*ॐ साई राम*
"इंद्रधनुष के सात रंगों से,चुन चुन कर रस लाया हूँ,
काव्य सुधा की बूँद बूँद से,साहित्य रंगोली सजाया हूँ,
भक्ति रस में डुब गया मै,हास्य रस ने हँसाया है,
बाल सुलभ की अबोधता ने,बचपन का याद दिलाया है............।"
------(सत्यम शिवम)------
सुप्रभात आप सभी को.........
मै सत्यम शिवम फिर एक बार उपस्थित हूँ, इक अनूठी चर्चा के साथ।
आज मेरे चर्चा में आप साहित्य के सात रसों से रुबरु होंगे,और ब्लाग जगत के हर परिचित एवं अपरिचित कोणे में घुम के आएँगे आज मेरे साथ।
मेरा प्रयास कि मै हरबार कुछ नया दूँ,जो उपयोगी और सार्थक हो,
आप मुझे जरुर बताएँ कैसा लगा आपको इस साहित्यीक रंगोली में गोते लगा कर,
मुझे इंतजार रहेगा..............।
अब शुरु करते है आज की सतरंगी चर्चा...........
पहला रस कुछ सुंदर कविताओं के संग.....
काव्य-रस
"इंद्रधनुष के सात रंगों से,चुन चुन कर रस लाया हूँ,
काव्य सुधा की बूँद बूँद से,साहित्य रंगोली सजाया हूँ,
भक्ति रस में डुब गया मै,हास्य रस ने हँसाया है,
बाल सुलभ की अबोधता ने,बचपन का याद दिलाया है............।"
------(सत्यम शिवम)------
सुप्रभात आप सभी को.........
मै सत्यम शिवम फिर एक बार उपस्थित हूँ, इक अनूठी चर्चा के साथ।
आज मेरे चर्चा में आप साहित्य के सात रसों से रुबरु होंगे,और ब्लाग जगत के हर परिचित एवं अपरिचित कोणे में घुम के आएँगे आज मेरे साथ।
मेरा प्रयास कि मै हरबार कुछ नया दूँ,जो उपयोगी और सार्थक हो,
आप मुझे जरुर बताएँ कैसा लगा आपको इस साहित्यीक रंगोली में गोते लगा कर,
मुझे इंतजार रहेगा..............।
अब शुरु करते है आज की सतरंगी चर्चा...........
पहला रस कुछ सुंदर कविताओं के संग.....
काव्य-रस
1.)डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" जी द्वारा नव वसंत का
"उच्चारण"
मधुबन में मुस्काया बसंत
2.)प्रियंका राठौड़ जी के "विचार प्रवाह" से उत्पन्न चरित्र
अर्धनारीश्वर
3.)आलोकिता जी को "देखिए एक नजर इधर भी"
बधाई हो घर में लक्ष्मी आई है
6.)यशवंत माथुर जी ने ठाना "जो मेरा मन कहे"
तुम्हारी खोज में
भटकेंगे हम
"उच्चारण"
मधुबन में मुस्काया बसंत
आपको पता है कल हमारे प्रिय आदरणीय शास्त्री जी का जन्मदिवस था......
हम सब कि ओर से उन्हे "जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ"
सचमुच शास्त्री जी के जीवन रुपी मधुबन में एक नया वसंत खिल गया।
"हमारी कामना आप देखे हजारों वसंत...."
2.)प्रियंका राठौड़ जी के "विचार प्रवाह" से उत्पन्न चरित्र
अर्धनारीश्वर
3.)आलोकिता जी को "देखिए एक नजर इधर भी"
बधाई हो घर में लक्ष्मी आई है
4.)वंदना जी के ह्रदय प्राण "कागज मेरा मीत,कलम मेरी सहेली...." से निकलती
5.)गिरीश पंकज जी ने ''सद्भावना दर्पण" से देखा
तुम्हारी खोज में
भटकेंगे हम
7.)"डा. वर्षा सिंह जी" जी रही है अब
8.)उदय वीर सिंह जी का होगा "उन्नयन"
में
9.)मुदिता जी के "एहसास अंतर्मन के" कहते है रहना है मुझे
10.)शबनम खान जी ने कहा "क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलती....." फिर भी समझती हूँ
11.)बबन पांडेय जी ने "21वीं सदी का इंद्रधनुष" से रँगा अपना
12.)विनोद जी के "Samvaad ....The Art to Get-In-Touch" से पढ़े
14.)दीप्ति शर्मा जी को हुआ अनोखा "स्पर्श" तब तो
जरुर
15.)मृदुला प्रधान जी की
तो देखिए Mridula's Blog पर
16.)आशा जी की "अकांक्षा" पाना है उन्हें
17.)अनुपमा सुकृति जी सोच रही है
anupama's sukrity पर
18.)अविनाश वाचस्पति जी अपने "झकाझक टाईम्स" पे
कहते है
19.)रश्मि प्रभा जी की "मेरी भावनायें...." जान गयी आखिर
20.)साधना वैध जी के "सुधिनामा" से
21.)मै भी तो हूँ...
मेरी उपासना "काव्य कल्पना" द्वारा
का
22.)रीचा जी "लम्हों के झरोखे से...." देख रही है
23.)अनुप्रिया अपने "लाइफ" से कहती है
24.)ज्योति डांग जी की "भावनायें" अश्रु देती है
काट काट कर
25.)राज भाटिया जी लेकर आये है डा अनिल सवेरा जी की कविता
"नन्हे मुन्ने" पर
26.)स्वराज्य करुण जी कहते है "मेरे दिल की बात" है
और अंत में......
27.)संगीता मोदी "शम्मा" जी को याद आया "भड़ास ब्लाग" पर
28.)गीता पंडित जी ने अपने "नवगीत की पाठशाला" से सीखा
सुंदर सुंदर कविताओं को पढ़ के हमारा मन हो गया अतिसुंदर...
अब तो खुशी में थोड़ा हँस ले ना.....
(दुसरा रस) है हास्य-रस
29.)"काजल कुमार जी के कार्टून" से
30.)"हास्य फुहार" पे जरुर मिले
से
31.)मनोज कुमार जी के "सृजन संसार" के
आपको
32.)कीर्तिष भट्ट जी के "बामुलाहिजा" पर देखते है थियेटर जा कर
33.)सुरेश शर्मा जी का कार्टून धमाका
हा हा हा हा........अरे हँसते हँसते तो मेरे पेट में गुदगुदी होने लगी....
भूख भी लग गया मेरे पेट में,तो क्यूँ ना थोड़ा कुछ खा पी लिया जाये।
(तीसरा रस) स्वाद-रस
34.)निवेदीता जी के "जायका" से सीखिये
बनाना
35.)स्वर्ण लता जी के "स्वाद" संग चखले
अब कुछ किस्से कहानियाँ सुनने और पढ़ने का वक्त है
(चौथे रस) में गद्य-रस
36.)क्षमा जी के "बिखरे सितारे" से चुन चुन कर पढ़िएँ
37.)अख्तर खान"अकेला" जी नाखुश है क्योंकि
38.)मीनाक्षी पंत जी के "स्वतंत्र विचार"
39.)चला बिहारी ब्लॉगर बनने
भूला कर
40.)गगन शर्मा जी का "कुछ अलग सा" तेवर
41.)Dr (Miss) Sharad Singh की "शरदाक्षरा" में
42.)अन्शुमाला जी के "mangopeople" से हो गया आज
43.)दिगम्बर नासवा जी कहते है "स्वप्न मेरे...." है मानों
कभी मिलते ही नहीं
44.)डा. दिव्या श्रीवास्तव जी दिल ("ZEAL")से दुआ करती है
45.)दर्शन कौर धनोए जी कहती है "मेरे अरमान...मेरे सपने...." है
46.)खुशदीप जी के देशनामा से निकलती रिंग टोन
47.)नीरज बसलियाल जी "कबाड़खाना" पे कर रहे है
48.)ललित शर्मा जी द्वारा "ललित डाट काम" पर एक जानकारी
49.)शोभना चौरे की "अभिव्यक्ति" का माध्यम
50.)मेरी "गद्य सर्जना" से मेरी रचना
51.)और अब एक खुशखबरी.......
अविनाश वाचस्पति जी के "नुक्कड़" की गलियों से
चलिए अब थोड़ा नन्हे मुन्नों कि गलियों से भी घुम आये.........
(पाँचवा रस) बाल रस
52.)स्पर्श के बाल मन ने उकेड़ा
53.) "पाखी की दुनिया" भी गजब है वो है आज कल
54.)चैतन्य कर रहा है "चैतन्य का कोना" में
55.) पंखुरी Times पर जानिये कितने है?
(छठा रस) तकनीक-रस
56.)नवीन प्रकाश खरोरा जी के "Hindi Tech - तकनीक हिंदी में" लाया है
और अब चलते चलते अवसान की ओर हो जाये कुछ अध्यात्म रस का भी सेवन..............
(सातवां रस) अध्यात्म-रस
57.)सदा जी के "सदविचार" के मोती
58.)राज शिवम जी ने "ॐ शिव माँ" कह, दिया कारगर भगवत कृपा
59.)ज़ाकिर अली ‘रजनीश जी "TSALIIM" पर बता रहे है
60.)एक नये ब्लाग संगठन की शुरुआत...
61.)स्वामी आनंद प्रसाद 'मानस' द्वारा "ओशो गंगा" पर रहस्योदघाटन
चलिए हो गयी पूरी आज की सतरंगी चर्चा।
अब मुझे बस इंतजार है आपके विचारों का,आप आये और अपने विचारों से अवगत कराये..............
फिर मिलेंगे अगले शनिवार को,तब तक के लिए अलविदा..........
---------सत्यम शिवम----------
भाई सत्यम जी इस बार चर्चा मंच को आप ने बड़ी संजीदगी और खूबसूरती से सजाया है बधाई
जवाब देंहटाएं|
यह सतरंगी चर्चा तो पूरे सप्ताह का लेखा जोखा समेट लाई है अपने पिटारे में!
जवाब देंहटाएं--
इंजीनियर साहिब!
बहुत श्रम से सजाया है आपने शनिवार का चर्चा मंच!
बहुत सी लिंक्स के साथ सजाई है आज की चर्चा |बहुत सी लिंक्स के लिए बधाई |मैं आज बहुत खुश हूँ कि आपने मुझे ,साधना की लिंक सुधिनामा और मेरी मम्मी की लिंक उन्म्नान तीनों को चर्चा मंच पर स्थान दिया है |बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
यंहा आकर तो लगा जैसे इन्द्रधनुषी ब्लागर्स लैंड में पहुँच गया हूँ. अद्भुत, बेमिसाल और मनमोहक संकलन ! हर रस की सुरुचिपूर्ण, सुव्यवस्थित झांकी. अब तो इत्मिनान से हर ब्लाग की सैर करूंगा. हास्यरस में मेरे 'सृजन संसार' ब्लाग के कार्टून को शामिल करने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार!
जवाब देंहटाएंpriya satyam ji ,
जवाब देंहटाएंnamskar ,
aaj ki prastuti mujhe behad khushi
ki anubhuti kara rahi hai ,is liye nahin ki ,meri kavita charcha men hai
balki,isliye ki santulit rup se kavya
srijanon ko padhane ka mauka mila .
vidwata -purn prastuti /sampadan ke liye dhanyavad.
"rekhayen hanth men nahi ashman men
khincho,hausale-mand jan lete hai -mukaddar kya hai "
आपने तो सच में रंग जमा दिया है। कुछ भी नहीं छोड़ा। चिट्ठाजगत, जो चल के भी नहीं चल रहा है कि कमी आपने महसूस नहीं होने दी। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंफ़ुरसत में … आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री जी के साथ (पांचवां भाग)
और देर से ही सही ...
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी को जन्म दिन के ढेर सारी शुभकामनाएं।
भाई सत्यम जी अन्यथा न लीजियेगा .लेकिन बहुत पुरानी पोस्ट भी आज देखने को मिली .वैसे यह आपका विशेषाधिकार है .आप अपने मंच को कैसे सजाते हैं .
जवाब देंहटाएंभाई सत्यम जी अन्यथा न लीजियेगा .लेकिन बहुत पुरानी पोस्ट भी आज देखने को मिली .वैसे यह आपका विशेषाधिकार है .आप अपने मंच को कैसे सजाते हैं .
जवाब देंहटाएंmujhe bahut achha laga shukria aapka aapne mere blog ko aur meri rachna 'pyaaj 'ko yahan shamil kiya tahe dil se abhaari hoon aapki bahut hi achhe tareeke se sazayaa aapne ek baar se fir shukria
जवाब देंहटाएंsatyam ji aaj ki charcha khoobsurat rachnaoon ka pitara hai...is pitare mei meri rachna ko sammlit krne ke liye bhut bhut dhanybad....
जवाब देंहटाएंsath hi shastri ji ko janm din ki hardik bdhayi....
सबसे पहले मै आपकी बहुत शुक्रगुजार हूँ की आपने हमारी रचना को सम्मान दिया और इतने प्यारे -प्यारे लोगों से मिलने का हमे सोभाग्य प्राप्त हुआ ! मै आपकी मेहनत को सलाम करती हूँ क्युकी एक साथ इतने खुबसूरत पोस्ट को यहाँ ले कर आना सच मै काबिले तारीफ है !
जवाब देंहटाएंशुक्रिया दोस्त !
बेहद उम्दा पोस्ट.ढेरों लिंक्स के लिए शुक्रिया .
जवाब देंहटाएंवीकेण्ड पर होम वर्क ज़्यादा मिलता है क्या?
"सतरंगी रसों से सजी साहित्य रंगोलीः-
जवाब देंहटाएंसत्यम शिवम् जी ,
आपने इतने अच्छे शीर्षक के तहत मेरी रचना को आज के चर्चा मंच में स्थान दिया ,मैं आपकी बहुत बहुत आभारी हूँ -
अन्य पोस्ट भी बहुत सुंदर हैं -बहुत अच्छी चर्चा लगी ....!!
बहुत मेहनत की है आपने .. काफी महत्वपूर्ण लिंक्स मिले आभ्.. आभार !!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर इन्द्रधनुषी चर्चा ....
जवाब देंहटाएंविस्तार से की गयी चर्चा एग्रीगेटर की कमी को दूर कर रही है ...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया !
आपकी मेहनत काबिल-ए-तारीफ़ है. बहुत बढ़िया सार-संकलन .अच्छी प्रस्तुति. आभार .
जवाब देंहटाएंबेहद अच्छी चर्चा,ढेरों लिंक्स के लिए शुक्रिया .
जवाब देंहटाएंढेर सारे अच्छे लिंक्स और बड़ी मेनत से की गई चर्चा के लिये सत्यमा जी को बधाई व उनका आभार।
जवाब देंहटाएंbahut hi sunder links hai sare
जवाब देंहटाएंmujhe charchamanch mai sthan deno ko apka bahut bahut aabhar
....
सबसे पहले तो ज़ायका को इस खूबसूरत संकलन में सम्मिलित करने के लिये धन्यवाद .
जवाब देंहटाएंशनिवासरीय चर्चा में इतने सारे लिन्क्स और वो भी इतने व्यवसथित रूप से - सच स्तब्ध हूं !
बहुत -बहुत बधाई ....
वाह! चर्चा मंच पर इतने सारे र्काटूनों को भी एक साथ स्थान देने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंbahut sundar charcha ka darbar lagaya hai aapne .bahut bahut shubhkamaye .
जवाब देंहटाएंसब कुछ समेट लिया दोस्त!:)
जवाब देंहटाएंरोचक अंदाज़ में बहुत ही बढ़िया चर्चा की है आपने.
मेरी पंक्तियों को स्थान देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया.
कमाल है भाई ..सत्यम जी
जवाब देंहटाएंसत्यम शिवम् जी ,
जवाब देंहटाएं"सतरंगी रसों से सजी साहित्य रंगोली’ -(शनिवासरीय चर्चा)में ाेरे आलेख को शामिल करके उसे जो मान दिया है उसके लिए मैं हृदय से आभारी हूं।
सचमुच आपने चर्चा मंच पर इन्द्रधनुषी रंग बिखेर दिया है जिसमें सातों रंगों के साथ नौ रस भी हैं...यह सोने पर सुहागा है। रांगोली का हर कोण अतिसुंन्दर है। आपको बहुत-बहुत बधाई।
बेहद सुन्दर और ढेर सारे अच्छे लिंक्स और हमें अवगत कराने के लिए शुक्रिया आपका ...
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर और ढेर सारे अच्छे लिंक्स और हमें अवगत कराने के लिए शुक्रिया आपका ...
जवाब देंहटाएंआपकी यह सतरंगी चर्चा बहुत ही खूबसूरत है जिसमें आपका परिश्रम और रूचि बखूबी नजर आ रही है ...बधाई ।
जवाब देंहटाएंसत्यम शिवम जी....... सबसे पहले तो हृदय से आपका आभार...
जवाब देंहटाएंआपने मेरी रचना यहाँ प्रस्तुत की...
इतने सारे लेखनी धारकों को पढ़ने का
सुअवसर प्राप्त हुआ..
एक सुंदर और सार्थक प्रयास है आपका...जो मुझे बहुत रुचिकर लगा...धीरे धीरे सभी को पढ़ुंगी ...
साभार,शुभ कामनाओं सहित
गीता पंडित
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसत्यम शिवम् जी ,
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा चर्चा मंच पर आकर....
मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए हार्दिक धन्यवाद! सबको सहेजने का आपका प्रयास बधाई योग्य है। बहुत ही प्रभावशाली, सतरंगी और सार्थक चर्चा रही आज की । काफी उपयोगी और मनोहारी लिँक प्राप्त हुए ।
आपको बहुत बहुत धन्यवाद ।
नवरस का बहुत ही सुन्दर विवेचन किया है……॥……बहुत ही मन से और मेहनत से की गयी चर्चा …………आज तो इंद्रधनुषी रंगों मे सराबोर कर दिया।
जवाब देंहटाएंvistrit aur badhiya charcha.
जवाब देंहटाएंआप सभी आंगतुकों का मै तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ।आपके विचार मेरा मार्गदर्शन करने के साथ साथ मेरा उत्साहवर्धन भी करते है।बहुत बहुत आभार............।
जवाब देंहटाएंanokhe dhang se sazi aaj ki charcha ne vakai satyam ji man moh liya.sai baba ka aap par yoon hi aashirvad bana rahe aur aap har prastuti sarahniy dete rahe.badhai..
जवाब देंहटाएंये चर्चा तो सतरंगी , इन्द्रधनुषीय महाचर्चा जैसी प्रतीत हुई। आपने बहुत खूबसूरती से लेखों कों उनकी विधाओं के अनुसार विभक्त कर सजाया है। कुछ नए ब्लोग्स पर जाना हुआ। अच्छा परिचय हुआ। आपको , इस सश्रम सजी बेहतरीन चर्चा के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंसत्यमजी
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद इस सतरंगी चर्चा में शामिल करने के लिए |
नये नये लिनक्स मिले है पढने को |आभार
@शालिनी जी
जवाब देंहटाएं@दिव्या जी
@शोभना जी.........बस आप सबों का आशीर्वाद बना रहे और साई बाबा का साथ रहे और क्या चाहिएँ....बहुत बहुत धन्यवाद आपसबों को।
सुन्दर लिंक्स से सजी बहुत मनोहारी चर्चा..
जवाब देंहटाएंmanmohak charchaa...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब भईया ... लगे रहिये महाराज ... मज़ा आ गया इस चर्चा को पढ़ कर ... खूब सैर करवाई है ब्लॉग नगरिया की ! जय हो !
जवाब देंहटाएंकमाल का कलेक्शन!! इंजीनियर साहब की मेहनत रन लाई और पूरी चर्चा को इंद्रधनुषी कर गई!!
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रयास...
जवाब देंहटाएंआज का सतरंगी चर्चामंच बहुत अच्छा लगा ! मेरी रचना 'रहनुमां' और मेरी माँ की रचना 'चल मन अपनी प्यास बुझाने' को आपने इस चर्चा में स्थान दिया उसके लिये आपकी आभारी हूँ ! आज के सभी लिंक्स बहुत महत्वपूर्ण लगे ! बधाई एवं शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंसत्यम जी ,बहुत सुन्दर चर्चा -मंच लगा --बधाई -- आपने मुझ नाचीज को इसमें जगह दी --इतने व्यक्तियों का लेखा -जोखा काबिले तारीफ़ हे धन्यवाद
जवाब देंहटाएं@कैलाश जी
जवाब देंहटाएं@रश्मि जी
@चला बिहारी ब्लागर बनने जी
@सुशील जी
@साधना जी
@दर्शन कौर जी.........आप सबों को बहुत बहुत धन्यवाद
@शिवम मिश्रा जी......ये मेरा सौभाग्य है कि आपको मेरी चर्चा अच्छी लगी...बहुत बहुत आभार।
bahut sare links mile.sunder charcha manch sajaya hai.apki mehnat ko naman.
जवाब देंहटाएंइतने सारे ब्लॉग की चर्चा बहुत खूब काफी कुछ है पढ़ने के लिए | चर्चा में मेरा ब्लॉग शामिल करने के लिए धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंअरे वाह !! अर्धसतक पुरा हुबा ...
जवाब देंहटाएंबखूबी से आपने मंच पर यह रंगोली सजाई .... रंग खूब जमें ... और लिंक भी बहुत सुन्दर मिल रहे हैं ...
@nutan ji...namaskar,kha thi aap..mai to subah se aapke cmt ka wait kar raha tha....aapke vicharo ki pratiksha thi mere aaj ke charcha ke liye...gd n8
जवाब देंहटाएंसत्यम जी कमाल ही कर दिया..... बेहतरीन चर्चा ब्लोगिंग की दुनिया का हर रंग समेट लिया..... चैतन्य को शामिल करने का आभार
जवाब देंहटाएंAchi prastuti,behatrin charcha....
जवाब देंहटाएं