नमस्कार , आज डा० नूतन जी की व्यस्तता ने मुझे भी थोड़ा व्यस्त किया और मैं ले कर आई हूँ उन चिट्ठों के लिंक्स जो इन दो दिनों में मुझे अच्छे लगे …बिहार के चुनावों के नतीजों ने यह साबित कर दिया है कि अब आम जनता नेताओं के झांसे में नहीं आने वाली …जो जनता की सुख सुविधाओं को ध्यान में रख विकास के मार्ग पर चलेगा जनता भी उसके साथ होगी ….खैर ..यह तो थी राजनीति की बात …सामाजिक दायरे में देखें तो महिलायें आज भी उत्पीडन का शिकार हैं …कल महिला हिंसा विरोधी दिवस था …..तो लीजिए आज की चर्चा का प्रारंभ हम इसी विषय से करते हैं … |
बहन संगीता स्वरूप जी आज की सुन्दर चर्चा करने के लिए आपका आभार!
जवाब देंहटाएंआदरणीया सँगीताजी चर्चा मँच आपने बहुत सुन्दर ढँग से सजाया है।बधाई और प्रणाम।
जवाब देंहटाएंआदरणीया सँगीताजी चर्चा मँच आपने बहुत सुन्दर ढँग से सजाया है।बधाई और प्रणाम।
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंश्रमसाध्य और बहुविध चर्चा। जो अलग से किसी ब्लॉग पर नहीं जा पाते,उनके लिए संतुलित और रेडीमेड।
जवाब देंहटाएंवाकई श्रमसाध्य कार्य है ...
जवाब देंहटाएंबहुत सारे लिंक्स बिना पढ़े रह गए थे ...
अच्छी चर्चा ..
आभार !
आज की सुन्दर चर्चा करने के लिए आपका आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा...
जवाब देंहटाएंमेरा ब्लॉग भी शामिल करने के लिए शुक्रिया....
अरे वाह.... सच में लिनक्स ही लिनक्स .... सुंदर चर्चा के लिए आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा... मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार... वंदना जी, मनोज जी, राजभाषा आदि के ब्लॉग अच्छे लगे.. रामपती जी की पगडण्डी भी अच्छी लगी...
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा करने के लिए आपका आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा के लिए बधाई स्वीकार करें |
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को आज चर्चा में सामिल करने के लिए आभार
सुन्दर प्रविष्टियो से सजी पठनीय चर्चा . आप सचमुच समुद्र से मोती चुनकर लाती है .
जवाब देंहटाएंमेरे "विचार" को स्थान दिया, इसके लिए मैं आपके और मंच के प्रति हार्दिक कृतज्ञता प्रकट करता हूं।
जवाब देंहटाएंबहुत सारे ऐसे लिंक्स मिले जिन पर जाना नहीं हो पाया था। अब जाऊंगा। मंच से बैठे-बैठे। आपकी खोजी निगाह की दाद देता हूं।
्चर्चा मंच के 350वें अंक के लिये हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक्स लगाये हैं…………जो नही पढे थे ज्यादातर पर हो आई हूँ………………आभार्।
संगीता जी, अपने स्नेहाशीष के साथ मेरी रचना को चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए आभार। बहुत अच्छे लिंक्स से सजी सुंदर एवं सार्थक चर्चा. आभार.
जवाब देंहटाएंसादर,
डोरोथी.
आज तो सुपरफास्ट ;)
जवाब देंहटाएंसभी लिंक बेहतरीन एवं उत्कृष्ट हैं ,
जवाब देंहटाएंइतने अच्छे लिंक्स देने के लिए धन्यवाद
dabirnews.blogspot.com
वाह. 40 पोस्टों की ख़बर एक ही जगह. धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंआदरणीय संगीता जी, चर्चामंच के लिए आपका श्रम तारीफ-ए-काबिल है वास्तव मे आप अपना इतना समय देकर बहुत से मेरे जैसे अनाम चिट्ठेकारों के भी चिट्ठे भी सुधी पाठको के समक्ष लाती है इसके लिए साधुवाद और मेरी रचना को चर्चामंच पर स्थान देने के कोटि-कोटि आभार
जवाब देंहटाएंसादर
डा.अजीत
www.shesh-fir.blogspot.com
www.meajeet.blogspot.com
पता नहीं आज की चर्चा का हेडिंग कुछ इस प्रकार दिमाग में कौंध रहा है :
जवाब देंहटाएंसेल - सेल - बम्पर सेल
३५० वी चर्चा पर बधाई
लिंक्स ही लिंक्स हैं पर मेहनत से जुटाए हुए हैं और बहुत ही व्यवस्थित तरीके से सजाये हुए हैं.
जवाब देंहटाएंसुन्दर सार्थक चर्चा.
sarthak charcha !charcha manch ki 350 vi charcha par hardik shubhkamnaye !
जवाब देंहटाएंcharchamanch.blogspot.com पर इस पोस्ट को जगह देने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया. ऊपर जो लिखा, उसे लिखने के पहले हर बार मेरी आँखें नाम हो गयी. अंत में जय हिंद .... प्रवीन मोहता
जवाब देंहटाएंबेहद लुभावनी ..सब एक साथ मिल जाता है यहाँ ..तीखा मीठा .
जवाब देंहटाएं२६/११ फिर से याद किया , साथ में सरोकार से वो स्वेअटर वाली कविता दिल में उतर गयी ! बहुत अच्छी चर्चा
अच्छी चर्चा के लिए बधाई स्वीकार करें ...
जवाब देंहटाएंaapki charcha sach mein dekhne layak hoti hai.. itni mehnat jo karte ho aap.. bahut shandar links diye hain aaj bhi . badhai
जवाब देंहटाएंचर्चामंच के ३५०वें संस्करण हेतु बधाई !
जवाब देंहटाएंसार्थक लिंक्स सहेजे हुए सुन्दर चर्चा!!!
आभार!
बहुत अच्छी चर्चा !
जवाब देंहटाएंइतनी सुन्दर चर्चा के लिये आपका आभार संगीताजी और चर्चामंच के ३५० वें संस्करण के लिये हार्दिक बधाईयां और मेरी शुभकामनाएं स्वीकार करें !
जवाब देंहटाएंएक से बढ़कर एक लाजवाब लिंक देने के लिए आपका ह्रदय से आभार...
जवाब देंहटाएंचर्चामंच बहुत हद तक ब्लोग्वानी खोने के दुःख को कम कर देता है...
केवल एक आग्रह है, यदि लिंक इस तरह से संयोजित हों कि क्लिक करने पर ये नए विंडो में खुलें तो बहुत ही सुविधाजनक होंगे.अन्यथा इस तरह रहने पर बार बार फिर से चर्चामंच पर जाने के लिए या नए लिंक खोलने के लिए कसरत करनी पड़ती है...नेट यदि स्लो हो तो और मुसीबत हो जाती है....
सभी पाठकों का बहुत बहुत आभार ..आपकी प्रतिक्रियाँ हमारा मनोबल बढ़ाती हैं .
जवाब देंहटाएंरंजना जी ,
आपका सुझाव बहुत अच्छा है ..लेकिन मुझे इसका तकनीकी ज्ञान इतना नहीं है कि लिंक इस तरह लगाये जाएँ जो क्लिक करने पर दूसरी विंडो में खुलें ...यह बात पहले भी कही गयी है ...यदि किसी को भी यह तकनीकी आती हो तो कृपया सिखाने का कष्ट करें ....वैसे तब तक आप राईट क्लिक कर नयी विंडो खोल कर काम चलायें ...वैसे यह परेशानी अक्सर मुझे भी होती है ...आभार
चर्चामंच में मेरे ब्लॉग को सम्मिलित करने के लिए हार्दिक आभार।
जवाब देंहटाएंइस सुंदर संयोजन के लिए धन्यवाद।
चर्चा मंच के 350वें अंक के लिये हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंक्स से सजी सुंदर एवं सार्थक सुपरफास्ट चर्चा रही आज की.
आभार.
bahut hi khoobsoorati se bahut achhe links dhoond kar jis shraddha se aapne charcha manch ki 350vi post prastut ki hai kabile tareef hai.badhai.
जवाब देंहटाएंसंगीता जी आपके प्रेरणा-रूपी प्रोत्साहन की लिए शुक्रिया... चर्चा भी अच्छी लगी... नए-नए ब्लोग्स को जानने का अवसर देने की लिए भी शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा -आभार !
जवाब देंहटाएंसँगीताजी चर्चा मँच आपने बहुत सुन्दर ढँग से सजाया है।बधाई और प्रणाम।
जवाब देंहटाएंसंयोजन के लिए बधाई। सभी रचनाएं अपनी बानगी में एक अलग तेवर और अंदाज़ है जो सहज ही आकर्षित करती है। चर्चामंच का यह झरोखा मनभावन है।
जवाब देंहटाएंDangeeta di express....achchha laga...:D
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंक मिले .......धन्यवाद
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसंगीता जी,
जवाब देंहटाएंमेरी ग़ज़ल इतनी खूबसूरत रचनाओं के साथ शामिल करने का शुक्रिया
संगीताजी
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद इस चर्चा में दादाजी की रचनाओ को शामिल करने के लिए |
तिन दिनों से बाहर थी इसीलिए देर से देख पाई |
आभार
Sangeeta ji.. aapka tahe dil shukriya.. aapne meri anupasthi me shukrvaar ko charcha kaa sundar ramg jamaaya... sundar charcha..
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