चर्चा मंच पर
आज प्रस्तुत है-
कुछ ब्लॉगों की चर्चा का उपक्रम!
भ्रमण कर रहे "वत्स" जी, ताऊ के इन्दौर।
इसीलिए तो हम लाए हैं, कुछ चर्चा सिरमौर।।
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Nov 10, 2010 | Author: Pakhi | Source: पाखी की दुनिया
आज बहुत दिन बाद अपना ब्लॉग देख रही हूँ. अब आप पूछेंगें क्यों....चलिए बता ही देती हूँ. मैं दीदी बन गई हूँ. मेरे घर में मेरी प्यारी सी बहना जो आ गई है. ये रही नन्हीं-मुन्नी प्यारी सी मेरी सिस्टर, जो अब मुझे दीदी कहकर बुलाएगी. इसका जन्म 27 अक्तूबर, 2010 की रात्रि 11: 10 पर बनारस के हेरिटेज हास्पिटल में हुआ. पहले हम लोग पोर्टब्लेयर से अपने ददिहाल ...
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लेखक, संपादक, अनुवादक, समीक्षक, प्राध्यापक साहित्यभूषण
डॉ० रामाश्रय सविता से उनकी बहुचर्चित गीत "आँसुओं है मना" सुनिए।
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जल्दी से खरीद लीजिये, *बहुत सस्ते हो गये हैं फ्लैट*.
यह सुविधा केवल सरकारी कर्मचारियों के लिये और उनके परिवारी जनों के लिये ही है.
*केवल साढ़े छत्तीस लाख.....
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ब्लॉगिंग अगर इंडस्ट्री है तो मैने गलत चुन ली.
अफसोस होता है कभी कभी. कभी कभी कहना बहुत मर्यादित वक्तव्य है सिर्फ इसलिए क्...
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वन्दना जी, जिनका कहना है, “मैं विश्वास दिलाती हूँ कि हरेक ब्लॉगर मित्र के अच्छे सृजन की अवश्य सराहना करूँगी”,
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एक तीस वर्षीय साधारण भारतीय युवक, जिसे वक्त के थपेड़ों ने संयुक्त राज्य ला पटका। देश की मिट्टी माथे पर लिये घूमता हूँ। सौ पढ़ता हूँ, एक लिखता हूँ। पेशे से चिकित्सक, धर्म है भारत। तकनीकी विषयों पर माथापच्ची करने में भी रुचि रखता हूँ। चाय बहुत अच्छी बनाता हूँ, कभी आइयेगा...
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रजनी की काली अलकों में,
तारों की झिलमिल ज्योती में,
तुम छिपे हुए हो जीवन धन इस ओस के सुन्दर मोती में !
निशिपति की मृदु मुस्काहट...
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******* रौशन शहर, चहकते लोग आदमी की भीड़,
अपार शोर, शुभ आगमन की,
तैयारी पूरी रात्रि पहर, घर आएगी समृधि !
पर जाने क्या हुआ, कल रात ...
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*शीर्षक* पर चौकें नहीं क्यूंकि व्यंग्यकारों को यह सुविधा होती है कि वे कहावतों और मुहावरों को अपनी आवश्यकतानुसार ....
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Surrogacy एक वैकल्पिक उपाय हैं उन दम्पतियों के लिए ,
जो किन्हीं कारणोंवश माता-पिता नहीं बन सकते।
एक स्त्री जो surrogate मदर बनती है .....
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कानून के दरों पर, इंसाफ बिक रहा है,
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बिहार और झारखंड का मुख्य त्यौहार है छठ , अभी चारो ओर इसकी धूम मची है।
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कहते हैं कि अच्छी नींद वह होती है, जिसमें सपने नहीं आते.
मैं तो अच्छी ही नींद सोता हूँ. कभी सपने आते भी हैं तो याद नहीं रहते,
सवेरे कुछ ध्यान रहता है कि...जागती आँखों के सपने......
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एक मुस्कुराहट क्या कुछ नहीं खिला देती
जुदा जुदा राहियों को मंजिल है मिला देती!
चलते हुए कितने ही दीप जलते हैं सुन्दर सपने..
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उदासी के बादल
छा गए हैं मेरे ज़िंदगी के फ़लक पर
अब कुछ बरसें तो उजला आसमां हो ...
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*अक्सर ऐसा होता है कुछ पढ़ते - पढ़ते लिखने का मन हो आता है।
और जब तक लिख न लिया जाय तब तक लगता है कि
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किताबों के पन्नों को पलट के सोंचता हूँ.. यूँ पलट जाये जिंदगी मेरी;
तो क्या बात है. ख्वाबों में रोज मिलते हैं जो मुझको....
आज हकीक़त में मिल जाए; ...तो क्या बात है -
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- *आदमी खुद के लिए अपने स्तर की दुनिया अपने हाथों खुद रचता बुनता है .
जिस घोसलें में वह रहता है अपनी जिंदगी बिताता है ....मनुष्य अपने भाग्य का स्वयं निर्माता है ....
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मै धागे का एक सिरा पकड़ फिर उस पर चल कर तुम तक पह्चूं
ये जानने के लिए कि तुम कौन हो
जो मेरे ख्वाबो में आ कर अदृश्य संदेश भेजते हो ,
स्पर्श को महसूस कराते ...धोखा
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*इन्द्रधनुष Rainbow यह एक बहुत ही सुंदर प्रकाशीय विक्षेपण की धटना है
जिसे न समझ पाने के कारण इसे पुराने समय में इन्द्रधनुष,रेनबो,बुढीया का बेड़ा,मेघधनुष आ..
सुंदर चर्चा....................
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा की है काफी अच्छे लिंक मिले .... समयचक्र की पोस्ट को सम्मिलित करने के लिए आभारी हूँ ....
जवाब देंहटाएंसमयचक्र की पोस्ट को सम्मिलित करने के लिए आभारी हूँ ....
जवाब देंहटाएंaaj ki charcha dekhkar humne kiya ye gaur;inse behtar charcha kaun karega aur.aabhar!
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएंबहुत सुदर चर्चा। काफी लिनक्स मुझे अपनी पसंद के मिले , जो शायद मुझसे मिस हो जाते। आपका आभार इस अथक , निस्वार्थ मेहनत के लिए।
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चर्चा मंच भी सुन्दर और चर्चा भी ....खूबसूरत चर्चा और अच्छे लिंक्स से सजाई आज की चर्चा बहुत अच्छी लगी ....आभार
जवाब देंहटाएंकाफ़ी विस्तृत चर्चा और सुन्दर लिंक्स्…………काफ़ी पढ लिये है बाकि के बाद मे पढूंगी……………आभार्।
जवाब देंहटाएंvistrit sundar charcha!!!!
जवाब देंहटाएंwell presented!!!
regards,
सुंदर चर्चा....................
जवाब देंहटाएंbahut achchhe charcha...aabhaar
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स से सजी चर्चा.बहुत बढ़िया.
जवाब देंहटाएंbahut acche links mile hain..aapki mehnat ko mera naman..
जवाब देंहटाएंcharcha prastut karne ka andaz nirala hai,
जवाब देंहटाएंjitne bhi link jode un sabhi me chaya ujala hai.
man ko khoob bhai charcha....shastri ji ko barambar badhai.
aadarniye roopchandra ji,
जवाब देंहटाएंaapka bahut aabhar jo aapne meri rachna ko charcha manch par sthaan diya.
kuchh anya rachnaayen bhi padhee, bahut achhi lagee. cartoon bhi bahut achha laga dekhna. achhe prastutikaran keliye badhai.
bahut sundar charchaa hai aaj kee.....link shandaar aur rang... kafi sundar may tasweer ke... bahut acchi lai aaj ki charchaa..
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार चर्चा है शास्त्री जी ! इतने अच्छी लिंक्स देने के लिये आपका बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा.
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए तहे दिल से शुक्रिया!
सादर
शानदार चर्चा रही आज की इन्द्रधनुषी रंगों से संवरी.
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच पर पहुँच कर एक साथ कई प्रतिभाओं से रूबरू होने का अवसर मिला। यह संयोग प्रदान करने हेतु आपके प्रति सादर आभार....।
जवाब देंहटाएंसद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
छा गए शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिंक्स।
बहुत सुंदर चर्चा की है काफी लिंक पढ़ने हेतु मिले .... मेरी शेखावाटी की पोस्ट को सम्मिलित करने के लिए आभारी हूँ
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंशानदार चर्चा..पाखी की दुनिया को शामिल करने के लिए आभार.
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