नव पल्लव , नव कुसुम , नव गंध और नव गात !
रजनी रसमय रंगिणी , प्रमुद प्रफुल्ल प्रभात !!
सुरभित पवन , सुहावनी धरा , स्वच्छ आकाश !
जल अमृत , रुचिकर अनल , …मुसक...
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आज मकर-संक्राति के अगले दिन
मिट्टी के घोड़ों(खिलौने) की होने वाली
पूजा(भंवरांत) के समय उन घोड़ों की पीठ पर
लड्डू और मठरी-खुरमों से भर कर लादे गए कपड़े के...
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ब्रह्मकमल का अर्थ है ‘ब्रह्मा का कमल’।
यह माँ नन्दा का प्रिय पुष्प है ।
तालाबों या पानी के पास नहीं बल्कि ज़मीन पर होता है।
ब्रह्मकमल 3000-5000 मीटर की ऊँ...
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शास्त्रीजी ( डॉ. रूपचन्द्र "मयंक" ) की बसंत के आगमन की कविताए पढकर
मेरा भी कवि ह्रदय यह सोचने लगा कि,
अब तो बसंत का आगमन करना ही पड़ेगा
सो, शास्त्री जी ज़ैसी काव्य क्षमता तो नही हे मेरी
अपनी सीधी -साधी भाषा में यह कविता लिख रही हु -----
लो फिर बसंत आया
फूलो पे रंग छाया
पेड़ो पे टेसू आया
लो फिर बसंत आया
कलियों ने सिर उठाया
भवरों ने प्यार जताया
लो फिर बसंत आया.....
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गेहूं की बाली ने कहा, पीली सरसों से
देख आज पवन मुस्करा रही है
लगता है ऋत बसन्ती आ रही है ...
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स्वर मेरा अब दबने लगा है,
कंठ से राग ना फूटे,
अंतरमन में ज्योत जला दो,
कही ये आश ना टूटे। ...........
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टूटा कोई ख्वाब अधूरा होकर,
गुजरा दिन आज खफा होकर।.....
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वसंत का आगमन हो चुका है. फिजा में चारों तरफ मादकता और उल्लास का अहसास है. यहाँ अंडमान में तो वैसे भी ठण्ड नहीं पड़ती, पर वसंत के अहसास से भला कैसे अछूते रह सकते हैं. कभी पढ़ा करते कि 6 ऋतुएं होती हैं- जाड़ा, गर्मी, बरसात, शिशिर, हेमत, वसंत. पर ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव ने इन्हें इतना समेट दिया कि पता ही नहीं चलता कब कौन सी ऋतु निकल गई. यह त ...
वसंत पंचमी एक ओर जहां ऋतुराज के आगमन का दिन है, वहीं यह विद्या की देवी और वीणावादिनी सरस्वती की पूजा का भी दिन है। इस ऋतु में मन में उल्लास और मस्ती छा जाती है और उमंग भर देने वाले कई तरह के परिवर्तन देखने को मिलते हैं। वसंत पंचमी के दिन कोई भी नया काम प्रारम्भ करना शुभ माना जाता है। इसी कारण ऋषियों ने वसन्त पंचमी के दिन सरस्वती पूजा की प्रथा च ...
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आया बसन्त [कविता] - शरदचन्द्र गौडऋतु बदलीआया बसंत------------------------------------------------
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आदरणीय डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री जी "मयंक" प्रणाम !
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच की पूरी टीम को नमस्कार !
… और सभी को बसंत पंचमी की हार्दिक बधाइयां एवम् मंगलकामनाएं !
आज की चर्चा में शस्वरं को प्रथम स्थान पर मान देने के लिए हार्दिक आभार !
आशा है, आज बहुत सारे मित्र , जो अब तक नहीं आ सके हैं … शस्वरं पर अवश्य आ'कर मां सरस्वती का प्रसाद पाएंगे …
हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
शस्वरं
vasantotsva doosre din bhi manaya bahut achchha laga.sundar charcha.aabhar..
जवाब देंहटाएंvasant to abhi aaya hai aur aap jaise uska ullas manane vale hain to lagta hai utsav lamba chalega.sundar charcha,sarthak links aabhar....
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह बढ़िया!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा !
जवाब देंहटाएंबसंत पंचमी की हार्दिक बधाई .....
जवाब देंहटाएंचर्चा लाजवाब ...
अच्छे लिंक्स , अच्छी चर्चा , आभार व बधाई।
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्रीजी .... बहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति के लिए धन्यवाद..... चैतन्य की पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर एवं बेहतरीन चर्चा 'सदा' को स्थान देने के लिये आभार ।
जवाब देंहटाएंवासन्तिक रंगो से सजा बेहद खूबसूरत चर्चा मंच सजाया है…………काफ़ी बढिया लिंक हैं।
जवाब देंहटाएंआदरणीय डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री जी "मयंक" सादर प्रणाम !
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच की पूरी टीम को नमस्कार !
…आप सभी को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें
बसंत सी रंग विरंगी चर्चा.
जवाब देंहटाएंस्वर मेरा अब दबने लगा है,
जवाब देंहटाएंकंठ से राग ना फूटे,
अंतरमन में ज्योत जला दो,
कही ये आश ना टूटे
बहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति के लिए धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंआप को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें|
बहुत सुन्दर वासंती चर्चा..अच्छे लिंक्स के लिए आभार..
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा .
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