReplyDeleteshekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
बहुत अच्छी प्रस्तुति। सादर अभिवादन।
ReplyDeleteबहुत कोमलता से आपने चर्चा की इन कोमल परियों की
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दरता से आपने फूल जैसे कोमल बच्चों की तस्वीर और रचना के साथ प्रस्तुत किया है! सुन्दर चर्चा!
ReplyDeleteआज तो बालदिवस हो गया....बहुत सुन्दर चर्चा ...
ReplyDeleteबधाई
फूल से बच्चे सबको भाए
ReplyDeleteदेखें सबका मन हर्षाए
श्रेय रवि जी को है सारा
चर्चा मंच बना है प्यारा
रवि अंकल !! आप तो कमाल के निकले. खूब सारी खुशियाँ एक ही जगह ले कर आ गए. अब लगता है हम बच्चों की भी चर्चा बखूबी हो रही है, इसके लिए आपको ढेर सारा प्यार.
ReplyDelete...और हाँ मेरी 3-3 फोटो लगाई और चर्चा की आपने. बहुत अच्छा लगा. इसके लिए भी ढेर सारा प्यार.
ReplyDeleteआप लोग
ReplyDeleteइतना मनोबल बढ़ा देंगे,
तब तो हर सप्ताह
एक बाल-दिवस मनाना पड़ेगा,
इतनी ही ढेर सारी ख़ुशियों के साथ!
"चर्चा मंच" की ये प्रस्तुति बेहद पसंद आई क्योंकि इसमें "नन्ही परी" का भी ज़िक्र है! "नन्ही परी" मुझे बहुत पसंद है! वैसे बाकी सारी परियां बेहद अच्छी हैं!!
ReplyDeletePlz Visit http://dhentenden.blogspot.com
"RAM KRISHNA GAUTAM"
चर्चा बिल्कुल अपने शीर्षक अनुरूप रही...
ReplyDeleteरावेंद्रकुमार रवि जी नये ढंग से अद्भुत चर्चा करने के लिए बधाई!
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteरवि जी प्यारी और मासूम सी चर्चा के लिए आभार । मैं तो कहती हूं हर दिन बाल-दिवस होना चाहिए लेकिन हफ़्ते में एक दिन बाल-दिवस भी विचार मन को गुदगुदा देता है । तो अब इन्तज़ार रहेगा हर हफ़्ते की शुरुआत में नन्हे-मुन्ने, कोमल,मासूम शैतानों के साथ प्यारी सी सुबह का । क्यों न हफ़्ते में कम से कम एक दिन के लिए हम सब बच्चे बन जाएं और दुनिया भर के तनाव को मिटाकर हर मन को हर्षाएं । सभी नन्हे-मुन्नों को शुभ-कामनाएं........सीमा सचदेव
ReplyDeleteव्यस्कों से परे बच्चों की दुनिया में ले आए इसके लिए आभार।
ReplyDeletebachcho ki ye charcha bahut hi sundar lagi...wakai khushiyo ki barshat ho gyi...
ReplyDeletedhanywaad..
ravi uncle, meri dadi ke b'day ko to aapne yaadgaar bana diya...wakai ye to dhero khushiyo ki barsaat ho gyi...aapko iske liye bahut sara pyar...
ReplyDeleteNANHI PARI...
http://nanhi-pari.blogspot.com/
बहुते सुंदर रही यह चर्चा. बालगोपाल को प्रनुदित देख हम भी प्रमुदित भये.
ReplyDeleteबहुत शुभकामनाएं.
रामराम.
रवि जी बहुत बहुत ही अच्छा लगा आदित्य जी को और सभी बच्चों को भी. ये सभी आपको धन्यवाद कह रहे हैं.
ReplyDeleteआपका शुक्रिया
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति.
aanand aaya
ReplyDeleteबाल-गोपालों की दुनिया की सैर कराने का शुक्रिया.
ReplyDeleteछवियाँ बाल-गुपाल की, मनहर भाईं खूब.
ReplyDelete'सलिल' सच्चिदानंद में, देख गया है डूब.
अभिनव सफल प्रयास पर, शत बधाई लें आप.
ReplyDeleteनन्हों की यश-कथाएँ, दस दिश जाएँ व्याप..
अरे, वाह!
ReplyDeleteमैंने तो थोड़ी-सी ख़ुशियों की बरसात की,
पर मेरे ऊपर तो
ढेर सारे प्यार की बरसात हो गई!
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सब बच्चों को मेरी तरफ से भी
ढेर सारा प्यार और दुलार!
प्रिय रावेन्द्र रवि जी ,
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति के लिए लाखों बधाइयाँ
आपकी इस मन मोहक प्रस्तुति से मेरा मन गद - गद हो गया
आपको बहुत - बहुत धन्यवाद
बेहतरीन चर्चा । अच्छी लगी
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