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शनिवार, फ़रवरी 12, 2011

वसंती पवन के संग बहती प्यार की हवाएँ:-(शनिवासरीय चर्चा).....Er. सत्यम शिवम

                                  ॐ साई राम
                   वसंती पवन के संग बहती प्यार की हवाएँ,
            ऐसे बेदर्द मौसम में भला कोई,इजहारे मुहब्बत कैसे छुपाएँ
                  ना वो बोले,राज खोले,पर दिल दिवाना तो हरदम,
                                  बस यही गाएँ।
                         -------सत्यम शिवम-------- 
नमस्कार दोस्तों....मै सत्यम शिवम एक बार फिर उपस्थित हूँ आप सबों के सामने।वसंत का आगमण हो चुका है,और सम्पूर्ण धरती किसी नयी नवेली दुल्हन की भाँति सज चुकी है।साथ ही प्यार की हवाएँ भी "वैलेन्टाइन वीक" में सराबोर होकर प्रेममय प्रकृति की अनुठी झाँकी प्रस्तुत कर रही है।

तो अब देर किस बात का है,चलिएँ आज हो आये हम सब भी प्रेम की पाठशाला से होकर,
और आज प्रेम के प्रतीक "किस डे" के उपलक्ष्य में थोड़ा हम भी साहित्य और काव्य रसों का चुम्बन कर ले......।
चलिएँ अब हो जाइये तैयार आज की चर्चा के लिएँ....
सबसे पहले प्रेम में डुबी कुछ कविताएँ......
काव्य रस

                  1.)मेरे पास भी है इक कवि ह्रदय और अपने
                     "काव्य कल्पना" से मै बताना चाहता हूँ 
                                   कवि की इच्छा
2.)डॉ. नागेश पांडेय "संजय" जी "हिन्दी साहित्य मंच" पर वेदनामय स्वर में कहते है









3.)जयकृष्ण राय तुषार जी कर रहे है "छान्दसिक अनुगायन" 











                      4.)डॉ. वर्षा सिंह जी कि प्रेम की अभिव्यक्ति
                                 आया मधुमास है
                5.)दर्शन कौर धनोए जी "प्यारी माँ" को कर रही है
                                   सलाम आखरी!
    6.)वंदना सिंह जी ने उकेरा "कागज मेरा मीत,कलम मेरी सहेली...." से
                                    अधूरी नज्मे...
                           7.)कविता रावत जी ने जाना
                            हर तरफ शोर आई बसंत बहार
8.)venus****"ज़ोया" जी बन गई है "चाँद की सहेली..." और कर रही है










9.)मिताली जी को दिखती है "मेरे सपनों की दुनिया" में 











           10.)मीनाक्षी पंत जी की "दुनिया रंग रंगीली" हो गयी पाकर 
                                         ख़ुशी
             11.)साधना वैध जी की "Unmanaa" से छलकते 
                                      मेरे भाव
       12.)अनुपमा त्रिपाठी जी के "anupama's sukrity!" के बोल 
                               क्षणभंगुर जीवन अनमोल

                            13.)आलोकिता जी की
                                     पशु अदालत 
                          को "देखिये एक नजर इधर भी"

14.)कुँवर कुसुमेश जी मना रहे है 










15.)स्वराज्य करुण जी के संग "मेरे दिल की बात"







               16.)अनिता निहालानी जी के "श्रद्धा सुमन" हुएँ 
                                   हौलौ एन्ड एम्प्टी
             17.)डा नूतन गैरोला जी की "अमृतरस" से ओतप्रोत
                18.)मुदिता जी के "एहसास अंतर्मन के" पा गये 
                                  अप्रतिम विजय..!!
                19.) सुमन "मीत" जी ने "वटवृक्ष" की छावँ में समझा 
                             तेरा अहसास........‘मन’ मेरे
                  20.)वंदना जी के "जख्म...जो फूलों ने दिये" सुझाया 
                              सबका अपना दृष्टिकोण
                   21.)दीप्ति शर्मा जी के "स्पर्श" में दिखती है 
                                     मेरी परछाई
22.)श्यामल सुमन जी "साहित्य शिल्पी" से कहते है








23.)अविनाश चंद्रा जी के "मेरी कलम से...." निकलती है रचनाएँ








              24.)दीपशिखा वर्मा जी की "इंतिहा" ने कह डाला कि तुम



25.)डॉ. नागेश पांडेय "संजय" जी के "नन्हे मुन्ने" रोते है,और हम कहते है
26.)डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक जी के "उच्चारण" पर 
और उनके "नन्हे सुमन"
अब कुछ लेखों की बारी....
गद्य रस 
27.)डॉ. शरद सिंह जी "शरदाक्षरा" से बताती है
28.)मनोज जी के "मनोज" पर आचार्य परशुराम राय जी का लेख
29.)बबन पांडेय जी के "21वीं सदी का इंद्रधनुष" दिखा रहा है
 (का मर्म)
30.)खुशदीप सहगल जी के "देशनामा" की सटीक बात
31.)अजित गुप्ता जी की "अजित गुप्‍ता का कोना" से एक उम्मीद
32.)सोमेश सक्सेना जी के "शब्द साधना" के
 33.)पी.सी.गोदियाल "परचेत" जी के "अंधड़!" से 
34.)राज भाटिया जी का "पराया देश" में हुआ
35.)रश्मि रविजा जी "अपनी, उनकी, सबकी बातें" सुन
      कर रही है









36.)सुशील बाकलीवाल जी के "नजरिया" से झलकता उनका










                37.)रवीन्द्र प्रभात जी की "परिकल्पना" पर
                     38.)रचना जी द्वारा "नारी" पर 
                           (हमारी ओर से भी)
         39.) अल्पना वर्मा जी की "गुनगुनाती धूप" पर जाने 
                                      को
                         40.)भड़ास ब्लाग पर पढ़े
                          41.)मेरी "गद्य सर्जना" पर 
                             42.)"आवाज" से

अब हो जाये थोड़ा हँसना..........
हास्य रस
                     43.)"हास्य फुहार" ने दिखलाया अपना
                                      परफ़ॉर्मेंस
      44.)सुरेश शर्मा (कार्टूनिस्ट) अब "कार्टूनिस्ट सुरेश की पेशकश..." पर 
                45.)मनोज कुमार जी के "सृजन संसार" ने बनाया
                               कार्टून- भोजपुरी सिनेमा
कुछ तकनीकि ज्ञान भी तो जरुरी है.........
तकनीक रस
         46.)रिंकू जी से "रिंकू का भोजपुरी धमाल" पर जानिये
             47.)रवि रत्लामी जी के "छींटें और बौछारें" की मदद से
                   48.)"Hindi Tech - तकनीक हिंदी में" ने बताया 
जायके में आज कुछ लजीज स्वाद पेश कर रहा हूँ........
स्वाद रस
                   49.)निवेदीता जी के "जायका" में आज है
                                     सिंधी कढ़ी
 अब चलो नन्हे मुन्नों की गली.........
बाल रस
                        50.)"माधव" अब खुद को कहता है 
                                        मै हूँ डान
                  51.)अक्षिता पाखी की "पाखी की दुनिया" में देखे
अवसान की ओर बढ़ती आज की चर्चा और अब............
अध्यात्म रस
                52.)सदा जी लेकर आयी है "सद़विचार" पर
              53.)ज़ाकिर अली ‘रजनीश जी "तस्लीम" पर बता रहे है

और अंत में जानिएँ क्या है आपका भविष्य......
            54.)संगीता पुरी जी से जानिएँ "आज का राशि फल"

मैने तो पूरी कर दी अपनी चर्चा,अब मुझे बस आप सबों कि प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा............आप आये और आपने विचारों से मुझे अवगत कराये...


चलता हूँ फिर अगले शनिवार को मिलेंगे..........
तब तक आप प्रेम के इन पावन घड़ियों को समेट लिजीएँ अपने दामन में,अलविदा............।

                   ----------सत्यम शिवम------------

43 टिप्‍पणियां:

  1. भाई सत्यम जी चर्चा मंच पर आना सार्थक हुआ |लगा की मैं कविता रूपी फूलों की घाटी में भ्रमण कर रहा हूँ |पूरा मंच आपने वसंतमय/प्रेममय कर दिया है |आपको और आपके सहयोगी संपादकों /मित्रों को बधाई और शुभकामनाएं |

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  2. kamal hai satyam ji prem ka toofan laye hain aur kahte hain hawain hain.bahut sundar charcha.aabhar

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  3. इन्द्रधनुषी प्रस्तुति के लिए बधाई और आभार.

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  4. बहुत ही बसंती चर्चा है । भिन्न भिन्न प्रकार के फूल आज की चर्चा मेँ सजाये हैँ आपने सत्यम शिवम जी । आभार ।

    " देखे थे जो मैँने ख़्वाब..........गजल "

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  5. well done satyam ji ...
    a very good way to express...or introduce..bloggers/

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  6. bahut hi sunder charcha satyam ji
    mujhe is charcha manch ka hissa banane ko aapka
    bahut bahut aabhar
    ...

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  7. Satyam ji kafi manbhawan rahi aaj ki yah charcha par Alvida kyun kaha agle saniwar ko to fir aayenge na aap nai charcha ke saath to vida likhiye na

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  8. भाई श्री सत्यमजी,
    सभी ब्लागर्स बंधुओं के चित्रों सहित विशेष पठनीय ब्लाग्स की बेहद उपयोगी व सुन्दर प्रस्तुति यहाँ दिख रही है । मेरे ब्लाग नजरिया की मौजूदगी के लिये आपका विशेष आभार.
    परसों शाम से ही ब्लागस्पाट.काम के कोई भी ब्लाग मेरे लेपटाप पर नहीं खुल पा रहे हैं जिससे ब्लाग्स का अपग्रेडेशन तो दूर की बात है कहीं टिप्पणी दे सकने की संभावना भी नहीं बन पा रही है । मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि ये कोई तकनीकी समस्या है या फिर किसी विघ्नसंतोषी की शरारत.
    संयोग ही है कि चर्चामंच खुल गया और ये टिप्पणी आप सहित अन्य पाठक भी यहाँ देख पावेंगे । धन्यवाद सहित...

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  9. भाई सत्यम शिवम जी सुन्दर चर्चा कराई आपने । बधाई । अच्छे लिंक्स मिले । धन्यवाद ।

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  10. बेहद उम्दा और सार्थक चर्चा ... बधाइयाँ और शुभकामनाएं !

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  11. मुझे गर्व है कि मेरे पास सत्यं शिवम जैसा कुशल चर्चाकार है!
    बहुत उम्दा चर्चा!
    बहुत-बहुत बधाई!

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  12. बहुत मेहनत से सजाया है आपने ये गुलदस्ता। आभार।
    सुशील जी वाली समस्या मेरे साथ भी पेश आ रही है। मैने तो मोबाइल से ब्लॉग्स पढ़े और कमेँट्स किए।

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  13. इतने सारे रसों को एक साथ आपने बखूबी प्रस्तुत किया है, आभार एवं धन्यवाद !

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  14. बसंती चर्चा में शामिल करने के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद! सबको सहेजने का आपका प्रयास बधाई योग्य है। बहुत ही प्रभावशाली और सार्थक चर्चा रही आज की । काफी उपयोगी और मनोहारी लिँक प्राप्त हुए ।

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  15. भाई सत्यम जी !! बेहद सुन्दर चर्चा ... आपकी मेहनत को नमन करती हूँ... बहुत सुन्दर चर्चा ...और कई सारे ब्लोग्स को आपने एक जगह पर एकत्रित कर हमें अपने पसंद के हिसाब से साहित्य चयन कर पढ़ने की सुविधा दी ... साथ ही मेरी रचना को भी यहाँ स्थान दे कर मान बढ़ाया ... आपका आभार...

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  16. बहुत सुन्दर लिंक्स हैं.मेरे दोहों को स्थान दिया,आभार.

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  17. सत्यम शिवम् जी ,
    सबसे पहले आपका बहुत बहुत आभार आपने मेरी कविता को चर्चा मंच के लिए चुना .आज की चर्चा बहुत अच्छी है .बहुत सोच समझ कर -अनेकों रंग लिए हुए है .आपकी मेह्नत रंग लायी है .

    जवाब देंहटाएं
  18. चर्चा - मंच उपलब्ध कराने के लिये धन्यवाद .
    इतने सारे रंगों को उपलब्ध कराने के लिये भी आभार .

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  19. सत्यम जी बहुत ही मन और मेहनत से की गयी चर्चा के सभी लिंक्स काफ़ी अच्छे हैं…………कुछ पढ लिये है बाकी बाद मे ……………आभार्।

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  20. @आलोकिता जी.......अलविदा तो बस आज के लिएँ है,हर शनिवार को तो आना ही है हमे........

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  21. @सुशील जी
    @सोमेश जी.....सही बात है न जाने क्या हो गया है इन साइटों को खुल ही नहीं रहा।मेरे यहाँ तो रात २ बजे के बाद से चर्चा मंच का साइट खुल ही नहीं रहा था।पर फिर भी बड़ी मस्सकतों के बाद मैने पेश की आज की चर्चा.....जल्द ही ये परेशानी दूर हो जाये।

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  22. @आदरणीय शास्त्री जी........आपने ये बात कह के मुझे धन्य कर दिया.........बहुत बहुत आभार।

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  23. aapne sahi kaha ... Satyam ji... kal meri charchaa ka din thaa.... kintu kal mai charchamanch nahi khol paayi... kal din se mai charchamanch ko nahi dekh saki ...yah to abhi khola to khul gayi.... kintu kal nahi dekh paayi me kuch bhi chachaamanch par.... mai yahi soch rahi thee ...ki kal aap kaise kaam karenge.... fir laga kee yah mere servar kaa fault hoga...

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  24. @नूतन जी....पता है आपको मेरे यहाँ कल कोई भी फाल्ट नहीं आ रहा था जब मै रात में नौ बजे चर्चा सजाने बैठा.....लेकिन जैसे मेरा चर्चा पूरा हो गया ....उसके बाद से साइट ही खुल नहीं रहा था।काफी कोशिश की पर नहीं खुला तो मै रात २ बजे ही पब्लीश कर दिया.........अभी तो मैने बहुत सा नया पोस्ट भी देखा है जो ब्लागसपाट की गड़बड़ी बता रहा है।क्या है समझ में आ ही नहीं रहा है।

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  25. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  26. शनिवासरीय चर्चामय चर्चा मंच पर आ कर आज का दिन वासंती को गया... मेरे लेख को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए आभारी हूं ! सभी लिंक्स दिलचस्प हैं...सचमुच आपने बहुत मेहनत की है.... आपको हार्दिक धन्यवाद एवं शुभकामनाएं !

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  27. अच्छे अच्छे ख्याल पढ़े, बहुत शुक्रिया.
    शानदार चर्चा!

    जवाब देंहटाएं
  28. एक बेहतरीन और श्रम साध्य कोशिश आपकी - आभार इन मोतियों को चर्चा-मंच में सजाने के लिए। बस स्नेह बनाये रखें।
    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

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  29. सत्यम शिवम् जी,
    सोमेश सक्सेनाजी,
    कल का मेरा ब्लाग पठन व कमेन्ट्स भी मोबाईल पर ही गुजरा जिसमें एक मिनीट का काम 5 मिनिट में भी पूरा नहीं होता । मेरी समस्या अभी भी जारी है । ब्लागस्पाट.काम के 99% ब्लाग (मेरे तीनों ब्लाग सहित) नहीं खुल रहे हैं ।

    कृपया सभी समस्या नोट करने वाले पाठक विशेष ध्यान दें कि कहीं आपका नेट कनेक्शन एअरटेल कंपनी का तो नहीं है । क्योंकि मेरा तो यही है और नुक्कड ब्लाग पर यही चर्चा है । Please Check It. धन्यवाद....

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  30. बहुत सुन्दर लिंक्स ..........मेरी कविता को जगह देने के लिये आपका आभार.....

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  31. सत्यम शिवम् जी! आपका और सभी चर्चामंच को सजाने के लिए योगदानकर्ताओं का बहुत बहुत आभार! आप लोग अपना अमूल्य समय देते हुए जिस तरह देर रात जाग जागकर यह परिश्रम का कार्य कर चर्चामंच को सजाकर हमारे सम्मुख प्रस्तुत करते हो, उसी का परिणाम हैं कि हम जैसे घर दफ्तर के बीच थोडा बहुत समय मिलने वाले साहित्य में रूचि रखने वालों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का मनोबल आप लोगों के प्रोत्साहन से मिलता रहता है.
    ... चर्चा मंच में मेरी कविता को शामिल करने के लिए आभारी हूं ! आपको हार्दिक धन्यवाद एवं शुभकामनाएं !

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  32. डा.रूपचंद्र शास्त्री जी से पूर्णत: सहमत हूँ । ऐसे सजग और कुशल चर्चाकार पर किसी को भी सहज ही गर्व हो सकता है । वाकई चर्चा का जबाब नहीं । बधाई बहुत-बहुत ।

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  33. सत्यम् जी चर्चा मंच की जितनी भी प्रशंसा की जाय कम है। सभी को जानने, समझने का यह एक अच्चा मंच है।



    वसन्त पर कवितायें सार्थक हैं।
    सही हैं।
    पर हमें यह नहीं भूलना चाहिये कि वसन्त तभी तक सुन्दर है....जब तक धरा पर वृक्ष हैं।

    आपसे अनुरोध है कि वृक्ष के सम्रक्ष सम्वर्द्धन के लिये स्वयं भी वृक्ष लगायें तथा अपने चर्चा मंच द्वारा इस विचार को प्रोत्साहन दें। आपका एक कदम हमारे लिये सम्जीवनी सिद्ध होगा।



    मैं वृक्ष हूँ। वही वृक्ष, जो मार्ग की शोभा बढ़ाता है, पथिकों को गर्मी से राहत देता है तथा सभी प्राणियों के लिये प्राणवायु का संचार करता है। वर्तमान में हमारे समक्ष अस्तित्व का संकट उपस्थित है। हमारी अनेक प्रजातियाँ लुप्त हो चुकी हैं तथा अनेक लुप्त होने के कगार पर हैं। दैनंदिन हमारी संख्या घटती जा रही है। हम मानवता के अभिन्न मित्र हैं। मात्र मानव ही नहीं अपितु समस्त पर्यावरण प्रत्यक्षतः अथवा परोक्षतः मुझसे सम्बद्ध है। चूंकि आप मानव हैं, इस धरा पर अवस्थित सबसे बुद्धिमान् प्राणी हैं, अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि हमारी रक्षा के लिये, हमारी प्रजातियों के संवर्द्धन, पुष्पन, पल्लवन एवं संरक्षण के लिये एक कदम बढ़ायें। वृक्षारोपण करें। प्रत्येक मांगलिक अवसर यथा जन्मदिन, विवाह, सन्तानप्राप्ति आदि पर एक वृक्ष अवश्य रोपें तथा उसकी देखभाल करें। एक-एक पग से मार्ग बनता है, एक-एक वृक्ष से वन, एक-एक बिन्दु से सागर, अतः आपका एक कदम हमारे संरक्षण के लिये अति महत्त्वपूर्ण है।

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  34. वाह क्या बात है ..क्या बात है । a complete package ..बहुत ही सार्थक और मैराथन चर्चा । सत्य ही शिव है और शिव ही सुंदर है । शुक्रिया और शुभकामनाएं

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  35. अले वाह, यहाँ तो अब हम बच्चों की भी चर्चा होने लगी है...ढेर सारा प्यार और आभार.

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