नमस्कार मित्रों मैं मनोज कुमार एक बार फिर हाज़िर हूं, रविवासरीय चर्चा के साथ।
छठ की पूजा समाप्त हो गई। ठकुआ खाकर बैठे हैं रविवासरीय चर्चा और एक लाइना लेकर। देखें गांव की बिजली सप्लाई कितनी देर तक साथ देती है।
-
स्वास्थ्य-सबके लिए पर कुमार राधारमण की प्रस्तुति मोटापा घटाने वाली दवा पर रोक :: इस दवा से शरीर में कई घातक प्रतिक्रियाएं भी होती हैं।
-
आज की ग़ज़ल पर सतपाल ख़याल की प्रस्तुति चौथी क़िस्त - सोच के दीप जला कर देखो :: आ जाओगे खुद ही सुर में, अपना होना गा कर देखो!
-
ये दुनिया है.... पर RAJNISH PARIHAR कहते हैं टी वी बदनाम हुआ...टी .आर.पी तेरे लिए......:: इस टी आर पी कि लड़ाई में हम अपने संस्कार, संस्कृति और भावनाओं से खिलवाड़ होते कब तक देखते रहेंगे....!!
-
समयचक्र पर महेन्द्र मिश्र बताते हैं मानसिक संतुलन बनाये रखना ही सबसे बड़ी निधि है ....:: यह सबसे सस्ती और टिकाऊ विधि है। देश और विदेशों में व्यक्ति विशेष पर जूते- चप्पलें फेंकने की घटनाएँ निरंतर बढ़ती जा रही है!!
-
भाषा,शिक्षा और रोज़गार पर शिक्षामित्र बताते हैं रैगिंग पर रोक :: क्या हमारी सरकारें इसके लिए तैयार हैं?
-
मनोज पर करण समस्तीपुरी गुहार रहे हैं उगो हो सुरुज देव अर्घ के बेर… :: इस तरह पूर्ण हुआ छट्ठी मैय्या की अराधना और सूर्यदेवता का व्रत!
-
परिकल्पना पर रवीन्द्र प्रभात फ़रमा रहे हैं ग़ज़ल को फ़कत जज़्बात मत कहना । :: लफ़्ज तोले बिना बात मत कहना, दिन को खामखाह रात मत कहना ।
-
संवादघर पर संजय ग्रोवर दिखा रहे हैं वे, मैं और इमेज :: इमेज को बाहर ही छोड़ दिया, ख़ुद अंदर आ गए।
-
आरंभ पर संजीव तिवारी .. सुना रहे हैं मुक्तिबोध ओ मुक्तिबोध : मुक्तिबोध स्मारक परिसर के संबंध में संक्षिप्त जानकारी :: मुक्तिबोध जी को समर्पित कक्ष को देखकर ऐसा प्रतीत होता है, जैसे वह आज भी अपनी रचनाओं के सृजन में लीन हों।
-
तनहा फ़लक पर त्रिपुरारि कुमार शर्मा प्रस्तुत करते हैं मुक्तिबोध की जन्मतिथि 13 नवम्बर ! :: और आज विदा हुआ चुपचाप ग्रीष्म समेट कर अपने लाव-लश्कर ।
-
ऋषभ की कविताएँ पर ऋषभ बन गए भाषाहीन :: पिता का ख़त पढ़ने की खातिर !
-
Ghonsla से Rajiv चल पड़े जब तय नहीं थी मंजिलें :: कई-कई रास्ते दिखाकर / छोड़ जाता था / एक अनजाने,अनचाहे / चौराहे पर
-
vilaspandit - a ghazal writer पर vilas pandit गा रहे हैं Ghazal :: फ़लसफ़े बेकार लगते हैं मुझे, फूल भी अब खार लगते है मुझे!
-
वीर बहुटी पर निर्मला कपिला की माँ की संदूकची [कविता] :: एक अच्छे परिवार का उपहार!!
-
KAVITARAWAT पर कविता रावत कहती हैं तुमको सोचने के बाद.... :: मन दो कदम पीछे हटता है, दिल दो कदम आगे बढ़ता है
-
काव्य तरंग पर रानीविशाल बता रही हैं दुआएँ भी दर्द देती है :: बड़ा मेहरबां सितमगर है, हजारों ज़ख्म देता है!!
-
राजभाषा हिंदी पर पुस्तक चर्चा :: अन्धेर नगरी :: अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी टके सेर खाजा
-
शिल्पकार के मुख से पर ललित शर्मा कहते हैं तुलने लगे कुबेर भी अनुदान के लिए :: बिक जाते हैं फ़रिश्ते अनुष्ठान के लिए
-
ज़रूर पढें Dr. Ashok Kumar"Anjaan"का शिक्षाप्रद लेख वायरल डेगूँ तथा चिकुनगुनिया से बचने का तरीका तथा प्रभावी इलाज :: चिकुनगुनिया, डेँगूँ तथा वायरल से सभी लोग भयभीत है क्योँकि यह बीमारियाँ बहुत ही खतरनाक रूप लेती जा रही है।
उम्दा ब्लॉग चर्चा के लिए आपका आभार ! सभी को बाल दिवस की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंsarthak charcha !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा ..... आभार
जवाब देंहटाएंसुंदर ब्लॉग चर्चा के लिए आपका आभार !
जवाब देंहटाएंसभी को बाल दिवस की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं
बहुत बढ़िया सारगर्वित चर्चा ... पोस्ट सम्मिलित करने के लिए आभारी हूँ ....
जवाब देंहटाएंबहोत ही सुंदर चर्चा..........आभार
जवाब देंहटाएंमनोज जी बहुत सुन्दर लेख और कवियें दी हैं... कुछ स्वस्थ सम्बन्धी बड़े काम के लिंक्स भी है.. इस सुन्दर चर्चा के लिए बधाई..
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा साधारण नही है!
जवाब देंहटाएं--
बहुत ही उपयोगी लिंकों का समावेश है इसमें!
कुछ लिंक पर पहुच चुकी हूँ...कुछ बाकी है..बहुत चुन चुन कर अच्छे लिंक्स लिए है. और चर्चा बहुत सोबर है.अच्छी चर्चा देने के लिए धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंरविवार की चर्चा अच्छी रही |बधाई
जवाब देंहटाएंआशा
बहुत खूब जी
जवाब देंहटाएं6/10
जवाब देंहटाएंसुव्यवस्थित चिटठा चर्चा
चिट्ठों के चयन में विविधता है.
उपयोगी व सुरुचिपूर्ण लिंक्स
अच्छे लिंक्स से सुसज्जित चर्चा ....
जवाब देंहटाएंआपने बहुत ही उपयोगी लिँको का समावेश किया हैँ।
जवाब देंहटाएंचर्चा बहुत ही सार्थक हैँ।
आपने मेरे लेख को चर्चा मेँ शामिल करके अधिक से अधिक साथियोँ को लाभान्वित करने के मेरे उद्देश्य को सफल बनाने मेँ आपका योगदान सराहनीय हैँ। आपका हार्दिक आभार जी।
आपने बहुत ही उपयोगी लिँको का समावेश किया हैँ।
जवाब देंहटाएंचर्चा बहुत ही सार्थक हैँ।
आपने मेरे लेख को चर्चा मेँ शामिल करके अधिक से अधिक साथियोँ को लाभान्वित करने के मेरे उद्देश्य को सफल बनाने मेँ आपका योगदान सराहनीय हैँ। आपका हार्दिक आभार जी।
बढ़िया चर्चा..
जवाब देंहटाएंहैपी ब्लॉगिंग
saarthak sundar charcha!
जवाब देंहटाएंसार्थक और सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स ,अच्छी चर्चा आभार व बधाई।
जवाब देंहटाएंसुव्यवस्थित चर्चा. आभार.
जवाब देंहटाएंओह,बहुत देर से आया।
जवाब देंहटाएंभाषा,शिक्षा और रोज़गार ब्लॉग की पोस्ट लेने के लिेए आभार। आपने कई अन्य महत्वपूर्ण लिंक उपलब्ध कराए हैं,उनके लिए भी।
जवाब देंहटाएं