"चर्चा मंच" अंक - 130 |
चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक” |
कुछ लोगों ने चर्चा मंच पर लगाई जा रही पोस्टों से सन्दर्भित लिंक देने में आपत्ति उठाते हुए कहा था कि यह कोई चर्चा नही होती है! लेकिन मैं आज तक यह नही समझ पाया हूँ कि चर्चा का अर्थ क्या होता है? मेरे विचार से तो इस चर्चा मंच का काम आप तक पोस्टों के लिंक देना ही है! पोस्टों का पढ़ना और अपनी सुविधानुसार टिप्पणी देना तो आपका ही अधिकार और कर्तव्य है! आज "चर्चा मंच" पर सबसे पहली चर्चा है- झूठ और सच |
झूठ और सच झूठ के पांव होते ही नहीं हैं ,कभी कहीं भी पहुंच सकता है। पर बिना पांव के ही भला वह , फासला क्या तय कर सकता है ? भटकते भटकते , भागते भागते , उसे अब तक क्या है मिला ?मंजिल मिलनी तो दूर रही , दोनो पांव भी खोना ही पडा !!सच अपने पैरों पर चलकर , बिना…. गत्यात्मक चिंतन संगीता पुरी |
बुढ़ापा - एक दृष्टि-कोण Apr 22, 2010 | Author: दिगम्बर नासवा | Source: स्वप्न मेरे................ मेरी रचना "बुढ़ापा" पर सभी मित्रों की टिप्पणी पढ़ कर अभिभूत हूँ ... जहाँ एक और रचना को सभी ने सराहा वहीं मुझे ये आभास भी हुवा की कहीं ना कहीं मेरी रचना एक नकारात्मक पहलू को इंगित कर रही है. सभी टिप्पणियों और विशेष कर आदरणीय महावीर जी की समीक्षा और उनकी लिखी ग़ज़ल ने मुझे प्रेरित किया की मैं बुढ़ापे को इक नये दृष्टि-कोण से देखूं. आशा है इस नयी रचना में आपको ज़रूर सकारात्मक पहलू नज़र आएगा… … |
मजहबी विवाद, साम्प्रदायिकता और ब्लॉग जगत!! Apr 22, 2010 | Author: Udan Tashtari | Source: उड़न तश्तरी .... वैसे तो ऐसे मुद्दों पर मैं कभी नहीं लिखता और न ही मुझे इन विषयों में कोई दिलचस्पी है…. |
22 अप्रैल - विश्व पृथ्वी दिवस Apr 22, 2010 | Author: मनोज कुमार | Source: मनोज आज है विश्व पृथ्वी दिवस। क्षिति,जल पावक, गगन, समीरा इन पांच तत्वों से मिलकर सृष्टि की रचना हुई है। और हम इस पृथ्वी पर रहने वाले प्राणी हैं। अगर पृथ्वी के अस्तित्व पर ही प्रश्न चिन्ह लग जाए तो इन तत्वों का कोई महत्व रह जाएगा क्या। पृथ्वी है तो सारे तत्व हैं। अतः पृथ्वी अनमोल तत्व है। इसी पर आकाश है, जल, अग्नि, और हवा है। इन सबके मेल से सुंदर प्रकृति है |
अनीता वर्मा की एक छोटी सी कविता Apr 22, 2010 | Author: Ashok Pande | Source: कबाड़खाना अनीता वर्मा जी समकालीन हिन्दी कविता में एक सुपरिचित नाम हैं. इस ब्लॉग पर उनकी कविताएं एकाधिक बार प्रस्तुत की गई हैं और भरपूर सराही गई हैं हाल ही में उन्हें शीला सिद्धान्तकर स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया है. उन्हें इस उपलब्धि के लिए कबाड़ख़ाना हार्दिक बधाई देता है. पढ़िये उनके पहले संग्रह से एक छोटी सी कविता:बुज़ुर्गों सेहम चलते रहे अपनी चालआपको पीछे कर चुप्पी को अनसुनी कर हम गिरते रहे अप ….. |
हम सुधरेंगे,युग सुधरेगा Apr 22, 2010 | Author: Neha | Source: सोचा ना था.... आजकल आई.पी.एल. विवाद ज़ोरों पर है...........जाने कितने ही लोग इन सब के पीछे हैं..........जो कुछ दिनों में सामने आ जायेंगे और कितने ऐसे हैं,जो सामने नहीं आयेंगे....अपनी ताकत के बल पर या यूँ कहें की अपने ऊँचे कनेक्शन की वजह से.... |
ये गजल नहीं हैं मेरे आंसू हैं Apr 22, 2010 | Author: आनन्द पाण्डेय | Source: महाकवि वचन मैने ये गजल उस समय लिखी थी जब कि मैं बडे ही मानसिक दुविधा में रहा करता था। कदाचित ये बताने की आवश्यकता नही है कि वह मानसिक परेशानी कौन सी बात पर थी। हां सो मैने भी अपने दिल के गुबार कागज पर उडेल दिये और वह जहर ही इस गजल के रूप में प्रकट हो गर्इ। टिप्पणियां दीजियेगा कि मै समझ सकूं कि ये गजल कैसी है। आपका - आनन्द |
किसी सज्जन ने अपने इस भाई की सुद ली ? Apr 22, 2010 | Author: पी.सी.गोदियाल | Source: अंधड़ ! जैसा कि आप सभी जानते है कि हाल ही में आइसलैंड के ज्वालामुखी विस्फोट ने पूरे यूरोप में ही नही बल्कि दुनियाभर में तहलका मचा दिया ! समय बलवान होता है, अत: सभी कुछ शनै:-शनै: सामान्य स्थिति में आ जाएगा ! ….. | राम सेतु पर सरकार को एक साल का समय और मिला Apr 22, 2010 | Author: लोकेश Lokesh | Source: अदालत राम सेतु तोड़े बगैर सेतुसमुद्रम परियोजना का वैकल्पिक मार्ग तलाशने की संभावनाएं परखने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को एक साल का समय दे दिया है। मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ ने ….. |
शाख़ से चूका हुआ बन्दर और वक़्त से चूका हुआ इन्सान; बहुत मुश्किल से सँभलता है!!! Apr 22, 2010 | Author: सलीम ख़ान | Source: Science Bloggers' Association कल जहाँ बजती थीं खुशियाँ, आज है मातम वहाँ... वक़्त लाया था बहारें, वक़्त लाया है खिजाँजी हाँ, कुछ यूँ ही होता है जब कोई इन्सान पर वक़्त का कहर बरपा होता है, वक़्त कभी किसी को मुआफ़ नहीं करता. उसी तरह से जब कोई इन्सान वक़्त से चूक जाता है अर्थात अवसर को गवाँ देता है तो मुश्किल ही होता है उसका संभलना, हाँ वह संभल सकता है और सफ़ल भी हो सकता है, तब जब वह सतत सही दिशा में मेहनत करता रहे. इस तरह से वह … |
धरती से मरूभूमि भगाएं (पृथ्वी दिवस पर प्रस्तुति) Apr 22, 2010 | Author: KK Yadava | Source: शब्द-सृजन की ओर... सुन्दर-सुन्दर वृक्ष घनेरे…. | महंगी पड़ेगी चेक में चूक Author: शिवम् मिश्रा | Source: बुरा भला चेक काटने जा रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। अब चेक भरने में की गई मामूली चूक से भी यह बाउंस हो जाएगा। इसका आपको दोतरफा नुकसान उठाना होगा। इससे न केवल आपको उस बैंक को पेनाल्टी भरनी होगी जिसका चेक जारी किया जा रहा है, बल्कि उसे भी जिसके लिए चेक जारी किया जा… |
मुर्दो की बस्तीयों में..... | “काम की बातें” |
नन्हा मन बाल कविता: संजीव 'सलिल' | कहां गई सुराही, छागल, मटके |
अमीर धरती गरीब लोग शरद कोकास का भेजा हुआ संदेश सोचने पर मज़बूर करता है! - आज पृथ्वी दिवस है।कुछ लोग इसे अपने-अपने तरीके से मना लेंगे और फ़िर अगले साल तक़ के लिये शायद भूल भी जायेंगे।बहुत से तो शायद, इस बारे मे सोचें भी ना।मुझे भी इ... | प्रधानमंत्री की दोस्ती Apr 22, 2010 | Author: Suman | Source: लो क सं घ र्ष ! अभी ताज़ा बयान है हमारे प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह कि उनकी दोस्ती ईरान के साथ है और ये दोस्ती अक्षुण रखने के लिए वह हर हाल में ईरान के साथ हैं। ऐसा ही दावा भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व0 चन्द्रशेखर ने भी इराक के साथ किया था और इराक के साथ दोस्ती …. |
कल ब्लॉग वाणी से लगभग एक घंटे मेरी बात-चीत हुई है... Apr 22, 2010 | Author: 'अदा' | Source: काव्य मंजूषा कल ब्लॉग वाणी से लगभग एक घंटे फ़ोन से मेरी बात-चीत हुई है...ब्लॉग जगत की समस्या को धैर्य पूर्वक सुना गया और सहयोग का पूरा आश्वासन मिला है....अब किसी भी तरह की कोई बेहूदगी बर्दाश्त नहीं की जायेगी...सभी ब्लोग्गेर्स से अनुरोध है कृपया निम्नलिखित बातों पर गौर करें: किसी भी तरह के व्यक्तिगत आक्षेप से बचें ...बर्दाश्त नहीं किया जाएगा...संवेदनशील विषयों पर जैसे धर्म, नारी, पुरुष इत्यादि पर बात-चीत गरिमा के अन्दर रह कर की जाए...अगर ऐसा नहीं हुआ..तो class action lawsuits के लिए तैयार हो जाइए...कोई ... |
" नमन शैतान करते है।" | एक साक्षात्कार ऐसा भी |
इतनी इफ़रात इनायात सुनो ठीक नही Apr 22, 2010 | Author: पारूल | Source: …पारूल…चाँद पुखराज का…… तुकबंदियों के सिलसिले ………एक और सही ***** | अंतर्मंथन हाइपर्तेन्शन ( उच्च रक्त चाप )---एक मौन कातिल ---- - हाइपर्तेन्शन यानि हाई ब्लड प्रेशर ( उच्च रक्त चाप ) एक ऐसी बीमारी है जिसके बीमार को बीमार होने का अहसास ही नहीं होता । और जब होता है तब तक कई मामलों में दे... |
ताऊ डॉट इन सफ़ल ब्लागर बनिये : "ताऊ ब्लाग मेनेजमैंट इंस्टिट्यूट" - अक्सर लोग बाग पूछते हैं कि ताऊ आप इतने असिसटेंट कहां से ले आते हो? जो आपका हर काम बखूबी निभा लेते हैं. जैसे रामप्यारी, हीरामन, बीनू फ़िरंगी, रमलू सियार, चम... |
वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता मे : श्री विवेक रस्तोगी Apr 21, 2010 | Author: ताऊ रामपुरिया | Source: ताऊजी डॉट कॉम | ब्लॉग उत्सव 2010 Apr 21, 2010 | Author: Suman | Source: लो क सं घ र्ष ! सम्मानीय चिट्ठाकार बन्धुओं, |
अन्त में एक कार्टून भी देख लीजिए! |
कार्टून:- धोबन पे ज़ोर नहीं, गधैया कै हड़कायै... Apr 22, 2010 | Author: काजल कुमार Kajal Kumar | Source: Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून |
आज की रंगा-रंग चर्चा के लिए आपको बधाई...
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक मिले.
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा है !
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार चर्चा.
जवाब देंहटाएंरामराम.
शास्त्री जी आपका आभार। कल बाहर गयी हुई थी तो कई पोस्ट यहाँ चर्चा के माध्यम से ही पढ़ पायी। बहुत अच्छा रहा चर्चा।
जवाब देंहटाएंvछे लिंक्स मिले .. बहुत बहुत धन्यवाद !!
जवाब देंहटाएंअहा आज भी कुछ नए लिंक मिले, पढ़ने लायक. आभार.
जवाब देंहटाएंShaandaar Charcha !
जवाब देंहटाएंBadhaai !
विस्तृत और बढ़िया चर्चा ....आभार
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया चर्चा…………………आजकल काफ़ी लिंक्स यहीं मिल जाते है।
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंएक बार फिर एक उम्दा चर्चा पढने कों मिली !
कित्ती सारी चर्चा...ढेर सारी जानकारी मिली.
जवाब देंहटाएं************
'पाखी की दुनिया में' पुरानी पुस्तकें रद्दी में नहीं बेचें, उनकी जरुरत है किसी को !
कित्ती सारी चर्चा...ढेर सारी जानकारी मिली.
जवाब देंहटाएं************
'पाखी की दुनिया में' पुरानी पुस्तकें रद्दी में नहीं बेचें, उनकी जरुरत है किसी को !
बहुत बढिया चर्चा! शास्त्री जी प्रकृति, समय और धैर्य ये तीन हर दर्द की दवा हैं।
जवाब देंहटाएंइतनी सुन्दर चर्चा के लिए आपका आभार शास्त्री जी!
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