मतदान ही लोकतत्र के प्राण हैं!
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गरीब की हाय लेना
उसकी बद्दुआ लेना
उसकी हर आह
तुम्हारा चैन ले जाएगी
दिल दहला जाएगी ...
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काँप जाता है दिल मेरा
तेरे बिन जीने के खयाल से
सहर जाता है बदन मेरा
तेरे दिल की धड़कन से ही
धडकता है दिल मेरा...
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खाना-पानी, दें ना नानी
जब तक जब तक, तब तक तब तक।
टीचर से डर, कब तक कब तक? ...
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नामी या बेनाम सड़क पर
होते सारे काम सड़क पर....
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नन्हें बच्चे की कल्पनाशीलता से होठों पर मुस्कान आ गयी...
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बीते वर्षों का अवलोकन करें
पहला वर्ष आँधियों की गर्द
दूसरा वर्ष एक संघर्ष
तीसरा वर्ष सुनहरा ख्वाब
चौथे पांचवें हवा हो गए..
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बस थोड़ा सा हम खुद को बदल लें तो लगेगा कि :-भारत में वृद्धाश्रम की ज़रुरत से ज़्यादा ज़रुरत है पीढ़ी की सोच बदलने की.
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शादी तो एक बार ही होनी है...रोज़ रोज़ कोई ये दिन आना है...और फिर कमाते किस लिए हैं...सब इन बच्चों के लिए ही न...और फिर शादी-ब्याह तो वैसे भी बिरादरी में नाक का सवाल होता है...
फिर क्या ये कहीं शास्त्रों में लिखा है कि रात में ही शादी का आयोजन होना चाहिए...क्या दिन में समारोह कर बिजली के खर्च को बचाया नहीं जा सकता...
क्या ये ज़रूरी नहीं कि शादी के वक्त सारा ध्यान पवित्र रिश्ते की सभी रस्मों को विधि-विधान से संपन्न कराने पर होना चाहिए...ये तभी संभव है जब आप मेहमानों की आवभगत की चिंता से दूर होकर पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का पालन करें... |
* * *नब्ज कुछ देर से थमी सी है...* इन दिनों आसपास ढेर सारे ख्याल घूमते रहते हैं. अजीबो-गरीब से. यूं कुछ न कुछ ख्याल तो हमेशा ही साथ होते हैं
लेकिन इन दिन...
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किसी आफत की आंच भी नहीं आने देते ;
..उनके साये में हम चैन से सो लेते हैं.... .
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जो जीवन को खुशियों से भर देता है।
मगर वैज्ञानिकों का दावा है कि प्यार-व्यार कुछ नहीं होता,
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महिमा मधुर स्वर में कुछ गुनगुनाते हुये रसोई में खाना पका रही थी,
तभी उसका 7 साल का बेटा शोभित वहाँ आया और बड़े प्यार से उसे बताने लगा, " माँ, माँ, मुझे किसी से प्यार हो गया है...
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मुफ्त डोमेन नेम : फरवरी 2011 - सबसे पहले तो आप सभी को हैप्पी वेलेंटाइन्स डे अब जैसा कि पहले बताया जा चुका है अब हर महीने एक ब्लॉग के लिए डोमेन नेम दिया जायेगा वो भी मुफ्त में । ......
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आओ एक अपना घर बना लें हम भी ! - कच्ची मिटटी से जो ख़्वाब कल बनाए थे, चलो आज पका लें उनको आओ एक अपना घर बना लें हम भी ! रिश्तों की उम्र बड़ी छोटी है कोई एक पल के लिए कोई दो पल के लिए वक... |
लघु कथा - दोहरे मापदंड शुची बहुत दिनो बाद आयी थी। कितने दिन से मन था उसके पास बैठूँगी अपने दिल की बात करूँगी\ मगर आजकल वो बहुत परेशान है, अपनी मकान मालकिन से। शहरो...
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महक मेरा मन फूला महक मेरा मन फूला
मुझे प्यार है फूलों से, ये मुझसे करते प्यार!
झुलाऊँ इनको झूला! झुलाऊँ इनको झूला! ...
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मंदिर की ख़ुशबू : लघुकथा : रावेंद्रकुमार रवि
‘‘तो फिर देर किस बात की है ... ... आ जाओ जल्दी से ... ... थोड़ी-सी ख़ुशबू मुझे भी मिल जाएगी ... ... तुम्हारी ... ... मेरी साँसों को महकाने के लिए !’’....
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तीरथराम साईकिल रिक्शा चलाता और पत्नी किशोरी घर सम्भालती.
दोनो दिन-रात काम करते. घोर ईश्वर भक्त.
ईश्वर भी उसकी निरन्तर भक्ति से प्रसन्न हो एक के बाद एक ...
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* * *होगा किसी के लिए आज का दिन विशेष
* *अपने लिए तो है* *बारह मास बसंत*
*संत सभी फ़रमा गए – प्रेम जगत का सार !*
*प्रेम बिना निस्सार है यह सारा संसार !!*..
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माणिक Ashok Jamnani
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जब बड़ा आदमी बन जाऊँगा तो कैसा लगेगा ---- - पिता सरकारी दफ्तर में चपरासी था । अभावों में जीना सीख लिया था उसने । जब सब बच्चे गली में क्रिकेट खेल रहे होते तो वह खिड़की से झांक कर दूसरों को खेलते देख क...
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आदरणीय मयंकजी ...सतरंगी लिनक्स संजोये बेहतरीन वार्ता..... आपका आभार
जवाब देंहटाएंचुनिन्दा लिंकों का सुन्दर प्रस्तुतिकरण.
जवाब देंहटाएंlinks bahut hi dhyan se chune gaye prateet hote hain charcha manch ka sheershak lajawab hai.bahut sarthak charcha.badhai
जवाब देंहटाएंbahut achchhi charcha .meri rachna ''mere maa-baap hai ya ...farishte hain ''ko charcha me sthan dene ke liye hardik dhanywad .
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा .. आभार !!
जवाब देंहटाएंसुन्दर इन्द्रधनुषी चर्चा ....लिंक्स भी हर रंग लिए हुए हैं ...
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी...नमस्कार..बहुत ही सुंदर सतरंगी चर्चा है आज की।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा... लिंक बेहतरीन ..और रंग बसंत के साथ ज्यू बगिया में कई रंग के फूल...
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा!
जवाब देंहटाएंदो दिन से चर्चामंच खुल नहीं रहा था.शास्त्री जी से और वंदना जी से मदद ली तब खुला.कई दिन बाद इस पर अच्छे लिंक्स पढ़ने को मिले ,बहुत अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी और वंदना जी ,धन्यवाद मदद के लिए..
काफी उपयोगी और मनोहारी लिँक प्राप्त हुए ।
जवाब देंहटाएंआपको हार्दिक धन्यवाद!
ek sath khubsurat rachna sangrah k liye dhanyavaad...
जवाब देंहटाएंसुंदर सतरंगी चर्चा के लिए बधाई।
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