आज आदरणीय मनोज कुमार जी
किसी गोष्ठी में भाग लेने के लिए गये हुए हैं!
संयोगवश् डॉट कॉम के ब्लॉग भी खुलने लगे हैं
इसलिए बहुत जल्दी में यह चर्चा लगाई गयी है!
वैलेन्टाइन डे - प्यार की अभिव्यक्ति का दिवस ।
दिखाई दिये अखबारों में-
महका हुआ परिवेश है
कोयल, कागा और कबूतर
लगे रागनी गाने।
इसीलिए तो आज देख लो
वही क्योंकर सुलगती है
वही क्योंकर सुबक़ती है
कितने सुहाने होंगे वे कुछ पल
दिल से दिल तो मिला
गूँज उठी शहनाई
राज को राज ही रहने दीजिए
कब तक?
कितनी मासूम होती हैं
कल्पनाओं के लोक में विचरण करता प्राणी
ज़िन्दगी से अलग हो जाता है ....
बचपन भूखा
जवानी भूखी
भूखी खेत के फसलें क्यों कहते हो
आओ हँस लें कुछ पलों के लिए स्वयं से ,
नहीं तुम्हे देखा है कब से
नित स्वयं से एक रार ठनती है,
नित मैं हारता हूँ,
दिन की मेरी पहली हार,
मन की पहली जीत।
जब उठता हूँ, सूर्यदेव अपनी विजय पर मुस्करा...
पवन *चंदन* : नुक्कड़
दिनेशराय द्विवेदी तीसरा खंबा
Madhavi Sharma उसने कहा था ..
मेरा अथ तुम हो मेरी इति भी तुम
Devendra Gehlod Jakhira, Shayari Collection
तेरे-मेरे दीन का मसअला नहीं, मसअला कोई और है
अशोक पुनमिया Ashok Punamiya's Blog
संजीव शर्मा नुक्कड़
आज के लिए इतने ही से काम चला लीजिए।
कल सोमवार को वन्दना गुप्ता जी
आपके लिए मोहक चर्चा लेकर आयेंगी!
सुन्दर और मनभावन अन्दाज़ मे चर्चा मंच सजाया है…………बढिया लिंक्स के साथ सार्थक चर्चा।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर अंदाज......इतनी जल्दबाजी में भी इतने सुंदर लिंक्स....क्या बात है।
ReplyDeletesarthak chaarcha .sundar links aabhar..
ReplyDeleteसुबह से कई बार कोशिश की, तब अब कहीं जा के चर्चा मंच का पेज खुला|
ReplyDeleteआज की चर्चा शास्त्री जी की तरफ से| 'मनोज' पर आचार्य परशुराम जी द्वारा 'रस' विषय पर जारी आलेख पढ़ना सुखद अनुभव रहा|
कई सारे अच्छे अच्छे लिंक्स देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद|
अब संकलकों की कमी खलनी कम हो गयी है।
ReplyDeleteभाव पूर्ण लिंक्स के लिए आभार |रश्मी जी को जन्म दिन की शुभ कामनाएं |
ReplyDeleteआशा
मनभावन चर्चा ..
ReplyDeleteआभार !
बहुत सुन्दरता से सजाई आपने आज की चर्चा । कही भी यह नही लगा की आपने जल्द्बाजी में यह किया है ।
ReplyDeleteमेरी रचना को लेने के लिये आभार
सुन्दर और सुन्दर जी बस
ReplyDeleteसुंदर और प्यारी चर्चा ..वेलेंटाइन जैसी ...
ReplyDeletejaldbaaji me bhi aap itni khoobsoorti se saja lete hain charcha manch aapki is khoobi se bhi roo-b-roo ho gaye ham .badhai..
ReplyDeletemanbhavan charcha....
ReplyDeleteअच्छी चर्चा,आभार .
ReplyDeletejaldi baaji me achhe links kaa chayan... saadar dhanyvaad ..
ReplyDeletejaldwazee men bhi kafee achchi cheezen padhne ko milin .
ReplyDeletejaldbaji men bhi sundar charcha lagai hai..abhaar.
ReplyDeleteबहुत ही ख़ूबसूरत अंदाज़ चर्चा का..बहुत सुन्दर लिंक्स...आभार
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