नमस्कार मित्रों मैं मनोज कुमार एक बार फिर हाज़िर हूं रविवासरीय चर्चा … कुछ लिंक्स और एक लाइना के साथ।
- स्वराज्य करुण की (गज़ल) मुन्नी को बदनाम करेगी ! :: मुन्ना राजा कर लें चाहे जितनी धींगा मस्ती, कुछ भी नहीं कहेगी उनको मतवालों की बस्ती !
- सिर्फ़ शीर्षक ही नहीं पोस्ट भी आपका अच्छा लगता है,,,... केवल राम :: क्योंकि कुछ को दोस्त , कुछ को दुश्मन बनाना अच्छा लगता है … केवल राम।
- प्रवीण पाण्डेय की ब्लॉगरीय आत्मीयता :: हृदय को सबके सामने उड़ेल देने वाली सहज और सरल अभिव्यक्ति।
- अंशुमान आशू कहते हैं फिर यादें होती हैं, उदासी नहीं होती! :: आशू जी क्या बात है दिल होता है मगर दिल्लगी नहीं होती!
- अनुपमा पाठक अब निकल पड़ी हैं संकरी गलियों से चौड़ी सड़कों तक...! :: बेस्ट ऑफ लक … जड़ों से जुड़े रहे कदम फिर विचरण हो विस्तृत फ़लक तक!!!!
- कुसुम ठाकुर कहती हैं हाले दिल बयां करूँ अब मैं कैसे :: हिले होठ मेरे कहूँ अब मैं कैसे, रहे दूर चेहरा पढूं अब मैं कैसे!
- शिक्षामित्र का कहना है परफेक्शन और प्रोडक्टिविटी में संतुलन जरूरी :: क्योंकि कई बार अधिक परफेक्शनिस्ट एटीडय़ूड काम में बाधा भी पहुंचाता है। साथ ही आपको अपनी क्षमताओं के अनुसार परिणाम देने से रोक देता है।
- विरेन्द्र सिंह चौहान का कहना है "ग़लत' को सही साबित करना तो बहुत आसान है !!!!!!!!!!!!!!!!!!! :: जीवों की अगर बची जान है, तो बचा जहान है।
- कुमार राधारमण की सलाह है स्वास्थ्य बीमे के कागज रखें तैयार :: कंपनी की ओर से बिल भुगतान क्लेम पाने के लिए होगी इसकी दरकार।
- कुछ अलग सा वाले गगन शर्मा जी पूछ रहे हैं कौन बेचारा है पति या पत्नी :-) :: इससे तुम्हें कुछ मिलने वाला नहीं है।
- "माता के उपकार बहुत..." (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक") :: अपने हिस्से की रोटी, बेटों को सदा खिलाती है!
- शरद कोकास जी कह रहे हैं झील रात भर नदी बनकर मेरे भीतर बहती है :: मै सुबह कविता की नाव बनाकर छोड़ देता हूँ उसके शांत जल में!
- सम्वेदना के स्वर सुनिए सौवीं पोस्टः चुनावतंत्र के नए मंत्र :: “जनप्रतिनिधि कानून” में यदि दो संशोधन किये जायें, तो होगा यह एक प्रभावी कदम और बेहतर होगा लोकतंत्र।
- कैलाश सी शर्मा का अनाम रिश्ता :: सिर्फ अहसास का अनजान सा है एक नाता.
- सुमन जिंदल का प्रश्न क्यूँ ??? :: एक और या का रेप हुआ दिल्ली मे चलती गाड़ी मे ?
- साधना वैद प्रस्तुत कर रहीं हैं मां, किरण जी कविता मुझको ऐसे गीत चाहिये :: जो पतझड़ में मधुॠतु ला दे, जो वर लायें जीवन ज्योति, जो झोली भर दे दीनों की, दुखियों के अरमान दिला दे, मुझको ऐसी जीत चाहिये !
- रवीन्द्र प्रभात द्वारा भविष्य का यथार्थ :: भविष्य के बारे में कौन जानता है? फिलहाल ये विज्ञान की पहुंच से दूर है।
- नवीन सी चतुर्वेदी का प्रश्न क्या कहते हैं आप? :: बड़ा ही सीधा है फिर भी कुछ है जो अनुत्तरित सा लगता रहता है|
- डोरोथी की बातों की दुनिया :: गुम हो जाती हैं / हवाओं में / अस्फुट अस्पष्ट सा / शोर बनकर
- आशीष वर्मा की चाहत कुछ तो ऐ यार इलाज-ए-ग़म-ए-तन्हाई हो :: बात इतनी भी न बढ़ जाये के रुसवाई हो!!!
- बीणा पूछ रही हैं आखिर हम गाली क्यों देते हैं? :: किसी कों डराने धमकाने के लिए दोचार भद्दी गालियों का प्रयोग कर दो |सज्जन तो ऐसा भाग खडा होगा जैसे गधे के सर से सींग और भले घर की लडकिया तो उस माहौल से बचना ही सुरक्षित मानेगी |
- अनु सिंग चौधरी का कहना मेरा होना... यूं होना! :: हर्फों, गिनती, पहाड़े, व्याकरण में जीवन की सीख देते हैं।
बस !! आज इतना ही। अगले हफ़्ते फिर मिलेंगे।
बहुत अच्छे लिंक्स!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे अच्छे लिंक्स .. एकलाइना भी आपने अच्छा लिखा है !!
जवाब देंहटाएंBahut achhi rahi charcha...... dhanywad
जवाब देंहटाएंचन्द्र टरे, सूरज टरे, टरे जगत व्यव्हार।
जवाब देंहटाएंचर्चा नियमित कर रहे, भाई मनोज कुमार!!
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बहुत ही सधी हुई सुगठित चर्चा!
चर्चा बहुत अच्छी और सटीक लगी |बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंआशा
vaah kya seleklshn he . akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंसार-संकलन सराहनीय है. मुझे भी जगह दी, इसके लिए आभार.
जवाब देंहटाएंसुन्दर पोस्टें पढ़ने को मिलीं,मनोज जी धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंक्स का चयन ...अच्छी प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंसुन्दर और सार्थक चर्चा के लिये बधाई एवं आभार ! आपका चयन सदैव प्रशंसनीय होता है ! धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सधी हुई सटीक चर्चा!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंक्स का चयन ...आभार.
Bahut achhi rahi charcha...... dhanywad, ek lina bhi khoobsurat hai.
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स अच्छी चर्चा। आभार।
जवाब देंहटाएं5/10
जवाब देंहटाएंअच्छी रही चिटठा चर्चा.
लिंक्स चयन का आधार अगर श्रेष्ठता, उत्कृष्टता, उपयोगिता, मौलिकता हो तो बेहतर है.
अच्छे लिंक्स के साथ सुन्दर व सार्थक चर्चा…………आभार्।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक्स मिले, आभार।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंआभार
सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंश्रमसाध्य कार्य है यह लिंक्स संकलित करना!
आभार!
Sundar charcha Manoj ji .. achhe link diye hain aapne ...
जवाब देंहटाएंBahut achhi rahi charcha...... dhanywad....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लोंक्स मिले .सधी हुई अच्छी चर्चा.
जवाब देंहटाएंमैं बंटी चोर जूठन चाटने वाला कुत्ता हूं। यह कुत्ता आप सबसे माफ़ी मंगता है कि मैने आप सबको परेशान किया। जाट पहेली बंद करवा के मुझे बहुत ग्लानि हुई है। मेरी योजना सब पहेलियों को बंद करवा कर अपनी पहेली चाल्लू करना था।
जवाब देंहटाएंमैं कुछ घंटे में ही अपना अगला पोस्ट लिख रहा हू कि मेरे कितने ब्लाग हैं? और कौन कौन से हैं? मैं अपने सब ब्लागों का नाम यू.आर.एल. सहित आप लोगों के सामने बता दूंगा कि मैं किस किस नाम से टिप्पणी करता हूं।
मैं अपने किये के लिये शर्मिंदा हूं और आईंदा के लिये कसम खाता हूं कि चोरी नही करूंगा और इस ब्लाग पर अपनी सब करतूतों का सिलसिलेवार खुद ही पर्दाफ़ास करूंगा। मुझे जो भी सजा आप देंगे वो मंजूर है।
आप सबका अपराधी
बंटी चोर (जूठन चाटने वाला कुत्ता)
मैं बंटी चोर जूठन चाटने वाला कुत्ता हूं। यह कुत्ता आप सबसे माफ़ी मंगता है कि मैने आप सबको परेशान किया। जाट पहेली बंद करवा के मुझे बहुत ग्लानि हुई है। मेरी योजना सब पहेलियों को बंद करवा कर अपनी पहेली चाल्लू करना था।
जवाब देंहटाएंमैं कुछ घंटे में ही अपना अगला पोस्ट लिख रहा हू कि मेरे कितने ब्लाग हैं? और कौन कौन से हैं? मैं अपने सब ब्लागों का नाम यू.आर.एल. सहित आप लोगों के सामने बता दूंगा कि मैं किस किस नाम से टिप्पणी करता हूं।
मैं अपने किये के लिये शर्मिंदा हूं और आईंदा के लिये कसम खाता हूं कि चोरी नही करूंगा और इस ब्लाग पर अपनी सब करतूतों का सिलसिलेवार खुद ही पर्दाफ़ास करूंगा। मुझे जो भी सजा आप देंगे वो मंजूर है।
आप सबका अपराधी
बंटी चोर (जूठन चाटने वाला कुत्ता)
बहुत अच्छे लिंक्स से सजी सुंदर एवं सार्थक चर्चा. मेरी रचना को चर्चा को स्थान देने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंसादर
डोरोथी.
बढ़िया चर्चा .. काफी पठनीय लिंक मिले.... आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा ...अच्छे लिंक्स मिले.....
जवाब देंहटाएंएक लायीन, सादगी से भरी चर्चा अच्छी लगी.
जवाब देंहटाएंभाई मनोज कुमार जी हम लोगों के लिए आज के सर्वाधिक प्रासंगिक [मेरे हिसाब से] विषय को इस बार की चर्चा में शामिल कर के आपने मुझे कृतार्थ किया है| बहुत बहुत धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंझूठ नहीं बोलूँगा, इस बार में किसी भी पोस्ट को नहीं पढ़ पाया हूँ| फिर भी इतने सारे महत्वपूर्ण विषयों को ढूँढ कर चर्चा में शामिल करने की लिए आपको बहुत बहुत बधाई|
आपके माध्यम से मैं चर्चा मंच के सभी साहित्यप्रेमियों से निवेदन करता हूँ, की वे इस बार ओबिओ के दूसरे इवेंट में ज़रूर पधारें| इस इवेंट के बारे में जानकारी मेरे ब्लॉग पर एक पोस्ट में दी हुई है|
मुझे खुशी होगी यदि आप सभी मित्रों को इस साहित्यिक यज्ञ में सहभागी बनने के लिए अपनी तरफ़ से भी एक सूचना भेज सकें| आभार|
अच्छी एक लाईना चर्चा !
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा-आभार
जवाब देंहटाएंअच्छे लिनक्स दिए हैं. और भी ब्लॉग जगत मैं तलाशें बहुत कुछ मिलेगा.
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