नमस्कार/सलाम/सतश्रीअकाल/जयहिन्द !!!सबके जीवन में प्रकाश हो,व्यवहार एवं कर्म की पवित्रता हो,ह्रदय में मधुरता का वास हो, इस मंगलकामना के साथ चर्चा मंच के सभी पाठकों को दीपोत्सव की अनन्त शुभकामनाऎँ!!!गुरूवासरीय चर्चा में आप सभी पाठकों का हार्दिक स्वागत है. आज की चर्चा में आपको न तो कोई टीका न टिप्पणी और न ही कोई रामकहानी सुनने को मिलने वाली है……मिलेंगें सिर्फ चन्द लिंक्स…बस!क्योंकि तुम अरुंधती नहीं हो मेरी बहनक्या आप इरोम शर्मीला को जानते हैं? नहीं, आप अरुंधती रॉय को जानते होंगे और हाँ आप ऐश्वर्या राय या मल्लिका शेहरावत को भी जानते होंगे, आज(2 नवंबर) शर्मीला के उपवास के १० साल पूरे हो गए उसके नाक में जबरन रबर का पाइप डालकर उसे खाना खिलाया जाता है, उसे जब नहीं तब गिरफ्तार करके जेल भेज दिया जाता हैं,वो जब जेल से छूटती है तो सीधे दिल्ली राजघाट गांधी जी की समाधि पर पहुँच जाती है और वहां फफक कर रो पड़ती है,कहते हैं कि वो गाँधी का पुनर्जन्म है…..बेनकाब बेशराब(मनीष जोशी)उफ़-आह रंग साज़ हैं, लुब्बे लुबाब मेंबेलौस बांटते हैं सिफ़र, दो के आब में नीचे सिफ़र दिया, यही ऊपर की सल्तनत ऐसा बयाँ इस साल भी, लिक्खा किताब में कैसा बयान था, वहाँ किसका मकान था चल बाँट लें बन्दर के नांईं, सब हिसाब में रौशन हो सबका आंगन भी !(स्वराज्य करूण)न तरसे कोई दो वक्त की थाली के लिए ,दुआ करें हम सब की खुशहाली के लिए ! हो गाँव अपने गीतों से गुलज़ार हमेशा , खेतों में दूर-दूर तक हरियाली के लिए ! शहरों की भीड़ में भी हर कोई लगे अपना , ऐसा तो कोई हो चमन माली के लिए ! संगीत और श्रृंगार(बृजेन्द्र सिँह)जब मिलती थीं उनसे नज़रेंसातों सुर खिल जाते मन में, जो अधकच्चे रह जाते थे वो तड़पाते फिर सपनों में.. इस मन पगले ने ढूँढा है तुमको हर कवि की कविता में, संयोग में वो रस मिला नहीं जो है वियोग की सरिता में.. एक ग़ज़ल(तिलकराज कपूर)वायदा है मैं तिमिर से हर घड़ी टकराउँगास्नेह पाया है जगत से रौशनी दे जाउँगा। कौन हूँ मैं बूझ पाओ तो मुझे तुम बूझ लो लौ पुराना प्रश्न है जो मैं नहीं सुलझाउँगा। बात जब मेरी हुई तो तेल बाती की हुई मैं रहा जिस पात्र में गुणगान उसके गाउँगा। गुल्लक(डॉ वर्तिका नन्दा)हवा रोज जैसी ही थीलेकिन उस रोज हुआ कुछ यूं कि हथेली फैला दी और कर दी झटके से बंद हवा के चंद अंश आएं होंगे शायद हथेली में गुदगुदाए फिर हो गए उड़नछू वहीं, जहां से आए थे |
Technorati टैग्स: {टैग-समूह}गुरूवासरीय चर्चा-पं.डी.के.शर्मा "वत्स"
बहुत सुंदर चर्चा.....सभी लिनक्स अच्छे लगे....मेरी पोस्ट 'हर आँगन बिखरे आलोक' को शामिल करने के लिए.. आभार.... आपको भी दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंपंडित जी , दिवाली की तैयारी में लगे हुए है लगता है आज की चर्चा के लेबल में अपना नाम ही गलत लिख गए महाराज ......."वत्स" की जगह "चत्स" लिखा आ रहा है ... सुधार लीजिये !
जवाब देंहटाएंचर्चा सटीक करी महाराज .... बढ़िया लिंक्स लगाए है ! आभार आपका !
चर्चा मंच पर आप सभी को और आपके परिवार में भी सभी को दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं ! !
सही है!
जवाब देंहटाएंसुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल 'समीर'
सुन्दर चर्चा!
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प्रेम से करना "गजानन-लक्ष्मी" आराधना।
आज होनी चाहिए "माँ शारदे" की साधना।।
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आप खुशियों से धरा को जगमगाएँ!
दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!
सार्थक चर्चा . सुंदर प्रस्तुति. मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार . ज्योति-पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामना!
आप सभी को दिपावली की ढेर सारी शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स, चर्चा मंच से जुड़े हर इक शख़्स को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंbahut achchhi charcha.diwali se sambandhit sabhi links achchhe hai.badhai swikar karen.
जवाब देंहटाएंsundar charcha!
जवाब देंहटाएंइरोम शर्मीला ji se concerned post se shuru hoti hui saarthak charcha hetu aabhar!
shubh deepawali!!!
बहुत सुन्दर चर्चा लगाई है………………काफ़ी बढिया लिंक्स हैं कुछ पढ लिये है और फ़ोलो भी कर लिये हैं………………आभार्।
जवाब देंहटाएंदीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें।
दीपावली की आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए.. आभार...
संतुलित और सशक्त चर्चा पर बधाई.
जवाब देंहटाएंआप सब को दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं.
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंसभी दोस्तों को दीपावली की बधाई!
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनाएं॥
जवाब देंहटाएंमैंने आपके पास इन्हें भेजा है.... इन लोगों का अपने घर पर दीवाली ( 5 Nov 2010) शुक्रवार को स्वागत करें.
जवाब देंहटाएंhttp://laddoospeaks.blogspot.com/
'असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय ' यानी कि असत्य की ओर नहीं सत्य की ओर, अंधकार नहीं प्रकाश की ओर, मृत्यु नहीं अमृतत्व की ओर बढ़ो ।
जवाब देंहटाएंदीप-पर्व की आपको ढेर सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं ! आपका - अशोक बजाज रायपुर
सुन्दर चर्चा के लिए धन्यवाद । आपको भी दीवाली की हार्दिक शुभकामनायें ।
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