जाग जाइये भगवान आदित्य अंधकार क़ा विनाश कर उदित हो गए हैं और गगन में चहुँ ओर लालिमा छा गयी है--
उषा सुनहले तीर बरसती ;जय लक्ष्मी सी उदित हुई;
उधर पराजित कालरात्रि भी ;जल में अन्तर्निहित हुई.[श्री जयशंकरप्रसाद]
आज मैं लेकर आई हूँ विविध भावों से भरी विविध अभिव्यक्तिया---
*सबसे पहले मैं ''अजित जी' को उनके जन्मदिन की शुभकामनाये दूंगी. ''आज स्वीट सिक्सटी में प्रवेश का दिन – ''.
*वंदना जी ''मैं और मेरी पीड़ा'' में अभिव्यक्त कर रही है क़ि ''बिना पीड़ा के मुझे अस्तित्व बोध नहीं होता.
*अब आते है कुछ गंभीर मुद्दों पर--एक खबर पढ़ी भइया -दूज पर टीका करा कर लौट रहे कई भाई सड़क-हादसों के शिकार बने.इस समस्या को केंद्र में रखकर स्वराज्य करुण जी लिखते है --''बढ़ते सड़क हादसे : एक गंभीर राष्ट्रीय समस्या''
*चित्र-कला; अभिनय-कला--आदि के विषय में तो आप जानते ही है पर ''सतीश पंचम जी'' बता रहे है ''बर्तन मांजना भी एक कला है''.
? ये समझदारी अच्छी नहीं होती .
*शिखा वार्ष्णेय जी क़ा ''टूटते देश में बनता भविष्य.(मेरा रूस प्रवास.) बताता है रूस में प्रवर्तित होते हालातों को.
** कुछ और लिंक्स भी है विविध भावों को अभिव्यक्त करते हुए --
--'एक ये भी दिवाली..'
--'बिन धुँआ, बिन धमाका, हरियाली सी इक दीवाली''
--''क्या ऐसे होगा देश निर्माण ???".
--"भूकम्प का ग्रह योग 16 नवंबर 2010 को सर्वाधिक प्रभावी होगा !"
--"यूँ नही हम ऐसे "
--"मृत्यु में सौन्दर्य का बोध -"
--"दर्शन कर लो बारम्बार।*ये गुरूनानक का दरबार।"
--"'दिमाग की बत्ती' जलने में 20 लाख साल लग गए!"
--"“जन्मदिवस:उत्तराखण्ड”
--"कार्टून:- अब इस जीने का क्या फ़ायदा लल्लू -"
--"मित्र - बीना अवस्थी बस स्टाप के समीप स्थित पार्क में तुषार और उसके मित्र बैठे थे। अचानक बड़ी तेज आवाज हुई। वातावरण को दहलाने वाली। ....धड़ाम। "
--एस.एम.एस बन जाते हैं कँवल
इसके साथ ही मुझे अनुमति दीजिये..आज क़ा दिन आप सभी के लिए शुभ व् मंगलकारी हो--
और यह क्या तुम सुनते नहीं विधाता क़ा मंगल वरदान;
''शक्तिशाली हो; विजयी बनों''विश्व में गूंज रहा जय गान.
डरो मत अरे अमृत संतान अग्रसर है मंगलमय वृद्धी ;
पूर्ण आकर्षण जीवन केंद्र खिची आवेगी सकल समृधि.[श्री जयशंकर प्रसाद]
सच में विविध भावों की सुंदर अभिव्यक्ति रही आज की चर्चा शिखा .....सभी लिनक्स अच्छे .....धन्यवाद
जवाब देंहटाएंAti sundar aur satk abhivyakti.
जवाब देंहटाएंसराहनीय सार-संकलन के साथ एक सुंदर प्रस्तुतिकरण.मेरे आलेख को भी आपने जगह दी . आभार .
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया .. आभार !!
जवाब देंहटाएंsundar charcha.. acche links hain.. dhanyvaad
जवाब देंहटाएंvividh bhavon ki abhivyakti vakai vividhtayukt aur prabhavi hai.
जवाब देंहटाएंसुंदर रही आज की चर्चा ....
जवाब देंहटाएंआपका अन्दाज़ बेहद खूबसूरत है……………हर बार नये रंग समाहित होते हैं……………काफ़ी अच्छे लिंक्स्………………आभार्।
जवाब देंहटाएंvery nice
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा ...अच्छे लिंक्स मिले .
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिंक्स!
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर
जवाब देंहटाएंभाग्य
jayshankar prasad ji ki panktiyon se shuruwat aur ant ke beech vividhta liye bahut sundar charcha!!!
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा ,आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंक्स. सुंदर एवं सार्थक चर्चा. आभार.
जवाब देंहटाएंसादर,
डोरोथी.
सहज, सुंदर और रोचक चर्चा।
जवाब देंहटाएंाच्छे लिंक्स । अच्छी चर्चा। बधाई।
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