दोस्तों ,
आइये आज आपको ले चलते हैं संगीत की दुनिया में ............कभी सुना करते थे बिनाका गीतमाला अमीन सायानी की आवाज़ में ...........अब वो तो यहाँ हैं नहीं तो आप मेरी आवाज़ में सुन लीजिये -------आवाज़ का मतलब तो समझ गये ना------यही हमारा चर्चामंच जिसके माध्यम से हम आपसे रु-ब-रु होते हैं और अब आनंद लीजिये संगीतमयी चर्चा की..................रसमयी गीतमाला में .
जब भी जी चाहे नयी दुनिया बसा लेते हैं लोग
भूली हुयी यादों मुझे इतना न सताओ
अब चैन से रहने दो मेरे पास न आओ
यार हमारी बात सुनो
ऐसा इक इन्सान चुनो
जिसने पाप न किया हो
जो पापी न हो
जाने कहाँ गए वो दिन
कहते थे तीरी याद में
नज़रों को हम झुकायेंगे
मौसम है आशिकाना
ए दिल कहीं से उनको
ऐसे में ढूंढ लाना
बना के क्यूँ बिगाड़ा रे नसीबा
ऊपर वाले ऊपर वाले
प्यार बाँटते चलो
प्यार बाँटते चलो
क्या हिन्दू क्या मुसलमान
हम सब हैं भाई भाई
पिया संग खेलूँ होरी
फागुन आयो रे
मैंने पूछा चाँद से
देखा है कहीं
मेरे यार सा हसीं
चाँद ने कहा
चांदनी की कसम
नहीं नहीं नहीं ........
संसार की हर शय का
बस इतना फ़साना है
इक धुंध से आना है
इक धुंध में जाना है
ये दुनिया ये महफ़िल
मेरे काम की नहीं
मेरा कुछ सामां
तुम्हारे पास रखा है
आई झूम के बसंत
झूमो संग संग में
तेरे मेरे बीच में
कैसा है ये बंधन अन्जाना
ये क्या हुआ
कैसे हुआ
कब हुआ
अरे छोड़ो
ये न पूछो
ठन्डे ठन्डे पानी से नहाना चाहिए
गाना आये ना आये गाना चाहिये
ख्वाब हो तुम या कोई हकीकत
कौन हो ये बतलाओ
देर से इतनी दूर खड़ी हो
और करीब आ जाओ
तू कितनी अच्छी है
तू कितनी भोली है
प्यारी प्यारी है
ए माँ ए माँ
ज़िन्दगी कैसी है पहेली हाय
कभी ये हंसाये कभी ये रुलाये
जीवन चलने का नाम
चलते रहो सुबहो शाम
तस्वीर तेरी दिल में
जिस दिन से उतारी है
फिरूं तुझे संग ले के
नए नए रंग लेके
सपनो की महफ़िल में
हर कोई चाहता है
इक मुट्ठी आसमान
हर कोई ढूंढता है
इक मुट्ठी आसमान
मैंने माँ को देखा है
माँ का प्यार नहीं देखा
मैंने फूल तो देखे हैं
फूलों का हार नहीं देखा
चाँद आहें भरेगा
फूल दिल थाम लेंगे
हुस्न की बात चली तो
सब तेरा नाम लेंगे
बड़े दिनों में ख़ुशी का दिन आया
चक दे चक दे इण्डिया
कुछ न कहो
कुछ भी न कहो
समय का ये पल
थम सा गया है
और इस पल में
कोई नहीं है
बस एक तुम हो
बस एक मैं हूँ
है प्रीत यहाँ की रीत सदा
मैं गीत यहाँ के गाता हूँ
कैसे आऊँ मैं यमुना के तीर रे
हाथों की बंद लकीरों का
सब खेल है बस तकदीरों का
तुम्हें याद होगा
कभी हम मिले थे
मोहब्बत की राहों पे
मिलके चले थे
सौ बार जनम लेंगे
सौ बार जुदा होंगे
ए जाने वफ़ा फिर भी
हम तुम न जुदा होंगे
बस यूँ ही
जब भी ये दिल उदास होता है
जाने कौन आस पास होता है
बच्चे आत्महत्या क्यों कर रहे हैं?
दिल तो बच्चा है जी
थोडा कच्चा है जी
तू कहाँ: चंद मुक्तक
तू कहाँ ये बता
इस रंगीली रात में
माने न मेरा दिल दीवाना
तेरा साथ है कितना प्यारा
कम लगता है जीवन सारा
तेरे मिलन की लगन को
हमें आना पड़ेगा दुनिया में दोबारा
ये मेरा दीवाना पन है
या मोहब्बत का सुरूर
तू ना पहचाने तो है ये
तेरी नज़रों का कसूर
तुझको रखे राम तुझको अल्लाह रखे
दे दाता के नाम तुझको अल्लाह रखे
जो तुमको हो पसंद
वो ही बात कहेंगे
तुम दिन को अगर रात कहो
रात कहेंगे
खाई है रे हमने कसम
संग रहने की
आएगा रे उड़ के मेरा
हंस परदेसी
चौहदवीं का चाँद हो
या आफ़ताब हो
जो भी तुम खुद की कसम
लाजवाब हो
दर्पण को देखा तूने
जब जब किया सिंगार
फूलों को देखा तूने
जब जब आई बहार
लिव इन रिलेशन में मिल रही मासमू को सजा
ये दुनिया ये महफ़िल
मेरे काम की नहीं
जी लेने दो...
इस शहर में हर शख्स परेशान सा क्यों है
मथभुकनी
आज फिर जीने की तमन्ना है
आज फिर मरने का इरादा है
क्या मन में ढूँढा था
मेरा मन तेरा प्यासा
हिसाब बराबर .
आदमी जो कहता है
आदमी जो करता है
ज़िन्दगी भर वो सदाएं
पीछा करती हैं
ek गीत
गाये जा गीत मिलन के
तू अपनी लगन के
सजन घर जाना है
मुझे इस शहर में बेगानेपन का अहसास घरने लगा है.
सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यों है
इस शहर में हर शख्स परेशान सा क्यों है
बिना शिकन डाले
कोई शिकवा भी नहीं
कोई शिकायत भी नहीं
और हमें तुमसे अब वो
पहली सी मोहब्बत भी नहीं
दुनिया में हम आये हैं तो
जीना ही पड़ेगा
जीवन है अगर ज़हर तो
पीना ही पड़ेगा
तुम्हें मंदिर की घंटियों में मैंने पाया है...
खुदा भी आसमा से जब जमीं पर देखता होगा
मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगारिश्तों के अर्थ
दिल को देखो चेहरा ना देखो
चेहरों ने लाखों को लूटा
दिल सच्चा और चेहरा झूठातुझे क्या सुनाऊँ मै दिलरुबा
तेरे सामने मेरा हाल है तेरी इक निगाह की बात है
मेरी ज़िन्दगी का सवाल है नेट और साहित्य ..आइए बहसियाते हैं
हम बने तुम बने
इक दूजे के लिये
उसको कसम लगे
जो बिछड्कर इक पल भी जियेकरोगे याद तो
हर बात याद आयेगी
गुजरते वक्त की
हर मौज ठहर जायेगी
अच्छा अब आज्ञा दीजिये और बताइए ५७ ब्लोगों की गीतमाला में कौन से पायदान पर कौन सा ब्लॉग पहुंचा ...........आपके विचारों की प्रतीक्षारत
रस मई गीत माला में क्रम क्या होगा पता नहीं पर पहली पोस्ट पढ़ ली है |और पच्चीसवी सालगिरह{शादी की }पर बधाई भी दी है बाकी सब लिंक्स दोपहर के लिए |बहुतसे गीत याद दिला दिए आपने |आभार
ReplyDeletebahut sundar.ye kauhna ki kaun sa blog to sabhi ek se badhkar ek hain.sarthak chacha.badhai..
ReplyDeletegeetmala shabd ne to ameen syani ji kee yad dila dee.bahut hi achchhe links liye hain aapne din bhar me shayad poore dekhne v aaklan karne ke liye samay kam padega.bahut sundar charcha.badhai...
ReplyDeleteवाह.....ये ५७ वीं पायदान कौनसी है ...जिससे उपर चढ़ना होगा...???
ReplyDeleteबधाई संगीत के लिए...
गीतमयी यह चर्चा बहुत आकर्षक लगी ! बहुत सारे पसंदीदा गीत याद आ गये ! इन्हें रचनाओं के साथ जोड़ कर पढ़ना अभी बाकी है ! बेमिसाल चर्चा के लिये आपको बहुत सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !
ReplyDeleteअरे वाह!
ReplyDeleteइस चर्चा के बारे में तो यही कहूँगा कि "भूतो न भविष्यति"!
देखते हैं कि आपकी मगली चर्चा में 100वीं पायदान पर कौन सी पोस्ट चढ़ेगी?
आभार!
सर रसमयी ही नहीं , रंगमयी भी ...
ReplyDeleteधीरे धीरे पढ़ पाना होगा पूरा ..
आभार !
अभी कुछ नहीं कह सकता, बस इतना ही कि अभी सारे लेख पढ़ ही नहीं पाया हूँ....बहुत बढ़िया संकलन....
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत है आज के चर्चा मंच का गीतों भरा यह गुलदस्ता .काफी मेहनत से सजाया -संवारा है इसे आपने. इस चयनिका में मुझे भी जगह मिली, आपका आभारी हूँ .
ReplyDeleteसंगीतमय चर्चा.. गुनगुना रही है हर पोस्ट
ReplyDeletebhai wah....yahan to poori antakshari toli jami huii hai....bohot khoob :)
ReplyDeleteकई रंगों से भरी , कई सुरों में सजी अच्छी चर्चा के लिए शुक्रिया! मेरी कविता 'दुनिया' भी इन रंगों में शामिल हुई , आपका आभारी हूँ ।
ReplyDeleteबहुत ही अलग अंदाज़ से आज का चर्चा मंच प्रस्तुत किया आपने -
ReplyDeleteबहुत रोचक लगा.
बधाई .
vandaneey charcha..badhai..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सजी हुई वार्ता..
ReplyDeleteवन्दना जी मेरी पोस्ट को इस काऊंट डाऊन में शामिल करनें के लिये बहुत बहुत धन्यवाद...
आपका आभार
बहुत बढ़िया संकलन....
ReplyDeleteआभार..!
अद्भुत, अनोखी, बेमिशाल, बेनजीर और अनुपम प्रस्तुति.... इस नए अमीन सयानी की सार गर्भित और प्रसंगा नुकूल टिप्पणिया होली रंगों की रग-विरंगी बौछर हैं. हमे तो भाई बहुत मजा आया...., भीगने का.... गाने का... और नहाने का..., हम तो यही कहेंगे - "आज न छोड़ेंगे .....खेलेंगे हम होरी......"
ReplyDeleteअनोखी रसमयी चर्चा...रचना के अनुकूल गीतों का चयन लाज़वाब...बधाई..
ReplyDeleteमेरी रचना को चर्चा में शामिल करने के लिए धन्यवाद..आभार
प्रस्तुति अच्छी थी धन्यवाद! लेकिन "बच्चे आत्महत्या क्यों कर रहे हैं? लिंक के नीचे कैप्शन- दिल तो बच्चा है जी, थोडा कच्चा है जी" कुछ जंचा नहीं| एक गंभीर विषय पर हलकी टिप्पणी कहूँगा मैं|
ReplyDeleteवंदना जी इस सतरंगी और मनभावन चर्चा के लिए आपका आभार । हर लेख के साथ सदाबहार गीतमाला ने तो चार चाँद ही लगा दिए ।
ReplyDeleteसतरंगी और साथ में रसमयी गीतों के संग सजी आज की चर्चा मंच वाकई मन मोह लिया...बहुत ही सुंदरता से चर्चा मंच सजाती है आप....धन्यवाद वंदना जी।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लिंक चुने है आपने ,
ReplyDeleteऔर मेरे ब्लॉग पोस्ट को इसमे शामिल करने के लिए आभार
कमाल की रंगीन चर्चा है ...जिधर निगाह घुमाता हूँ वहीँ रंग नज़र आते हैं :-) होली की शुभकामनायें अभी से दूं क्या मैम ?
ReplyDeleteWah!Ye geeton bhari pratikriya padhne me hee bahut maza aa gaya!
ReplyDeleteमेरी पोस्ट को शामिल करनें के लिये बहुत बहुत धन्यवाद,आपका आभार....
ReplyDeleteसुंदर वार्ता ... गीतमयी यह चर्चा बहुत आकर्षक लगी ... इस प्रवाह में मुझे शामिल करने का आभार ...
ReplyDeleteकमाल, अद्भुत, रंगबिरंगी और सबसे हटकर चर्चा।
ReplyDeleteवंदना जी,
ReplyDeleteसुंदर,मोहक और मन को छूने लेने वाली सात सुरों से सजी अनोखी संगीतमयी प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत बधाई। सच आपने तो अनमोल पुराने बीते दिनों की याद दिलादी। मन यादों के सागर में डुबकी लगाने लगा। मेरी कविता 'बोलता प्रश्न' को चर्चा मंच में स्थान देने के लिए बहुत-बहुत आभार।
हमें समय को थमाना नहीं है, और न भुलाना ही है। हमें तो निरंतर आगे बढ़ते रहना है और उस ऊँचाई पर पहुँचना है, जहाँ से हमें केवल अपना लक्ष्य ही दिखाई दे। पीछे मुड़कर देखने का कोई रास्ता ही न हो। इसके लिए हमें हाथों में हाथ डालकर एक ऐसी शृंखला बनानी होगी, जिसका कोई
अंतिम छोर नहीं होगा। तो आओ हम सब साथ-साथ आगे बढ़ें और बढ़्ते ही रहें।
मीना अग्रवाल
मेरी पोस्ट माँ The mother को आपने चर्चा में शामिल किया , इसके लिए आपका शुक्रिया ।
ReplyDeleteइस पोस्ट पर शुरुआती टिप्पणियाँ महिलाओं की मौजूद मिलीं जो कि उनकी प्रतिभा को दर्शाता है ।
आपकी पोस्ट के साथ आपकी पोस्ट पर मौजूद टिप्पणियाँ भी अच्छी लगीं । अच्छे लोगों के पास अच्छाई के सिवा और क्या होगा ?
चर्चामंच की सेवाएं वाक़ई रचनात्मक हैं । इसका लिंक अपने एग्रीगेटर हिंदी ब्लागर्स फोरम इंटरनेशनल में लगाया जाएगा और अगर आपका कोई सदस्य वहाँ भी चर्चामंच की ओर से प्रस्तुति दे सके तो हिंदी भाषी पाठकों का कुछ भला होना निश्चित है ।
eshvani@gmail.com
Vandna ji
ReplyDeleteanek dhanywad. aapne meri kawita ko charcha manch mein sthan diya
ashok
कितनी मेहनत से की है आपने चर्चा...इतने सारे लिंकों को एकत्रित करना कोई ठट्ठा नहीं है...
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका..
संगीतमय चर्चा, एक दम नया अंदाज़. आपकी मेहनत दिख रही है लेकिन इस तरह की प्रस्तुतियाँ बहुत ही रोचक बना देती है विषय को जो अन्यथा शायद थोड़ा नीरस हो जाता है. आगे भी आपसे नए प्रयोगों की आशा रहेगी.
ReplyDeleteआपने जो गृह कार्य दिया है वह काफी दुरूह है ५७ लिंक्स चलिए कोशिश करते है.
आज की चर्चा ने अलग ही रंग बिखेर रखा है ...बहुत अच्छी संगीत मयी सरस चर्चा ...
ReplyDeleteगिरिजेश जी की बात पर गौर किया जाए ...वाकयी आत्महत्या का एक गंभीर मुद्दा है ...
मनोरम गीतों के लिंक्स से जुडी ये चुनिन्दा ब्लाग लिंक्स आपके सिलेक्शन के लिये विशेष बधाई की हकदार हैं ।
ReplyDeleteवंदना जी, चिट्ठाचर्चा बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया है आपने...इस शानदार प्रस्तुति के लिए बहुत बधाई...आपने मेरे गीत को भी चिट्ठा-चर्चा में स्थान दिया आपका बहुत बहुत आभार..
ReplyDeletesuron se saji post sumadhur hai..andaje bayan kya khoob hai...
ReplyDeleteये रसमयी रंगमयी चर्चा बहुत ही सुन्दर है.बधाई आपको.
ReplyDeleteवंदना जी चर्चा बहुत सुन्दर और अलग अंदाज में.. रस मिल गया .. :))
ReplyDeleteचर्चा मंच पर की गयी चर्चा बड़ी ही आकर्षक लगी। इसमें भारतीय काव्यशास्त्र सम्मिलित करने के लिए हार्दिक धन्यवाद।
ReplyDeleteअलग हट के वाला अंदाज
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति, धन्यवाद!
ReplyDeleteरसमयी चर्चा ...सच में वंदना जी ..आपकी कारीगिरी लाजवाब है .........
ReplyDeleteमेरी कृति को स्थान देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया .....
meri abhivyakti ko maan dene ke liye aabhaar :)
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